Home » देश » माकपा-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन का रास्ता साफ, 92 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

माकपा-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन का रास्ता साफ, 92 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

👤 Veer Arjun | Updated on:2 March 2021 9:02 AM GMT

माकपा-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन का रास्ता साफ, 92 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

Share Post

कोलकाता । पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव के लिए माकपा कांग्रेस और इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के गठबंधन का रास्ता साफ हो गया है। तीनों ही पार्टियों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को बैठक की जिसके बाद संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने यह जानकारी दी है।

चौधरी ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 92 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कई दौर की वार्ता के बाद वामदलों ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए 92 सीटों पर सहमति दी है। इन सीटों के उम्मीदवारों की सूची दो दिनों में घोषित की जाएगी। चौधरी ने कहा कि हमने शुरुआत में 130 सीटों की मांग की थी लेकिन हमें 92 से संतोष करना पड़ा है। हमें अन्य दलों जैसे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के लिए स्पेस रखनी होगी। इन पार्टियों के अलावा दूसरी पार्टियों के लिए भी सीट शेयरिंग का रास्ता अभी भी खुला है।

आईएसएएफ के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम लोग राज्य के प्रभारी हैं और बिना आधिकारिक अनुमति के कोई भी फैसला नहीं लेते हैं।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा था कि आईएसएएफ के साथ गठबंधन कांग्रेस की मूल नीतियों के खिलाफ है और अधीर रंजन चौधरी को ऐसा करने से पहले केंद्रीय नेतृत्व की अनुमति लेनी चाहिए थी।

मिलकर लड़ेंगे चुनाव : विमान बोस

इधर वाममोर्चा चेयरमैन विमान बोस ने कहा कि कांग्रेस के साथ कई दौर की वार्ता के बाद अब जाकर गठबंधन को अंतिम रूप दिया जा सका है। हमारे बीच कोई समस्या नहीं है हम इस गठबंधन में साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने शनिवार को ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव आरएस बल्ली को पश्चिम बंगाल में चुनाव के प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया है। इसके पहले 2016 के विधानसभा चुनाव में भी माकपा और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था जिसमें कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं जबकि वाममोर्चा को महज 33 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। सत्तारूढ़ तृणमूल ने 211 सीटों पर जीत हासिल की थी।

Share it
Top