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कल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर रखा जाएगा हल षष्ठी का व्रत, जाने मुहूर्त और पूजा विधि

👤 Veer Arjun | Updated on:4 Sep 2023 9:53 AM GMT

कल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर रखा जाएगा हल षष्ठी का व्रत, जाने मुहूर्त और पूजा विधि

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नई दिल्ली(NEW DELHI)। Hal Shashti 2023: 5 सितंबर 2023 , मंगलवार के दिन हल षष्ठी का व्रत किया जाएगा। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को श्री बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। बलराम जी का प्रधान शस्त्र और मूसल है इसलिए इस दिन को हलषष्ठी, हरछठ या ललही छठ के रूप में जाना जाता है। बता दें कि श्री बलराम को हलधर के नाम से भी जाना जाता है। हल षष्ठी के दिन व्रत करने का भी विधान है। आज के दिन व्रत करने से श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है और जिनकी पहले से संतान है, उनकी संतान की आयु, आरोग्य और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। हल षष्ठी के दिन श्री बलराम के साथ-साथ भगवान शिव, पार्वती जी, श्री गणेश, कार्तिकेय जी, नंदी और सिंह आदि की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

हल षष्ठी 2023 शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि आरंभ- 4 सितंबर 2023 को शाम 04 बजकर 41 मिनट पर

षष्ठी तिथि आरंभ समापन- 5 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर

हल षष्ठी तिथि- 5 सितंबर 2023

हल षष्ठी पूजा विधि

हल षष्ठी के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें।

इसके बाद भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें।

अब मंदिर या पूजा घर में गंगाजल छिड़कर शुद्ध कर एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछा दें।

फिर चौकी पर बलराम जी और भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर रख दें।

दोनों देवताओं को चंदन का तिलक कर फल, फूल, धूप, दीप आदि सामान अर्पित करें।

श्रीकृष्ण की आरती के साथ पूजा संपन्न करें।

भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा के साथ छठ माता की भी पूजा करें।

वहीं आज के दिन बलराम जी के शस्त्र 'हल'की भी पूजा करना शुभ माना जाता है।

हल षष्ठी के दिन गाय के दूध व दही का सेवन नहीं करना चाहिए।

इस दिन हल से जोते गए किसी भी अन्न को ग्रहण नहीं करना चाहिए।

(अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते है।)

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