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अचानक जमींदोज हुआ तिमंजिला मकान, लाखों की क्षति, जनहानि बची

👤 Veer Arjun | Updated on:17 Sep 2019 5:58 AM GMT

अचानक जमींदोज हुआ तिमंजिला मकान, लाखों की क्षति, जनहानि बची

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नरसिंहपुर। सोमवार को सुबह राजीव वार्ड अंतर्गत सिविल पीजी कॉलेज क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक 50-60 वर्ष पुराना तिमंजिला मकान अचानक भरभराकर पूरी तरह धरासायी हो गया। गनीमत यह रही कि घटना में कोई जनहानि नही हुई, वरना हादसे का रूप और विकराल होता। बावजूद इसके इस घटना से मोहल्ले के लोग डरे-सहमे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार साहू हॉस्पिटल के पास कमल मेडिकल स्टोर्स वाली गली के भीतर स्थित इस तिमंजिला मकान में पाठक खानदान के 4 अलग-अलग परिवारों का निवास था। मकान पहले से ही जर्जर था, लिहाजा हादसे की आशंका को देखते हुए घटना के एक दिन पहले ही 3 परिवार किराये के मकानों में शिफ्ट हो गये थे। इस तरह मकान में सिर्फ अंबिका प्रसाद पाठक पिता स्व. भानु प्रसाद पाठक 55 अपनी पत्नि व बच्चों के साथ रह रहे थे। सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर मकान के ढ़ेर होने के पूर्व परिवार के सभी सदस्य सोकर उठ चुके थे। अंबिका प्रसाद घर के भीतर थे। उनकी पत्नि श्रीमती रमा पाठक 55 वर्ष पानी भरने के लिए बाहर निकली थीं। पुत्र हर्षित पाठक 24 वर्ष भी घर में ही था एवं हर्षित की मौसी की लड़की महिमा दीक्षित तीसरी मंजिल में सो रही थी। बाहर सर्विस करने वाली अंबिका प्रसाद की बेटी वंदना पाठक 26 वर्ष को उसका भाई स्टेशन छोड़कर आ चुका था। हादसे के चंद सेकेण्ड पूर्व अंबिका प्रसाद को कुछ आवाजों से अहसास हुआ कि घर गिरने वाला है और तत्परता दिखाते हुए वे घर में मौजूद सभी सदस्यों को उठाकर बाहर की ओर भागे और देखते ही देखते उनकी आंखों के सामने पूरा मकान धरासायी हो गया। घटना के 10 मिनट बाद मौके पर पहुंचे हमारे संवाददाता ने पाया कि पाठक परिवार की गृहस्थी का पूरा सामान मकान के मलवे में दबकर बर्बाद हो चुका है। घर के सभी सदस्यों की आंखों में आंसू थे, बावजूद इसके वे गनीमत मना रहे थे कि कोई जनहानि नही हुई।

मलवे से अन्य मकानों को भी नुकसान, रास्ता हुआ बंद

25 वाय 35 वर्गफुट क्षेत्र में बने धरासायी हुए उक्त मकान में भूतल के अलावा 3 मंजिलें थीं, जिससे पाठक परिवार को लाखों की क्षति हुई है। इस मकान के गिरने से इनके बगल में स्थित शिव प्रसाद, अमित कहार के मकान का अगला हिस्सा भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। अमित कहार की एक बाइक भी मलवे में दब गयी। स्थिति यह बनी कि कहार परिवार के सदस्यों के पास घर से बाहर निकलने का कोई रास्ता नही बचा था। परिवार के सदस्य अमित ने बताया कि इस हादसे से उन्हे भी लाखों का नुकसान हुआ है और घर इतना कमजोर हो चुका है कि वह कभी भी गिर सकता है। इन्होंने प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगायी है। इसके अलावा मकान का मलवा गिरने से इसी गली में पाठकर परिवार के बगल में रहने वाले राकेश साहू के मकान के एक हिस्से में टूट-फूट हुई है, वहीं इनके किरायेदार छोटेलाल चौकसे की नीचे खड़ी बाइक क्षतिग्रस्त हो गयी है।

