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दिल्ली चुनावः करोलबाग में BJP और AAP में कांटे की टक्कर, ये हैं बड़े मुद्दे

👤 mukesh | Updated on:18 Jan 2020 8:00 AM GMT

दिल्ली चुनावः करोलबाग में BJP और AAP में कांटे की टक्कर, ये हैं बड़े मुद्दे

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नई दिल्ली। दिल्ली में 8 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे. 70 में से 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं. उनमें से ही एक सीट करोलबाग भी है. सेंट्रल दिल्ली की करोलबाग (Karol Bagh) विधानसभा भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

दिल्‍ली का सबसे बड़ा थोक और फुटकर बाजार कहा जाने वाला गफ्फार मार्केट इस इलाके में है. 1984 में हुए सिख दंगों की याद यहां आज भी ताजा हैं. इसके अलावा साल 2008 में यहां आतंकियों की गंदी नजर पड़ी थी. और उस साल हुए सीरियल बम ब्लास्ट में यहां की गलियां भी खून से लाल हो गईं थीं.

इतिहास के पन्नों से

मध्‍य दिल्‍ली जिले का हिस्‍सा यह इलाका नई दिल्‍ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है. 1993 में इस इलाके को विधानसभा सीट बनाया गया. यहां के पहले चुनाव में भाजपा के एसपी रतवाल ने जीत हासिल की थी. जब से इस सीट का गठन हुआ तब से हुए चुनावों पर यदि नजर डालें तो बीजेपी को 3, आम आदमी पार्टी को 2 और कांग्रेस को एक बार जीत हासिल हुई है.

मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी के विशेष रवि यहां से विधायक हैं. और आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से विशेष रवि (Vishesh Ravi) पर ही भरोसा जताया है. 2013 से पहले यहां भगवा लहराता था. यानी 2003 से 2013 तक यहां बीजेपी का कब्जा था, लेकिन 2013 में पासा आम आदमी पार्टी ने बीजेपी से उनका ये अभेद्य किला छीन लिया.

दिल्ली के 2020 में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी विशेष रवि हैट्रिक लगाने के इरादे से उतरेंगे तो बीजेपी अपने किले को वापस छीनने के लिए पूरा जोर लगाएगी. तो कांग्रेस 22 साल के सूखे को खत्म करना चाहेगी.

प्रमुख समस्याएं

इस बार चुनाव में 1 करोड़ 47 लाख 3 हजार मतदाता पंजीकृत हैं. इनमें से 11 हजार 556 सर्विस वोटर हैं. प्रदेश में सुचारू मतदान के लिए 13 हजार 750 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं. इस क्षेत्र में लोगों को सीलिंग, जलापूर्ति, ट्रैफिक जाम और पार्किंग की कमी से जूझना पड़ता है.

इस विधानसभा क्षेत्र में कई बड़े बाजार आते हैं. पिछले दिनों राजधानी में हुई सीलिंग से काफी संख्या में कारोबारी नाराज चल रहे हैं. इसका असर इस बार के चुनाव में पड़ेगा. इसके अलावा यहां पार्किंग भी बड़ा मुद्दा है. इस पूरे क्षेत्र के रिहायशी इलाकों और बाजारों में पार्किंग की बड़ी समस्या है. इसकी वजह से लोगों को सड़कों पर अपने वाहन पार्क करना पड़ता है. इस वजह से अक्सर जाम लगता है और वाहन चालकों को दिक्कत होती है.

केजरीवाल सरकार ने भले ही पानी फ्री कर रखा हो लेकिन यहां पानी भी एक बड़ी समस्या है. कई इलाकों में जलापूर्ति की व्यवस्था ठीक नहीं है. इसे लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है. मतदान के दौरान इसका असर भी देखने को मिल सकता है. (एजेंसी हिस.)

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