सदन में व्यवधान का चक्र खत्म होः लोस अध्यक्ष
विशेष प्रतिनिधि
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सांसदों को एक भावुक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर सांसद अतीत में दूसरे दलों के आचरण का हवाला देते हुए व्यवधान को उचित "हरायेंगे, तब संसद में व्यवधान का चक्र कभी खत्म नहीं होगा।
सांसदों को उनकी नैतिक जिम्मेदारी की याद दिलाते हुए सुमित्रा महाजन ने उनसे सदन में सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने की अपील की। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि समय आ गया है कि हम आत्म चिंतन करें और इस बारे में फैसला करें कि हमारी संसद और लोकतंत्र की छवि के लिये आगे बढ़ने का रास्ता क्या है। सुमित्रा महाजन ने दो पन्नों के पत्र में कहा कि लोकतंत्र के पवित्र मंदिर संसद की प्रतिष्"ा और पवित्रता को अक्षुण्ण एवं सुरक्षित रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, अपने अनुभव के आधार पर मैं यह कह सकती हूं कि लोग अपने प्रतिनिधियों के कामकाज पर करीबी नजर रखते हैं और मीडिया भी लोगों के समक्ष संसद और संसदीय क्षेत्र में उनके कामकाज की विस्तृत रिपोर्ट पेश करता है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सदन का सदस्य बनना विशिष्ट बात है और लोगों को उनसे काफी उम्मीदें हैं और लोगों ने उनमें विश्वास व्यक्त किया है।
सुमित्रा महाजन ने कहा कि इसके बदले में आप न केवल अपने क्षेत्र और देश की उम्मीदों पर खरा उतरें बल्कि देश की प्रगति और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में भी योगदान करें। पिछले सत्र के दौरान सदन में सदस्यों के शोर शराबे, तख्तियां दिखाये जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अलग अलग विचार और असहमति संसदीय मर्यादा एवं मानदंडों के अनुरूप होने चाहिए ताकि लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं में लोगों का विश्वास कायम रह सके।