तेलंगाना हाईकोर्ट ने टीआरसी हड़ताल का मामला लेबर कोर्ट में किया स्थानांतरित
हैदराबाद । टीएसआरटीसी की हड़ताल सोमवार को भी जारी रही। आज हड़ताल का 42वां दिन था। अनशन पर रहे कार्यचरण समिति के नेता अश्वत्थामा रेड्डी और राजारेड्डी ने हालात बिगड़ने के बाद डॉक्टरों की सलाह के बाद अपना अनशन तोड़ दिया। इस बीच हाईकोर्ट ने कर्मचारियों की हड़ताल का समाधान करने के लिये राज्य के श्रम विभाग के आयुक्त को आदेश दिया है।
सोमवार को कांग्रेस और जनसमिति ने नेता प्रो. कोदंडाराम ने ओस्मानिया हॉस्पिटल पहुंचकर कार्यचरण समिति के नेताओं से मुलाकात की। अस्पताल के डॉक्टरों ने दोनों नेताओं के बिगड़ते स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी दी। तब राजनीतिक पार्टी के नेताओं की उपस्तिथि में अश्वत्थामा रेड्डी और राजारेड्डी ने अपना अनशन तोड़ दिया। रेड्डी ने कहा कि 19 नवम्बर दिन मंगलवार को कार्य चरण समिति की अहम बैठक होगी। जिसमें हड़ताल की अगली रणनीति पर विचार किया जायेगा।
इस बीच सोमवार को तेलंगाना हाईकोर्ट ने आरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर राज्य सरकार के श्रम विभाग के आयुक्त को दो सप्ताह के भीतर हल करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने आरटीसी की हड़ताल को अवैध बताया। कोर्ट ने इसके जवाब में कहा कि आरटीसी की हड़ताल को वैध या अवैध घोषणा करने के लिए भी अपनी-अपनी सीमा है। वे किसी के पक्ष में किसी प्रकार का आदेश नहीं दे सकते हैं। न्यायमूर्ति ने कहा कि हड़ताल के मामले को लेबर कोर्ट को स्थानांतारित किया जाएगा। आरटीसी की हड़ताल को वैध या अवैध का फैसला केवल लेबर कोर्ट ही दे सकती है।
इस बीच सोमवार को कर्मचारी संगठन के अधिवक्ता प्रकाश रेड्डी ने विलय का विषय को वापस लेने और कर्मचारियों से अपनी ड्यूटी पर लौटने की बात कही। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया सरकार से वार्ता के लिए कमेटी गठित कर दी जाये। जवाब में न्यायमूर्ति ने कहा कि कमेटी गठित करने के लिए सरकार तैयार नहीं है।
अधिवक्ता रेड्डी ने न्यायालय से कहा कि वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों का जीना मुश्किल होता जा रहा है इसके जवाब में कोर्ट ने कहा कि यह समस्याएं लेबर कोर्ट देख लेगी। हम सरकार को किसी प्रकार का आदेश नहीं दे सकते। हिस