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कवि कुमार विश्वास ने कांव्याजलि में जमाया देशभक्ति का अनोखा रंग

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:17 March 2019 3:23 PM GMT
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फरीदाबाद (वीअ)। फरीदाबाद के ऐतिहासिक दशहरा मैदान में बीती देर रात आयोजित देश के अमर शहीदों को समर्पित `सैन्य-शौर्य और सरहद को सलाम' नामक काव्यांजलि में विश्व विख्यात कवि डा. कुमार विश्वास द्वारा पढ़ी गई रचनाओं ने हजारों-हजारों की तादाद में श्रोताओं की आंखों को नम कर दिया। बडखल की विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा द्वारा आयोजित देशभक्पि के इस कार्यकम का शुभारंभ हाल ही में पुलवामा हमले में शहीद हुए अटाली के जाबांज कमांडो संदीप की धर्मपत्नी सहित जिले की उन सभी अमर शहीदों के परिजनों व 1971, 1965 व कारगिल में हुए युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों ने संयुक्प रुप से दीप पज्जवलित कर किया, जबकि कार्यकम में पेंदीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह पांत पमुख गंगाशरण मिश्र, महापौर सुमन बाला, भाजपा के पदेश महासचिव संदीप जोशी विशेष रूप बतौर मुख्यातिथि मौजूद थे। समारोह में खास बात यह रही कि कार्यकम की आयोजक बडखल की विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा दर्शकों में सबसे पिछली वाली सीट पर बैठी। काव्यांजलि कार्यकम में विश्व विख्यात कवि डा. कुमार विश्वास ने जब अपने काव्य पाठ की शुरुआत `है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमायल, जो धरा पर गिर पड़े वो आसमानी हो गए.. `हम तो करते है वेतन के लिए काम, लेकिन जवान करता है वतन के लिए काम' पढ़ना शुरु किया तो खचाखच भरा पंडाल देश भक्पि वातवरण के साथ तालियों की गडगडाहट से गूंजामय हो गया वहीं हजारों आंखें एक साथ नम हो गई। उन्होंने दूसरी कविता पढ़ते हुए `उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं, हवा का काम है चलना, दिये का काम है जलना, वो अपना काम करती है मैं अपना काम करता हूं' तुम्हारी ओर मेरी रात में फर्प इतना है कि तुम्हारी सो के गुजरी है, हमारी रो के गुजरी है' `ऐसी जवानी का क्या फायदा, बिना कथानक के कहानी का क्या फायदा' के बोल पर जहां देश के अमर शहीदों को नमन करते हुए लोगों में देशभक्पि का जज्बा भरने का काम किया वहीं अपनी सुपसिद्ध रचना `कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है' `खून के बदले खून चाहिए कहता है इजरायल, अलग है छत्तीस इंच के सीने वाले का स्टाईल, दिनभर रैली करे बम की बौछार' पर युवाओं को खूब जोड़ने का काम किया। वहीं उन्होंने पधानमंत्री नरेंद मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व पधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली के मु?यमंत्री अरविंद केजरीवाल व श्रीमती सोनिया गांधी पर भी जमकर व्यंग कस लोगों को लोटपोट कर दिया। डॉ.कुमार विश्वास ने राजनीतिक तीर छोड़ते हुए श्रोताओं के दिलों पर असर किया तो कवि स?मेलन में एकमात्र महिला कवि डॉ.सरिता ने अपनी रचनाएं पस्तुत कर अनोखी छाप छोड़ी। ऐसे ही मंच संचालन करते हुए कवि दिनेश रघुवंशी ने शहीदों को नमन किया और पभावशाली मुक्प पस्तुत किए। सुदीप भोला ने भी अपनी पस्तुति से खूब रंग जमाया। काव्यांजलि कार्यकम के अंत में पेंदीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर व कार्यकम की आयोजक विधायक सीमा अश्विनी त्रिखा ने वीरांगनाओं व युद्ध सैनिकों को स्मृति चिन्ह देकर बडखल क्षेत्र की जनता की ओर से स?मानित किया गया। कार्यकम में खास बात यह रही कि बेशक यह कार्यकम बडखल की भाजपा विधायक सीमा त्रिखा द्वारा आयोजित किया गया, लेकिन समूचे कार्यकम में कही भी राजनैतिक रंग देखने को नहीं मिला और यह पूरा कार्यकम देशभक्पि को समर्पित रहा, लेकिन कार्यकम में जिस पकार से हजारों-हजारों की सं?या में लोगों का हजूम उमड़ा, उससे सीमा त्रिखा की लोकपियता को जरुर चांद चार लगे है। श्रीमती त्रिखा के श्रोताओं में सबसे पिछली सीट पर बैठकर सुनना जहां लोगों को खूब भाया वहीं उच्च कोटि के कवि कुमार विश्वास सहित सभी कवियों ने अपने अंदाज में इसे देश का अनोखा कार्यकम बताया। वहीं पेंदीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने अपने समापन भाषण में कहा कि देश आज पधानमंत्री नरेंद मोदी के सुरक्षित हाथों में है और जब भी पाकिस्तान कोई भी नापाक कोशिश करेगा, उसका भारतीय सेना द्वारा मुंह तोड़ जवाब दिया।

उन्होंने फरीदाबाद की पावन धरती पर शहीदों की याद में आयोजित इस काव्यांजलि कार्यकम में पहुंचे देश के अलग-अलग पांतों से आए कवियों का आभार भी व्यक्प किया। इस मौके पर उपमहापौर मनमोहन गर्ग, शिक्षाविद सीबी रावल, भाजपा नेता आरके चिलाना, श?मी कपूर, पार्षद अजय बैंसला, सरदार जसवंत सिंह, सुनील भड़ाना टै?पू, आनंदकांत भाटिया, राजीव चावला, राकेश धुन्ना, पलवल के पार्षद पवीन ग्रोवर सहित अनेकों गणमान्य लोग मौजूद थे।

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