Home » देश » विज्ञान के क्षेत्र में हम 19 नहीं, 20 हैं : हर्षवर्धन

विज्ञान के क्षेत्र में हम 19 नहीं, 20 हैं : हर्षवर्धन

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:23 Jun 2017 7:44 PM GMT

विज्ञान के क्षेत्र में हम 19 नहीं, 20 हैं  :  हर्षवर्धन

Share Post

विशेष प्रतिनिधि

नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कहा कि भारत विज्ञान क्षेत्र में प्रगति के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में है और अमेरिका, इंग्लैण्ड, जापान तथा कोरिया सहित 80 से अधिक देशों के साथ सहयोग कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया वैज्ञानिक नवोन्मेष को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वह आज यहां विज्ञान एवं प्रोगिकी मंत्रालय तथा दिल्ली पत्रकार संघ ःडीजेएः द्वारा वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के प्रसार में मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे।

हर्षवर्धन ने कहा, भारत विज्ञान क्षेत्र में प्रगति के मामले में आज दुनिया के अग्रणी देशों में है और अमेरिका, इंग्लैण्ड, जापान तथा कोरिया सहित 80 से अधिक देशों के साथ सहयोग कर रहा है। इनमें 44 विकसित देश हैं। उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय थर्टी मीटर टेलिस्कोप ःटीएमटीः परियोजना में शामिल है और इसके लिए लगभग 1300 करोड़ रुपये की मदद कर रहा है। यह मदद नकद के रूप में नहीं, बल्कि कलपुर्जों के रूप में है। कलपुर्जों में लेंस भी शामिल हैं। परियोजना की कुल लागत 1.47 अरब डॉलर है। मंत्री ने कहा, हम इस तरह के अपने अनुभव से कह सकते हैं कि भारत 19 नहीं, 20 है। उन्होंने कहा कि भारत की वैज्ञानिक एवं औााsगिक अनुसंधान परिषद ःसीएसआईआरः देश को विज्ञान के क्षेत्र में उढंचाइयों पर ले जाने के लिए निरंतर काम कर रही है। दुनिया के।,203 सरकारी अनुसंधान संग"नों में भारत की सीएसआईआर आज शीर्ष 12वें स्थान पर है। वहीं, दुनिया के कुल 5,147 अनुसंधान संग"नों में से सीएसआईआर शीर्ष 100 संग"नों में शामिल है और इसका 99वां नंबर है। मंत्री ने कहा कि भारत की विज्ञान वृद्धि दर कुल अंतरराष्ट्रीय विज्ञान वृद्धि दर के मुकाबले काफी ज्यादा है। नैनो प्रोगिकी में देश आज तीसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार प्रगति कर रहा है। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की उपलब्धियों को याद करते हुए कहा कि यह भारत ही है जो एक साथ 104 उपग्रह कक्षा में स्थापित कर सकता है।

हर्षवर्धन ने कहा कि देश की सुनामी चेतावनी प्रणाली एक बेहतरीन प्रणाली है तथा भारत आज अन्य तटवर्ती देशों को भी सुनामी पूर्व चेतावनी जारी करता है। यह देश के वैज्ञानिकों की काबिलियत की वजह से ही संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए छोटे विमान बनाने पर भी काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक नवोन्मेष के प्रचार-प्रसार में मीडिया काफी बड़ी भूमिका निभा सकता है और वह निभा भी रहा है।

Share it
Top