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कहीं मां-बेटा, कहीं चाचा-भतीजा और कहीं मैदान में डटे हैं समधी

👤 manish kumar | Updated on:19 Oct 2019 4:25 AM GMT

कहीं मां-बेटा, कहीं चाचा-भतीजा और कहीं मैदान में डटे हैं समधी

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चंडीगढ़ । हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मैदान पूरी तरह से गरमा चुका है। सभी राजनीतिक दल रैलियों के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करने में जुटे हैं। इस चुनावी रण में हर जगह परिवारवाद की झलक के साथ-साथ रिश्तेदारियों का दौर भी चल रहा है। हरियाणा के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों में भाई-भतीजावाद देखने को मिल रहा है। परिणाम स्वरूप राजनीतिक घराने इन दिनों पूरी तरह से चुनावी राजनीति में व्यस्त हैं।

हरियाणा की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भले ही परिवारवाद का हवाला देकर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी को टिकट नहीं दिया, लेकिन निवर्तमान शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं तो उनके समधी मूलचंद शर्मा बल्लभगढ़ से चुनाव मैदान में हैं। रामबिलास शर्मा की मूलचंद शर्मा की पुत्रवधु हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जहां अपने पारंपरिक गढ़ी-सांपला-किलोई से चुनाव मैदान में हैं तो वहीं उनके समधी करण सिंह दलाल कांग्रेस के ही टिकट पर पलवल से चुनाव मैदान में हैं। बात अगर चाचा-भतीजे की हो तो दुष्यंत चौटाला और अभय चौटाला अब राजनीति का नया सिंबल बन चुके हैं।

हालांकि दोनों अलग-अलग पार्टियों से हैं, लेकिन अभय चौटाला ऐलनाबाद से तो उनके भतीजे दुष्यंत चौटाला उचाना से चुनाव मैदान में हैं। परिस्थितियों के चलते राजनीति में उतरी दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला इस समय बाढड़ा से चुनाव मैदान में हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस में भी चाचा-भतीजा की जोड़ी चर्चा में है। इसी तरह जाटलैंड के चुनाव को नया मोड़ देने वाले लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के सुप्रीमो एवं पूर्व सांसद राजकुमार सैनी गोहाना से ताल ठोक रहे हैं तो उनका भतीजा गुलशन सैनी अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से चुनाव मैदान में है।

पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय राव बीरेंद्र सिंह के सबसे छोटे बेटे एवं राव इंद्रजीत के भाई राव यादुवेंद्र सिंह जहां कोसली से कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं, वहीं उनके बड़े भाई राव अजीत सिंह के बेटे अर्जुन सिंह अटेली से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। रेवाड़ी जिला के चुनावी रण में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दो उम्मीदवार आपस में जीजा-साले हैं। कौसली से चुनाव लड़ रहे लक्ष्मण सिंह रिश्ते में जीजा हैं तो रेवाड़ी से उम्मीदवार सुनील यादव उनके साले हैं। सुनील यादव की बड़ी बहन लक्ष्मण यादव के बड़े भाई से ब्याही हैं।

हरियाणा की हॉट सीट बनी आदमपुर से भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई जहां चुनावी रण में हैं, वहीं उनके बड़े भाई एवं पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई पंचकूला से चुनाव मैदान में हैं।

परिवारवाद के मामले में बंसीलाल परिवार भी पीछे नहीं है। बंसीलाल के छोटे बेटे स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह की पत्नी किरण चौधरी जहां तोशाम से चुनाव लड़ रही हैं, वहीं उनके जेठ रणबीर महेंद्रा कांग्रेस के टिकट पर बाढड़ा से चुनाव लड़ रहे हैं। बंसीलाल के दामाद एवं किरण चौधरी के ननदोई सोमबीर इस समय लोहारू से चुनाव लड़ रहे हैं।

सिरसा जिला में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या कांड के चलते जेल जा चुके हुड्डा सरकार के पूर्व गृहमंत्री गोपाल कांडा ने पिछले चुनाव में अपनी अलग से हरियाणा लोकहित पार्टी का गठन किया था। गोपाल कांडा इस समय सिरसा से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके भाई गोबिंद कांडा रानिया विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। हिस

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