तकनीकि समझ के बगैर मलवा हटाने से फिर हो सकता है बड़ा हादसा
नरसिंहपुर। 16 सितंबर को पीजी कॉलेज रोड में साहू हास्पिटल के पास धरासायी हुए तिमंजिला मकान के मलवे को हटाना बहुत बड़ी चुनौती है, पर प्रशासनिक स्तर से पीड़ित परिवार को कोई भी मदद नही मिल पा रही है। विदित हो कि इस घटना के तुरंत बाद पुलिस, राजस्व, नगर पालिका के अधिकारियों सहित खुद कलेक्टर ने मौके पर पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया था, लेकिन उसके बाद अधिकारी तो दूर कोई कर्मचारी भी वहां लौटकर नही आया। ऊपर से नीचे तक पूरी तरह ढ़ेर हो चुके मकान के मलवे में पीड़ित पाठक परिवार की गृहस्थी का सारा सामान दबा हुआ है। घर के सभी सदस्य छोटी-छोटी चीजों के लिए मोहताज होकर दूसरों के घरों में शरण लिये हुए हैं। ऐसी स्थिति में जरूरत है कि प्रशासन कुछ मानवीयता दिखाकर इस बड़ी आपदा को झेल रहे परिवार के कांधे में हाथ रखकर यह तो जता दे कि वह उसके साथ है, क्योंकि इस घटना के बाद परिवार के किसी भी सदस्य की मानसिक स्थिति ठीक नही है। अभी पाठक परिवार द्वारा ही मलवा हटाने के लिए निजी मजदूरों से काम लिया जा रहा है, और यह काम लंबा चलने की संभावना है, ऐसे में परिवार के सामने आर्थिक संकट भी खड़ा हुआ है, सीमित संसाधनों से इस कार्य को पूर्ण किया जाना संभव नही है।
अन्य परिवारों को भी है मदद की दरकार
उक्त इमारत में भूतल के अलावा 3 मंजिलें थीं, लिहाजा इस मलवे के हटाने में मजदूरों के अलावा इंजिनियरिंग की भी जरूरत है, क्योंकि इमारत का कुछ मलवा लोहे की छड़ों में लटका हुआ भी नजर आ रहा है। यदि इन्होनें अपने हिसाब से काम किया तो जनहानि की संभावना से भी इंकार नही किया जा सकता। पाठक परिवार के अलावा उन परिवारों को भी मदद की दरकार है, जिनके मकान इस हादसे की जद में आकर क्षतिग्रस्त हुए हैं। यहां निवासरत कहार परिवार के मकान के सामने का हिस्सा भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसे पूर्ववत करने में लाखों की लागत आयेगी। इसके अलावा यह मकान गिरने से यहां के कुछ वाशिंदों के रास्ते भी बंद हो चुके हैं, जिसे सुचारू कराना पाठक परिवार से अधिक प्रशासन का दायित्व है, पर प्रशासन कहीं नजर ही नही आ रहा। जिस गली में यह हादसा हुआ, वहां पर कुछ मकानोें के छज्जे भी क्षतिगग्रस्त नजर आ रहे हैं, जो कभी भी किसी बड़े हादसे की कहानी लिख सकते हैं।
लाल महल का जर्जर हिस्सा हटाया
राजीव वार्ड में इस मकान के गिरने के बाद प्रशासनिक महकमा कुछ सचेत तो नजर आ रहा है, लेकिन उसने गंभीरतापूर्वक कार्रवाई नही की तो संभव है कि शहर को फिर इस तरह का हादसा देखने को मिले। इस संबंध में नगर पालिका सीएमओ किशन सिंह ठाकुर ने बताया कि शहर में करीब 51 मकान कमजोर व जर्जर स्थिति मे हैं। इन मकानों का निरीक्षण कर उनके मालिकों को आवश्यक निर्देश व नोटिस दिये जा रहे हैं। इनमें से जो मकान सुधार योग्य हैं, उनमें सुधार कार्य कराने को कहा गया है। सीएमओ के मुताबिक शहर में 7-8 मकान अत्यन्त जर्जर हैं, जिन्हे हटाने के लिए कार्रवाई की जा रही है। बीते दिवस नगर पालिका के अमले ने गांधी चौराहा पर स्थित जर्जर लालमहल का कुछ हिस्सा भी हटवाया।