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लाइलाज रोगियों के लिए स्टेमसेल थेरेपी वरदान साबित होगी ः डॉ. पभु मिश्रा
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चंडीगढ़ (सुनीता शास्त्राr)। एंटी एजिंग फाउंडेशन (सोसाइटी ऑपक्क रिजेनरेटिव एस्थेटिक एंड फंक्शनल मेडिसिन) तथा इंडियन स्टेम सेल स्टडी ग्रुप द्वारा दो दिवसीय द्वितीय इंटरनैशनल रिजेनरेटिव मेडिसिन कॉन्क्लेव 2018 नए विचारों व् निष्कषों के साथ संपन्न हुई ।उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए एंटी एजिंग फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. पभु मिश्रा ने कहा किउन रोगियों के लिए स्टेम सेल थेरेपी वरदान साबित होने वाली है जिनको उपलब्ध लेटेस्ट दवाओं या सर्जरी से फायदा न पहुँच रहा हो और रोग लाइलाज बन गया हो , उनहोंने बताया कि इससे स लीवर ,,सुगर हार्ट पैंसर स्ओक आ द अनेक रो को अपने ही शरीर के सैलस्टेम सेल ठीक किया जा सकता है अब इसे सरकार से हरह मान्यता मिल गइw हे औ ऐ?स ,अपोलो व पीजी आई आदि चिकित्सा पेंदो पर इस थ्wरिपी को अपना जा सहा है ।
रिसर्च एवं थेरेपी के जरिये अब हमें ये पता चल रहा है कि बीमारी व ढलती उम्र में कैसे अपने शरीर को फिर से युवा, बलवती और सक्षम बनाया जा सकता है। असं?य लोग अब तक विभिन्न स्टेम सेल थैरेपीजक्व के द्वारा पहले से ही लाभान्वित हो चुके हैं। हालाँकि ये अभी शुरूआती दौर है। अभी इस क्षेत्र में बहुत काम होना बाकी है व इसमें असीम संभावनाएं हैं।इंडियन स्टेम सेल स्टडी ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. मनीष खन्ना, जो इस सम्मलेन के साइंटिफिक चेयरमैन भी हैं, ने इस मौके पर कहा कि आज की कांफेंस भारत में अब तक हुई स्टेम सेल कॉन्फरेन्सेस में सबसे बड़ी साबित होने जा रही है। उन्होंने कहा कि यहाँ पूरी दुनिया भर से वैज्ञानिकों के साथ-साथ उद्योग व निवेश के क्षेत्र से भी विशेषज्ञ जुटें हैं जोकि एक उपलब्धि है। यहां मौजूद लोगों की ऑर्थो, कैंसर, शुगर जैसे मेटाबोलिक डिसऑर्डर्स, लीवर से जुड़ीं बीमारियों, कार्डियक फेलयर, एस्थेटिक व ऑटो इम्यून डिसीस आदि के इलाजक्व व रोकथाम में स्टेम सेल रिसर्च में विशेष रूचि में एक वैश्विक फोकस की झलक पदर्शित हो रही है ,डॉ. खन्ना ने कहा।
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