भगवान महाकाल की सवारी राजसी ठाट-बाट से निकाली गई
उज्जैन । प्रतिवर्ष परंपरानुसार इस वर्ष भी विजयादशमी पर्व (दशहरा) मनाया गया। 8 अक्टूबर को सायं 4 बजे विजयादशमी पर्व पर भगवान श्री महाकाल की सवारी राजसी ठाट-बाट के साथ निकाली गयी। सवारी के पूर्व सभा मंडप में मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री सुजान सिंह रावत, उपप्रशासक आशुतोष गोस्वामी मंदिर के पुजारी व पुरोहितो ने पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची मध्य प्रदेश सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री मनमहेश को सलामी दी गई। भगवान श्री मनमहेश का दर्शन लाभ सवारी मार्ग में दोनों ओर खडे श्रद्धालुओं ने लिया।
वर्ष में एक बार नये शहर में भ्रमण पर जाने वाली भगवान श्री महाकालेश्वर जी की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से पटनी बाजार, गोपाल मंदिर, छोटा सराफा, सतीगेट, कंठाल, नई सडक, दौलत गंज, मालीपुरा, देवास गेट, चातुण्डा माता चौराहा से ओव्हर ब्रिज से फ्रीगंज टावर, माधव नगर चिकित्सालय के सामने पुलिस कंट्रोल रूम होती हुई दशहरा मैदान पहुंची। सवारी मार्ग में श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह पर श्री महाकालेश्वर भगवान का स्वागत किया गया। दशहरा मैदान पर श्री शशांक मिश्र कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के द्वारा भगवान श्री मनमहेश एवं शमी वृक्ष का पूजन किया गया। इस दौरान श्री सचिन अतुलकर पुलिस अधीक्षक, श्री आर.पी.तिवारी ए.डी.एम., मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक श्री सुजान सिंह रावत, आदि उपस्थित थे। पूजन के पश्चात सवारी वापसी में ओव्हर ब्रिज से संख्याराजे धर्मशाला, देवास गेट, मालीपुरा, तोपखाना, महाकाल घाटी होकर श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं को श्री महाकालेश्वर भगवान के श्री होल्कर (मुखारविंद) स्वरूप में दर्शन हुए।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में परम्परानुसार महाकाल मंदिर के शिखर पर ध्वज बदला गया। तहसील की ओर से मंदिर के शिखर पर बदले जाने वाले ध्वज का पूजन मंदिर स्थित पंचायती महानिवार्णी अखाडे द्वारा किया गया।