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प्रदेश के मीसाबंदी अब कहलाएंगे लोकतंत्र रक्षक सैनानी

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:13 Dec 2017 5:10 PM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

जयपुर। आपातकाल के दौरान राजनीतिक और सामाजिक कारणों से जेल में बंद रहे प्रदेश के मीसाबंदी अब लोकतंत्र रक्षक सैनानी के रूप में जाने जाएंगे। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में 'राजस्थान मीसा एवं डी.आई.आर. बंदियों को पेंशन नियम, 2008' में संशोधन का निर्णय लिया गया। संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्रिमण्डल की बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि राजस्थान मीसा एवं डी.आई.आर. बंदियों को पेंशन नियम, 2008 में संशोधन कर इसका नाम 'राजस्थान लोकतन्त्र रक्षक सम्मान निधि नियम, 2008' किया जाएगा। अब राजस्थान के मूल निवासी ऐसे बंदी जो आपातकाल के दौरान राज्य से बाहर की जेलों में रहे हैं उन्हें भी इन नियमों के तहत पेंशन एवं भत्ते दिए जाएंगे।
अब तक सिर्फ राजस्थान की जेलों में बंद रहे राज्य के मूल निवासी मीसा बंदी ही पेंशन और भत्ते के हकदार थे। वहीं पेंशन आवेदन के लिए आपातकाल के दौरान मीसा और डी.आई.आर. के अधीन बंदी रहने का प्रमाण पत्र जेल अधीक्षक या जिला पुलिस अधीक्षक से लेना पड़ता था। अब संशोधन के बाद प्रावधान किया गया है कि जेल तथा पुलिस थानों में रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में मीसा बंदी पेंशन के लिए शपथ पत्र तथा संबंधित जिले के वर्तमान या पूर्व विधायक या सांसद द्वारा प्रमाणित दो सहबंदियों के प्रमाण पत्र के आधार पर भी आवेदन किया जा सकेगा।संशोधन के तहत एक माह जेल में रहने वाले ऐसे मीसा बंदी भी पेंशन एवं भत्तों के हकदार होंगे जो उस समय वयस्क नहीं थे। अब तक जेल में रहे केवल ऐसे मीसाबंदियों को ही पेंशन मिलती थी जो उस समय वयस्क थे।संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने राजस्थान गोवंशीय पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थाई प्रवर्जन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम, 1995 में संशोधन का प्रारूप भी अनुमोदित किया। इस संशोधन विधेयक को राज्य विधानसभा में पुर:स्थापित करने से पहले राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। संशोधन के बाद राज्य के पशुपालकों तथा राज्य के बाहर के क्रेताओं को 2 साल एवं इससे अधिक उम्र के नर गोवंश को कृषि एवं प्रजनन कार्यों के लिए निर्यात करने की अनुमति मिल सकेगी। यह अनुमति प्रारम्भिक तौर पर नागौरी बैल प्रजाति के बछड़ों के मामलों में ही मिलेगी। इससे पहले 3 वर्ष से अधिक उम्र के बछड़ों को ही राज्य से बाहर ले जाने की अनुमति थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि संशोधन के बाद भी केवल उन्हीं राज्यों के लिए निर्यात की अनुमति दी जाएगी, जहां गौवंश के वध पर पूर्ण प्रतिबंध है।
चार अप्रासंगिक कानून हटेंगे-श्री राठौड़ ने बताया कि मंत्रिमंडल ने वर्तमान में प्रचलित परंतु अप्रासंगिक चार और कानूनों के निरसन का निर्णय लिया है। इसके अनुसार दी राजस्थान रेवन्यू लॉज (एक्सटेंशन) एक्ट 1957, दी राजस्थान होल्डिंग्स कंसोलिडेशन ऑपरेशन वेलिडेटिंग एक्ट 1960, दी राजस्थान लैंड रेवेन्यू (अमेंडमेंट एंड वेलिडेशन) एक्ट 1966 और दी राजस्थान इम्पोजिशन ऑफ सीलिंग ऑन एग्रीकल्चरल होल्डिंग्स (अमेंडमेंट एंड वेलिडेशन) एक्ट 1979 का निरसन किए जाने का निर्णय लिया गया।
