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नक्सलियों ने सुपरवाइजर की हत्‍या

👤 manish kumar | Updated on:4 July 2021 4:08 AM GMT

नक्सलियों ने सुपरवाइजर की हत्‍या

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नक्सलियों ने सुपरवाईजर की हत्‍या

नारायणपुर । जिला मुख्यालय से 52 किमी दूर छोटाडोंगर थाना क्षेत्र अंर्तगत निको-जायसवाल कंपनी के लौह अयस्क के अमदाई खदान में नक्सलियों ने हमला कर खदान में लगे 4 पोकलेन मशीन व 2 टिप्पर में आग लगा दिया है। वहीं एक सुपरवाईजर प्रदीप सील निवासी भिलाई को नक्सलियों ने पीट-पीट कर मार डाला और शव के उपर नक्सली पर्चा भी फेंका है।

बता दें कि नक्सलियों द्वारा यूबीजीएल व रॉकेट लांचर से जवानों पर हमला किया था। यूबीजीएल के नहीं फटने से जवानों को नुकसान नहीं हुआ है। घण्टों तक फोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी रही। जवानों की बैकअप पार्टी पंहुचने के बाद नक्सली भाग खड़े हुए।नक्सली यूबीजीएल व रॉकेट लांचर से कैंप में हमला कर जवानों को उलझाकर वाहनों में आगजनी और एक सुपरवाईजर की हत्या के वारदात को अंजाम देने में सफल हो गये। नक्सलियों की मंशा वहां स्थित कैम्प और जवानों को नुकसान पंहुचाने की थी, जिस पर जवानों की बैकअप पार्टी ने पानी फेर दिया।

नारायणपुर स्थित आमदई खदान में शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे बड़ी संख्या में नक्सली पहुंचे और खदान की सुरक्षा में यहां स्थित फोर्स के कैम्प पर गोलीबारी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि जिस दौरान नक्सलियों ने अटैक किया, वहां लगभग डेढ़ किलोमीटरदूर दर्जन भर से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। जिसमें एक सुपरवाईजर प्रदीप सील को नक्सलियों ने पीट-पीट कर मार डाला एवं बाकी को खदेड़ कर भगा दिया।शव को फोर्स ने अपने कब्जे में ले लिया है।

एएसपी नीरज चंद्राकर ने बताया खदान की सुरक्षा में यहां स्थित फोर्स के कैम्प पर नक्सलियों ने बीजीएल व रॉकेट लांचर से किया हमला किया लेकिन नहीं फट पाया, जिससे जवानों को कोई नुकसान नही हुआ है। जवानों द्वारा मुंह तोड़ जवाबी कार्यवाही में नक्सली भाग खड़े हुए ।

आमदई स्थित लौह अयस्क के इस खदान में लंबे समय से निको जायसवाल कंपनी काम कर रही है।नक्सलियों के इन्ही करतूतों के कारण यह खदान अब तक शुरू नहीं हो सकी है। इस साल के अंत तक इस खदान को शुरू किए जाने की संभावना है, जिसके लिए यहां सडक बनाने व अन्य काम जारी है। खदान के लिए चल रहे काम की सुरक्षा में यहां कैम्प भी बनाया गया है। नक्सलियों के द्वारा दबाव बनाकर इसी वर्ष 2021 के जनवरी माह में करीब 10 से 12 हजार ग्रामीणों को खदान और कैम्प के विरोध में यहां प्रदर्शन के लिए भेजा गया था। जिसमें असफल होने के बाद आज नक्सलियों ने बकायदा पूरी रण्नीति के साथ हमला कर दिया। यहां यह बताया जाना भी आवश्यक है कि दस वर्ष पूर्व भी नक्सलियों ने इसी खदान में काम कर रहे दो सुपरवाइजरों की हत्या कर दी थी। नक्सली किसी भी कीमत में खदान को शुरू होने देना नहीं चाहते है, जिसमें वे कुछ हद तक सफल भी हुए है।

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