महाशिवरात्रि 59 वर्ष बाद सर्वसिद्धि व अमृत योग में मनेगी
ग्वालियर। इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व आगामी 21 फरवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार 59 वर्ष के बाद महाशिवरात्रि शश, सर्वसिद्धि, अमृत योग में मनाई जाएगी। यह योग लोगों को भौतिक सुखों में उन्नति व वृद्धि दिलाएगा। यह दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सबसे अधिक शुभ होता है। महाशिवरात्रि पर कालसर्प दोष पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त भी है। जिन व्यक्तियों को कालसर्प दोष है, उन्हें इस संयोग में दोष की शांति कराना श्रेष्ठ होगा।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व पर चंद्र शनि की मकर राशि में युति के साथ पंच महापुरुष में शश योग भी बन रहा है। आमतौर पर श्रवण नक्षत्र में आने वाली शिवरात्रि में मकर राशि के चंद्रमा का योग बनता है, लेकिन 59 वर्ष बाद शनि के मकर राशि में होने से तथा चंद्र का संचरण अनुक्रम में शनि के वर्गोत्तम अवस्था में शश योग का संयोग बन रहा है, क्योंकि चंद्रमा मन तथा शनि ऊर्जा का कारक ग्रह यह योग साधना सिद्धि के साथ भगवान भोलेनाथ के साथ मां पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष महत्व रखता है!