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प्रोस्टेट कैंसर से बचनें, अपनी डाइट में शामिल करें ये माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स

👤 Veer Arjun | Updated on:14 March 2023 8:45 AM GMT

प्रोस्टेट कैंसर से बचनें, अपनी डाइट में शामिल करें ये माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स

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नई दिल्ली। कैंसर्स जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार मेडिटेरेरियन या फिर एशियाई डाइट फलों और सब्जियों से भरी होती है जो पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम कर सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया में इस पर एक अहम रिसर्च की गई।

Prostate Cancer Prevention: यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जो पुरुष रोजाना रंगबिरंगे फल और सब्जियों का सेवन करते हैं, उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने का जोखिम काफी कम होता है। डाइट में खास तरह के माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स को शामिल करने से प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम से बचा जा सकता है। वहीं, जो पुरुष प्रोस्टेट कैंसर के लिए रेडिएशन थैरेपी से गुजर रहे होते हैं, उनकी रिकवरी में तेजी आती है।

शोधकर्ताओं ने हेल्दी लोगों के एक ग्रुप के साथ प्रोस्टेट कैंसर रोगियों के माइक्रो-न्यूट्रीएंट प्लाज्मा कंसनट्रेशन की तुलना की, जिसमें पाया कि प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों में ल्यूटिन, लाइकोपीन, अल्फा-कैरोटीन और सेलेनियम का स्तर कम होता है और आयरन, सल्फर और कैल्शियम का स्तर उच्च होता है।

रेडिएशन एक्सपोजर के बाद डीएनए को ज्यादा नुकसान पहुंचने के पीछे ब्लड प्लाजमा में लाइकोपीन और सेलेनियम का कम होना है। जिन पुरुषों में प्लाजमा कंसनट्रेशन 0.25 माइक्रोग्राम (यूजी) प्रति मिलीलीटर (एमएल) से कम और/या सेलेनियम के लिए 120यूजी/एल से कम होता है, उनमें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही रेडिएशन के हानिकारक प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होने की संभावना होती है।

लाइकोपीन से भरपूर फूड्स

टमाटर, मेलन, पपीता, अंगूर, आड़ू, खरबूजा और क्रेनबेरीज लाइकोपीन से भरपूर होते हैं। वहीं, वाइट मीट, मछली, शेलफिश, अंडे और नट्स जैसे खाद्य पदार्थ सेलेनियम से भरे होते हैं।

सप्लीमेंट से बेहतर है फूड

इस रिसर्च के को-ऑथर डॉ. प्रेमल डिओ का कहना है कि सप्लीमेंट से बेहतर है कि आप ऐसे फूड्स खाएं जो प्राकृतिक रूप से लाइकोपीन और सेलेनियम से भरपूर होते हैं। यह आपकी सेहत को सप्लीमेंट से कहीं ज्यादा फायदा पहुंचाते हैं। डॉ. डिओ ने कहा कि हम सलाह देते हैं कि आप पोषण विशेषज्ञ की मदद से मेडिटेरेरियन डाइट लें। ऐसा इसलिए क्योंकि हर किसी का शरीर पोषक तत्वों को अलग तरह से अवशोषित करता है। जो व्यक्ति के खाने, पाचन तंत्र, जीनोटाइप और माइक्रोबियम पर निर्भर करता है।

प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम कारक क्या हैं?

प्रोस्टेट कैंसर अभी भी पुरुषों में सबसे आम और सबसे ज्यादा खतरनाक कैंसर है, लेकिन आज भी इससे जुड़ी पोषक तत्वों की कमी का पता नहीं है, इसलिए यह अध्ययन किया गया है। इसके अलावा जातीयता, पारिवारिक इतिहास और उम्र पहले से प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम कारकों में शामिल हैं।

यह भी साबित हो चुका है कि अधिक वजन और शरीर की लंबाई भी प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। ऐसा माना जाता है कि डाइट में डेयरी प्रोडक्ट का उच्च सेवन और विटामिन-ई की कमी भी जोखिम बढ़ाते हैं, लेकिन इससे जुड़े सबूत नहीं मिले हैं।

डिस्क्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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