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बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं अमिताभ बच्चन

👤 manish kumar | Updated on:11 Oct 2019 8:46 AM GMT

बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं अमिताभ बच्चन

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-अमन सिंह

सिनेमा के इतिहास में अपने अभिनय के द्वारा अमिट छाप छोड़ने वाले कईं दिग्गज कलाकारों के नाम दर्ज हैं। उन्हीं कलाकारों में से एक नाम ऐसा भी है जो लगातार चार दशकों से आज भी बच्चा-बच्चा ही नहीं युवा एवं बड़ेबुजुर्गो की जुबान पर भी समान रूप से रहता है। कहने की आवश्यकता नहीं कि वह नाम अमिताभ बच्चन के अलावा और किसी का नहीं हो सकता जो दुनियाभर में बिग बी एवं शताब्दी के महानायक के रूप में प्रसिद्ध हैं।

अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्तूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ था। उनके पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे तथा उनकी मां तेजी बच्चन एक उच्च शिक्षित एवं आधुनिक विचारों की महिला थीं। अमिताभ की प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद के सेंट मेरी स्वूल में हुईं। इसके बाद उन्हें नैनीताल स्थित प्रसिद्ध विदृालय शेरवुड में भेजा गया। शेरवुड से अपनी स्वूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद दिल्ली विश्वविदृालय के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

इसी कॉलेज में पढ़ने के दौरान उन्होंने अभिनय को अपना करियर बनाने का पैसला किया था। अपनी पढ़ाईं पूरी करने के बाद उन्होंने नौकरी के लिए कईं जगहों पर आवेदन किया और जब कलकत्ता स्थित एक वंपनी से उन्हें नौकरी के लिए बुलाबा आया तो वे बही चले गए। इस वंपनी में उन्होंने दो सालों तक काम किया। नौकरी करने के दौरान उनके अंदर का अभिनेता उन्हें अभिनय की दुनिया में हाथ आजमाने के लिए उकसाता रहता था। इसलिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और वर्ष 1969 में सत्ताईंस वर्ष की उम्र में बंबईं चले गए।

यह सच है कि सफलता किसी को आसानी से नहीं मिलता। बच्चन को भी खुद को स्थापित करने के लिए संघर्ष बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं अमिताभ बच्चन के लिए मौका ाहिए।

करना पड़ा। यूं तो अमिताभ ने फिल्मों में अपने वैरियर की शुरुआत वर्ष 1969 में ख्वाजा अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी फिल्स सात हिन्दुस्तानी से की जिसमें उनके किरदार का नाम अनवर अली था लेकिन फिल्म चली नहीं। इसके बाद वर्ष 1969 से 1972 तक का समय उनके लिए संघर्ष का था हालांकि इस दौरान बच्चन की कईं फिल्में आईं किन्तु राजेश खन्ना के साथ उनकी फिल्म आनन्द 1971 विशेष रूप से उल्लेखनीय रही जिसमें डॉ. भास्कर बनजा की भूमिका के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मपेयर अवार्ड दिया गया।

अमिताभ के वैरियर में एक नया मोड़ वर्ष 1973 में प्रकाश मेहरा की फिल्म जंजीर के रिलीज होने के बाद आया।

इस फिल्म में पुलिस इंस्पेक्टर का जीवंत अभिनय करने के कारण उन्हें एंग्री यंगमैन कहा जाने लगा। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़ दिए और अमिताभ बच्चन एक सुपर स्टार के रूप में बॉलीवुड में स्थापित हो गए। 3 जून 1973 को उनका विवाह जया से हुआ। वर्ष 1975 में बनी फिल्म शोले जिसमें उन्होंने नायक जय की भूमिका की थी ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए एवं हिन्दी फिल्म के इतिहास में सर्वाधिक व्यवसाय करने वाली फिल्म बनी इसके बाद अमिताभ बच्चन एक सुपर स्टार के रूप में प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय हो गए।

वर्ष 1982 में फिल्म वुली की शूटिग के दौरान खलनायक पुनीत इस्सर द्वारा मारे गए घूंसे से उनके पेट में गंभीर चोट आईं जिसके कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गईं और उन्हें अस्पताल में भता करवाना पड़ा। उनके घायल होने की खबर सुनकर देश के कोने-कोने से उनके चाहने वालों ने प्रार्थनाएं कीं।

उस समय मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा एवं गिरजाघरों में उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूजा एवं प्रार्थना करने वाले लोगों की भीड़ एक सामान्य बात थी। इस घटना से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि लोगों के दिल में उनके लिए कितना प्रेम था।

अपने मित्र राजीव गांधी के कहने पर अभिनय से विश्राम लेकर वर्ष 1984 में वे राजनीति में आ गए। वे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एचएन बहुगुणा को हराकर इलाहाबाद लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए।

