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विजयवर्गीय ने कहा : ममता को नहीं हटाया गया, तो बंगाल खो देगा अपनी अस्मिता

👤 mukesh | Updated on:31 May 2020 11:08 AM GMT

विजयवर्गीय ने कहा : ममता को नहीं हटाया गया, तो बंगाल खो देगा अपनी अस्मिता

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कोलकाला। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी एक जून यानी सोमवार से लॉक डाउन को शिथिल करने की घोषणा पहले ही कर दी है। अब इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने इसके खिलाफ आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। एक ओर उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और हुगली में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक झड़प की घटनाएं सामने आयी है। दूसरी ओर, भाजपा ने भी तृणमूल कांग्रेस की सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। हालांकि कोरोना व चक्रवाती तूफान संभालने में असफलता के खिलाफ भाजपा पहले ही राज्य सरकार पर निशाना साधते रही है।लेकिन अब सड़क पर उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस भी लगातार भाजपा पर हमला कर रही है और दवाब बनाने की कोशिश कर रही है।

भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता जी की सरकार पूरी तरह हर मामले में फेल रही है। चक्रवाती तूफान और कोरोना मामले में सरकार पूरी तरह से असफल रही है। बंगाल में तेजी से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है और राज्य सरकार का रवैया उदासीन है। लोगों की जान की खतरा है। लोग अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। डॉक्टर, नर्स से लेकर पुलिस के जवानों में सरकार के खिलाफ असंतोष हैं और वे प्रदर्शन कर रहे हैं। जैसे ही लॉक डाउन खुलेगा। भाजपा ममता सरकार को कटघरे में खड़ा करेगी और लोगों को जाकर बतायेगी कि यह भ्रष्ट सरकार है। भाई-भतीजे वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को जनता की कोई चिंता नहीं है। अब यह समय आ गया है कि ममता की तानाशाही बंगाल को बचायें। तुष्टिकरण की नीति से बंगाल को बचायें। बंगाल के संस्कार और संस्कृति की रक्षा के लिए बंगाल को बचाना बहुत जरूरी है, यदि बंगाल को ममता से नहीं बचाया गया, तो बंगाल अपनी अस्मिता खो देगा।

विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल का विकास केवल मोदी जी के नेतृत्व में ही हो सकता है। औद्योगिकरण भी मोदी जी के नेतृत्व में हो सकता है राज्य का औद्योगिकीकरण होगा, तभी राज्य के बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। नैनो जैसी कंपनी के बंगाल से चले जाने के कारण ही बंगाल के मजदूरों को बाहर मजदूरी करनी पड़ रही है और प्रवासी श्रमिकों के प्रति भी राज्य सरकार का रवैया पूरी तरह से उदासीन है। उन्होंने कहा कि यह सरकार हिंदू विरोधी है और तुष्टिकरण की नीति का पालन कर रही है। जिस तरह से अपने राजनीतिक वोट बैंक के कारण घुसपैठियों का समर्थन करती है। उससे देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। बंगाल के लोगों के लिए खतरा है। मोदी सरकार ने शरणार्थियों को अधिकार देने के लिए सीएए लाया, लेकिन ममता ने उसका विरोध कर साबित कर दिया है कि उन्हें शरणार्थियों व कबीलाइयों की कोई चिंता नहीं है। (एजेंसी, हि.स.)

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