डीएमआईसी परियोजना के लिए पांच गांवों की जमीन अवाप्ति से मुक्त -संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) परियोजना के तहत प्रथम चरण खुशखेड़ा-भिवाडी-नीमराणा इन्वेस्टमेंट रीजन के फेज-1(ए) के विकास के लिए अधिग्रहीत दस गांवों की 1425.36 हेक्टेयर जमीन में से पांच गांव जोनायचाखुर्द, गुगलकोटा, शाहजहांपुर, बाबद एवं चौबारा की करीब 893.06 हेक्टेयर जमीन अवाप्ति से मुक्त करने का निर्णय लिया।
इस जमीन के अधिग्रहण की मुआवजा राशि प्रति हेक्टेयर करीब 3 करोड़ एक लाख रूपए बन रही थी। इस तरह इन पंाच गांवों में भूमि अधिग्रहण के लिए कुल 2785.77 करोड़ रूपए मुआवजा राशि के रूप में देना पड रहा था। इन गांवों के स्थान पर अन्य चार गांवों पलावा, बिरोद, मिरजापुर एवं लामचपुर में भूमि अवाप्त की जाएगी जिसका अवाप्ति मूल्य लगभग 915.6 करोड़ रूपए है। इस निर्णय से कुल 1425.36 हेक्टेयर भूमि की आवप्ति पर 1331.14 करोड़ रूपए लागत आएगी जो कि वर्तमान लागत का मात्र 41.5 प्रतिशत है। राज्य सरकार इससे पहले इन्हीं चार गांवों सहित मानका गांव की 532.30 हेक्टेयर भूमि अवाप्ति की 418.64 करोड़ रूपए अवार्ड राशि जारी कर चुकी है। इन पांच गांवों की भूमि को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 से जोडऩे के लिए 60 मीटर चौड़ाई की अप्रोच रोड़ के लिए जरूरी भूमि भी अवाप्त करने का निर्णय लिया गया।
जोधपुर मेें जीएसटी आयुक्तालयों के लिए जमीन आवंटन मंजूर-श्री राठौड़ ने बताया की मंत्रिमंडल ने जोधपुर में जीएसटी कमिश्नरेट, जीएसटी ऑडिट कमिश्नरेट एवं जीएसटी अपील कमिश्नरेट के लिए कार्यालय तथा आवास उपयोग के लिए 65661 वर्गमीटर भूमि के आवंटन का भी निर्णय लिया। इसके अलावा जोधपुर में 19 एफएडी आर्मी डिपो की रेलवे लिंक लाइन को बनाड़ रेलवे स्टेशन से जोडऩे के लिए 6 बीघा भूमि के सशुल्क आवंटन का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट को होटल प्रबंधन संस्थान के रूप में क्रमोन्नयन के बाद होस्टल एवं अन्य सुविधाओं के लिए 10,000 वर्गमीटर भूमि के निशुल्क आवंटन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
न्यायालय कार्मिकों को भी 6 माह तक उपार्जित अवकाश -संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल ने राजस्थान सेवा नियम, 1951 के नियम 92 (सी) (1) में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इस संशोधन के बाद अन्य राज्य कर्मचारियों के अनुरूप दीवानी न्यायालयों के कर्मचारी और अधिकारियों को देय अग्रिम उपार्जित अवकाश अर्जित होने के 6 माह तक समाप्त नहीं माने जाएंगे।
डॉ. अम्बेडकर तथा द्वारकाधीश पर होगा दौसा और राजसमंद के कॉलेजों का नाम-श्री राठौड़ ने जानकारी दी की मंत्रिमंडल ने राजकीय महाविद्यालय, महुवा (दौसा) का नामकरण डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय, महुवा करने तथा राजकीय कन्या महाविद्यालय, राजसमंद का नामकरण श्री द्वारकाधीश राजकीय कन्या महाविद्यालय, राजसमंद किए जाने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया।
मोटर वाहन उपनिरीक्षकों की शत-प्रतिशत सीधी भर्ती-संसदीय कार्यमंत्री श्री राठौड़ ने बताया कि मंत्रिमंडल ने मोटर वाहन उपनिरीक्षक के शत-प्रतिशत पद राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती से भरे जाने संबंधी राजस्थान परिवहन अधीनस्थ सेवा नियम, 1963 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी ।

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