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पितृ दोष मुक्ति का ‘महापर्व’ पितृ पक्ष कब से होगा शुरू? जाने श्राद्ध की तिथियां और तारीख

👤 Veer Arjun | Updated on:26 Aug 2023 9:25 AM GMT

पितृ दोष मुक्ति का ‘महापर्व’ पितृ पक्ष कब से होगा शुरू? जाने श्राद्ध की तिथियां और तारीख

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नई दिल्ली। पितृ दोष मुक्ति का 'महापर्व' पितृ पक्ष जल्द शुरू होने वाला है. पितृ पक्ष में पितरों को उनकी तिथियों पर तर्पण, पिंडादान आदि करते हैं. पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर सर्व पितृ अमावस्या तक चलता है. आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष कब से कब तक है और पितृ पक्ष की कौन सी तिथि किस तारीख को है.

पितृ दोष मुक्ति का ‘महापर्व’ पितृ पक्ष का प्रारंभ भाद्रपद पूर्णिमा से होने वाला है. उस दिन पूर्णिमा का श्राद्ध होगा. पितृ पक्ष में पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि करते हैं, जिससे नाराज पितर प्रसन्न हो जाएं और पितृ दोष से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाए. इस वजह से पितृ पक्ष पितरों की नाराजगी दूर करने का महापर्व है. पितृ पक्ष के 16 दिन पितरों को खुश करके उनका आशीर्वाद लेने के लिए हैं. आपके पितर किस तिथि को प्रसन्न होंगे, इसके लिए उनके देहांत की तिथि जाननी जरूरी है. आइए जानते हैं पितृ पक्ष कब से शुरू हो रहा है और उसकी तिथियां कौन-कौन सी हैं?

पितृ दोष मुक्ति का ‘महापर्व’ पितृ पक्ष कब से होगा शुरू?

काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, पितृ दोष मुक्ति का ‘महापर्व’ पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक चलता है. इसके 16 दिन पितरों को समर्पित किए गए हैं. इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितर धरती पर आते हैं और अपने वंश से तर्पण, पिंडदान या श्राद्ध से तृप्त होने की उम्मीद रखते हैं. जो लोग पितृ पक्ष में अपने पितरों को तृप्त नहीं करते हैं, वे उनके श्राप और नाराजगी के भागी बनते हैं. वे दुखी होकर श्राप देते हैं, जिससे व्यक्ति पूरे जीवन परेशान रहता है. यहां तक कि संतान सुख से भी वंचित होना पड़ता है.

किस तिथि को आपके पितर होंगे खुश?

अब आप सोच रहे होंगे कि आपके पितर तिथि विशेष को ही क्यों खुश होंगे? इसका जवाब यह है कि जब व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उस दिन की तिथि महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि पितृ पक्ष में उस तिथि पर ही उस पितर के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है. पितृ पक्ष की निश्चित तिथि पर अपने पितरों के लिए भोजन, दान, पंचबलि कर्म, तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि करते हैं. इससे वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.

​पितरों की तिथि याद न हो तो पितृ पक्ष में कैसे करें श्राद्ध?

जब आपको अपने पितर की तिथि ज्ञात नहीं होती है तो आप पितृ पक्ष की अमावस्या यानि आश्विन अमावस्या को अपने पितर के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि कर सकते हैं. इसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन सभी ज्ञात और अज्ञात पितरों का पिंडदान करते हैं.

पितृ पक्ष 2023: श्राद्ध की तिथियां और तारीख

29 सितंबर: पूर्णिमा श्राद्ध, प्र​तिपदा श्राद्ध

30 सितंबर: द्वितीया श्राद्ध

1 अक्टूबर: तृतीया श्राद्ध

2 अक्टूबर: चतुर्थी श्राद्ध

3 अक्टूबर: पंचमी श्राद्ध

4 अक्टूबर: षष्ठी श्राद्ध

5 अक्टूबर: सप्तमी श्राद्ध

6 अक्टूबर: अष्टमी श्राद्ध

7 अक्टूबर: नवमी श्राद्ध

8 अक्टूबर: दशमी श्राद्ध

9 अक्टूबर: एकादशी श्राद्ध

10 अक्टूबर: मघा श्राद्ध

11 अक्टूबर: द्वादशी श्राद्ध

12 अक्टूबर: त्रयोदशी श्राद्ध

13 अक्टूबर: चतुर्दशी श्राद्ध

14 अक्टूबर: सर्व पितृ अमावस्या, अमावस्या की श्राद्ध

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