ग्रामीणों का जज्बा- जिम्मेदारों ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने बनाई 3 किमी कच्ची सड़क
उदयपुर । समाज अगर ठान ले तो उसे विकास के लिए किसी सरकारी योजना या सरकारी प्रश्रय की जरूरत नहीं पड़ती। इसी बात को सिद्ध किया है उदयपुर जिले की सराड़ा तहसील की ओड़ा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने। जब जिम्मेदार लोक सेवकों और जनप्रतिनिधियों ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने खुद ही एकजुट होकर तीन किलोमीटर कच्ची सडक़ बना दी।
सराड़ा तहसील के ओड़ा ग्राम पंचायत के ग्रामीण कई वर्षों तक सरकार के स्तर से सडक़ निर्माण शुरू होने का इंतजार करते रहे, लेकिन न कोई राजनेता, न लोक सेवक ही इस सडक़ बनवाने में आगे आए। थकहार कर ग्रामीण खुद से ही सडक़ निर्माण कार्य में जुट गए।
सडक़ निर्माण कार्य की अगुवाई कर रहे ग्रामीण सुरेश, हेमंत, दिनेश, कन्हैया लाल सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के कई साल बाद भी हम लोग सडक़ जैसी महत्वपूर्ण सुविधा से वंचित हैं। रेला वाया लोहर घाटी से लेकर जावर माइंस तक जाने के लिए महज तीन किलोमीटर सडक़ चाहिए जो नहीं बन पाई। इससे इस क्षेत्र के करीब एक हजार की आबादी को पगडंडियों एवं नदी-नालों से होकर गुजरना पड़ता है। खासकर बरसात के दिनों में खूब परेशानी उठानी पड़ती है।
ओड़ा के ग्रामीण बताते हैं कि सडक़ बन जाने से इस क्षेत्र के करीब एक दर्जन गावों के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। जब कोई ग्रामीण बीमार पड़ जाते हैं तो अस्पताल तक ले जाने में काफी कठिनाई होती है। एक दो मामलों में तो सडक़ नहीं रहने का खमियाजा जान देकर चुकाना पड़ा। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने पर मरीज की मौत हो गई। सडक़ नहीं रहने का दर्द यहां के लोगों को सालों से परेशान कर रहा था। पदमा और कैलाश बताते हैं कि एक दिन हम ग्रामीणों ने तय किया कि क्यों न खुद ही सडक़ बनाने का काम प्रारंभ किया जाए। आपस में ही चंदा एकत्रित कर श्रमदान से ही सडक़ निर्माण कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए ग्रामीणों ने आपसी चंदे के रूप में 50 हजार रुपये इकट्ठा कर सडक़ निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया। हिस