सरदार सरोवर डूब क्षेत्र के विस्थापितों ने भोपाल में किया जोरदार प्रदर्शन
भोपाल । गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध बनने के बाद मध्यप्रदेश के डूब प्रभावित क्षेत्रों के हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया गया, लेकिन उन्हें अब तक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। विस्थापित लगातार अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। नेतृत्व में नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर के नेतृत्व में हजारों विस्थापितों ने शनिवार को भोपाल पहुंचर जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया और नर्मदा भवन का घेराव कर दिया। फिलहाल, प्रदर्शन जारी है और सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ी मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम, राकेश दीवान और राजेंद्र कोठारी के नेतृत्व में डूब प्रभावित क्षेत्रों के सैकड़ों लोग शनिवार को दोपहर भोपाल पहुंचे और यहां शाहजहांनी पार्क से नर्मदा भवन तक विरोध-प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली। इसके बाद डेढ़ हजार से भी ज्यादा लोगों ने नर्मदा भवन का घेराव कर दिया। हालांकि, भारी पुलिस बल ने उन्हें नर्मदा भवन के अंदर जाने से रोक दिया। इसीलिए प्रदर्शनकारी भवन के सामने धरने पर बैठ गए और जोरदार नारेबाजी की। सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है, वहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन संगठन के लोग टेंट लगाकर डटे हुए हैं।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं मेधा पाटकर का साफ कहना है कि इस बार आश्वासन से काम नहीं चलेगा। जब तक लिखित आदेश नहीं दिए जाएंगे, तब तक हम सभी भोपाल नहीं छोड़ेंगे। समस्या केवल मुआवजे तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अस्थाई पुनर्वास केंद्रों में रह रहे लोगों के लिए जिला प्रशासन ने भोजन देना करीब एक महीने से बंद कर दिया है। मवेशियों के लिए भी चारा नहीं दे रहे हैं। इस बात से लोग ज्यादा परेशान हैं। उनका कहना है कि कोई सरकार हमारे लिए कुछ नहीं करना चाहती।
गौरतलब है कि सरदार सरोवर बांध में इस साल जल भराव की ऊंचाई बढ़ाई गई थी, जिससे मध्यप्रदेश के डूब प्रभावित इलाकों में बांध के बैक वाटर का जलस्तर बढ़ गया और प्रदेश के धार, बड़वानी और अलीराजपुर जिले के कई गांव जलमग्न हो गए। जिला प्रशासन द्वारा यहां लोगों को विस्थापित तो कर दिया, लेकिन उनकी सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसीलिए विस्थापितों में आक्रोश है और उन्होंने अपनी मांगों को लेकर शनिवार को भोपाल में डेरा डाल दिया है। हिस