Home » धर्म संस्कृति » नवरात्रि में इन रंगो का विशेष रखें ध्‍यान, प्राप्त होगी मां भगवती की कृपा

नवरात्रि में इन रंगो का विशेष रखें ध्‍यान, प्राप्त होगी मां भगवती की कृपा

👤 Veer Arjun | Updated on:19 March 2023 9:10 AM GMT

नवरात्रि में इन रंगो का विशेष रखें ध्‍यान, प्राप्त होगी मां भगवती की कृपा

Share Post

नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार 22 मार्च 2023, बुधवार से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो जाएगा। बता दें कि प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो जाती है। चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की नौ प्रमुख स्वरूपों की उपासना विधि-विधान से की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की उपासना करने से साधक को सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

चैत्र नवरात्रि के इन 9 दिनों में साधक विभिन्न नियमों का भी पालन करते हैं। जिनमें से एक नियम यह है कि पूजा के दौरान साधक को देवियों के प्रिय रंग को ध्यान में रखकर ही वस्त्र पहनना चाहिए। साथ ही उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की पूजा के समय पहने गए वस्त्र गंदे या फटे हुए ना हो। आइए जानते हैं नवरात्रि में रंगों का महत्व और मां भगवती के नौ स्वरूपों से इनका संबंध।

माता शैलपुत्री

चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की उपासना की जाती है। इस दिन माता की पूजा के समय साधक को नारंगी, गुलाबी, लाल या रानी रंग के कपड़े पहने चाहिए। ऐसा करने से साधक की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

मां ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की उपासना का विधान है। इस दिन साधक को सफेद, क्रीम या पीले रंग के वस्त्र पहनना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

माता चंद्रघंटा

चैत्र नवरात्रि के तृतीया तिथि के दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन साधक को दूधिया, केसरिया, लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनकर माता की उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से उन्हें आरोग्य और सुखी जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

देवी कुष्मांडा

चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मां कुष्मांडा की उपासना का विधान है। मां कुष्मांडा प्रकृति की देवी हैं। इसलिए इस दिन साधक हरा, पीला, भूरा या क्रीम रंग के वस्त्र पहनकर ही उनकी पूजा करें।

मां स्कंदमाता

चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन उनकी पूजा लाल, हरे, सफेद या दूधिया रंग के वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। ऐसा करने से साधक को आरोग्यता ज्ञान और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

माता कात्यायनी

नवरात्रि पर्व के छठे दिन महिषासुर मर्दिनी देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस दिन साधकों को नारंगी, गेरुआ, लाल, मेहरून, गुलाबी या मूंगा रंग के वस्त्र पहनकर उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से गृहस्थ जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं और साधकों को लाभ मिलता है।

मां कालरात्रि

चैत्र नवरात्रि के सप्तमी तिथि को माता कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन कुछ साधकों द्वारा तंत्र साधना भी की जाती है। मां कालरात्रि की उपासना करते समय साधक बैंगनी, नीला, आसमानी या स्लेटी रंग के वस्त्र धारण करें। ऐसा करने से जीवन में आ रहे सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

माता महागौरी

चैत्र मास की अष्टमी तिथि को माता महागौरी की उपासना की जाती है। मां महागौरी को सफेद रंग सर्वाधिक प्रिय है। इस दिन उनकी पूजा करते समय साधक संत्री, लाल, गुलाबी या केसरिया रंग के वस्त्र धारण करें।

मां सिद्धिदात्री

चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि को माता सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की देवी हैं। इस दिन उनकी उपासना करने के लिए साधक लाल, नारंगी या गुलाबी रंग का वस्त्र पहनें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

Share it
Top