इस बीच बोफोर्स विवाद में उनका एवं उनके भाईं का नाम आया। इस घटना से वे काफी आहत हुए और उन्होंने सांसद के रूप में अपना कार्यंकाल पूरा किए बिना तीन साल बाद वर्ष 1987 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया तथा राजनीति से एक दूरी बना ली।

तीन साल की छोटी अवधि के बाद वर्ष 1988 में अमिताभ पुन: फिल्मों में लौट आए। इसके बाद उन्होंने कईं फिल्मों में काम किया किन्तु उनकी अधिकांश फिल्में अच्छा व्यवसाय नहीं कर सकी।

वर्ष 1996 में व्यवसाय के क्षेत्र में कदम रखते हुए उन्होंने एबीसीएल अमिताभ बच्चन कॉपरेरेशन लिमिटेड नामक वंपनी की स्थापना की। इस वंपनी के कार्यो में व्यावसायिक फिल्मों का निर्माण एवं वितरण ऑडियो-वीडियो वैसेट डिस्क उत्पादन एवं इवेंट प्रबंधन के अतिरिक्त मनोरंजन उदृाोग से संबंधित अन्य कार्यं शामिल थे।

इस वंपनी के द्वारा उन्होंने मृत्युदाता फिल्म का निर्माण किया तथा वर्ष 1997 में बंगलौर में मिस वल्र्ड प्रतियोगिता 1996 का आयोजन एक प्रमुख प्रायोजक के तौर पर किया। एबीसीएल को काफी घाटा हुआ एवं इसके कारण अमिताभ की आर्थिक स्थिति खराब हो गईं। व्यावसायिक असफलता से उबरने के लिए वे पुन: अभिनय के क्षेत्र में लौट आए। वर्ष 2000 में टेलीविजन रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति के द्वारा उन्होंने टेलीविजन की दुनिया में कदम रखा और न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ की बल्कि शोहरत एवं सफलता की एक ऐसी नईं ऊंचाईं भी हासिल की जहां पहुंचने के बारे में आम इंसान सोच भी नहीं सकता।

कौन बनेगा करोड़पति को काफी सफलता मिली एवं वर्ष 2000 के बाद वर्ष 2005 एवं 2010 से लेकर अभी तक वे इस शो के होस्ट हैं। अमिताभ बच्चन बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।

अभिनय के अतिरिक्त उन्होंने कईं फिल्मों में पाश्र्व गायन भी किया है तथा निर्माता के रूप में वुछ फिल्मों का निर्माण भी किया है।

अपने चालीस वर्ष से अधिक के फिल्मी करियर में वे डेढ़ सौ से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। अमिताभ बच्चन की उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1983 में पाश्री एवं वर्ष 2005 में पा भूषण से सम्मानित किया। बीबीसी के एक सव्रेक्षण के द्वारा उन्हें वर्ष 1999 में बीसवीं सदी का महानायक एक्टर ऑफ मिलेनियम चुना गया। वर्ष 2002 में उन्हें इंटरनेशनल फिल्म्स एकेडमी ने पर्सनैलिटी ऑफ द ईंयर के अवार्ड से सम्मानित किया।

उन्हें अब तक 12 फिल्मपेयर अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं। दुनिया के वुछ प्रसिद्ध विश्वविदृालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी प्रदान की है। वर्ष 2003 में अमिताभ को प्रांस के शहर ड्यूविले की मानद नागरिकता से सम्मानित किया गया जो उनके अतिरिक्त केवल ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय प्रथम रूसी अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन तथा पोप जॉन पॉल द्वितीय को ही प्राप्त है।

उन्हें फिल्म अग्निपथ में भूमिका के लिए वर्ष 1990 में ब्लैक में अभिनय के लिए 2005 में तथा पा में एक विशेष रोग से ग्रस्त बच्चे के चुनौतीपूर्ण अभिनय के लिए वर्ष 2010 में वुल तीन बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। इसके अतिरिक्त उन्हें फिल्मपेयर की ओर से भी पांच बार सर्व श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।

एक फरवरी 2010 से ये गुजरात पर्यंटन विभाग के ब्रांड एम्बेसडर हैं। उन्हें अप्रैल 2005 में एचआईंवी/एड्स पहल और पोलियो उन्मूलन अभियान के लिए यूनिसेफ गुडविल एम्बेसडर नियुक्त किया गया था। अमिताभ बच्चन भारत के गौरव हैं जिस तरह विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने हार न मानते हुए दुनिया में अपना एक मुकाम हासिल किया वह किसी भी व्यक्ति के लिए प्रेरणा का एक अक्षय रत्रोत है। अमिताभ इस बात पर जोर देते हैं कि जिन्दगी समय और मौका बार-बार नहीं मिलता। अत: हमें कठिनाइयों में भी कामयाबी पाने का आम् ाताभ बच्चन हौसला नहीं खोना चाहिए।

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