भूतल का कुछ हिस्सा था कच्चा, नही सह पाया बोझ

मौके पर मिले लोगों ने चर्चा में बताया कि यह पुराना मकान इतना कमजोर हो चुका था कि लगातार बारिश के कारण छत व दीवारों से पानी का जबरदस्त रिसाव हो रहा था। मकान के नीचे का कुछ हिस्सा कच्चा था, जिस पर ऊपर की 3 मंजिलों का बोझ था। मकान गिरने के डर से एक दिन पहले ही हर प्रसाद पाठक, महेश पाठक, भरत पाठक व शिवा पाठक के परिवार यह घर छोड़कर अन्यत्र चले गये थे। मकान के जमींदोज होने के बाद इस गली में भीतर की तरफ निवासरत कुछ परिवारों के लिए बाहर निकलने का रास्ता भी नही बचा है, लिहाजा वे बगल में स्थित साहू हास्पिटल के भीतर से आ-जा रहे हैं। अब प्रशाासन के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह है कि संकरी गली के भीतर से मलवे को कैसे बाहर निकालकर मार्ग सुचारू किया जाये? क्योंकि भीतर जेसीबी मशीन तो दूर की बात ट्रेक्टर का जाना भी संभव नही है।

कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने लिया जायजा

घटना की जानकारी लगते ही सबसे पहले पुलिस की डॉयल 100 मौके पर पहुंची और वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति से वाकिफ कराया। इसके बाद घटना स्थल पर आये नगर पालिका में सांसद प्रतिनिधि नीरज महाराज ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार के सदस्यों को ढ़ांढ़स बंधाते हुए नगर पालिका के अमले को आपदा प्रबंधन हेतु सक्रिय किया। जानकारी मिलने पर एसडीएम महेश बमनहा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी केएस ठाकुर व तहसीलदार ने भी मौके का जायजा लिया और महकमे को आवश्यक निर्देश दिये। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने भी मौके का निरीक्षण कर उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक आदेश दिये। प्रशासन से जब जर्जर मकानों के चिन्हांकन व उन्हे हटाये की कार्रवाई के संबंध में सवाल किये गये तो जवाब संतोषप्रद नही रहा, क्योंकि शहर में ऐसे कई मकान हैं जो जान-माल के लिए खतरा तो बने हैं पर उन्हें हटाये जाने की दिशा में कुछ भी नही किया जा रहा है।

इनका कहना है

इस घटना को दृष्टिगत रखते हुए नगर पालिका व राजस्व अमले को निर्देश दिये हैं कि शहर में स्थित लगभग 50-55 जर्जर स्थिति की इमारतों का एक बार फिर निरीक्षण कर लें। आवश्यक हो तो तोड़ने की कार्रवाई करें। जर्जर इमारतों के गिरने से यदि कोई जनहानि होगी तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।

दीपक सक्सेना कलेक्टर नरसिंहपुर

हम लोग वैसे ही प्रचार- प्रचार कर रहे हैं कि जिनकी जीर्णशीर्ण बिल्ंिडग हैं वे खाली करें, यह बिल्डिंग भी काफी पुरानी है। नगर पालिका भी लोगों को नोटिस जारी करती है पर लोग खाली नही करते। आरबीसी के प्रावधानों के तहत पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जायेगा।

महेश बमनहा, एसडीएम नरसिंहपुर

घटना की जानकारी लगते ही नगर पालिका का अमला मौके पर पहुंच चुका है। हमने पीड़ित परिवार के सदस्यों को कहा है कि जब तक कोई व्यवस्था नही होती तब तक आप नगर पालिका के शासकीय आवासों का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा जो व्यक्तिगत रूप से संभव होगा वह करेंगे।

नीरज महाराज, सांसद प्रतिनिधि नगर पालिका

लगातार बारिश के कारण एवं डॉ. साहू द्वारा अस्पताल में किये गये निर्माण कार्य के कारण मकान बहुत कमजोर हो चुका था। मकान में ज्यादा दरारें दिखने के कारण हमें हादसे का अंदेशा हो चुका था। हम नीचे आये ही हैं और मकान भरभराकर गिर गया।

हर्षित पाठक, पीड़ित परिवार का सदस्य

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