रामलला को गर्मी से बचाने गर्भगृह में लगाया कूलर, भोग में किया बदलाव
अयोध्या। लगातार बढ़ रहे तापमान के चलते रामलला गर्मी की तपिश झेल रहे थे। रामलला को गर्मी से बचाने के लिए गर्भगृह में कूलर लगा दिया गया है। लंबे समय से माना जाता है कि जिन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है उसमें भगवान का वास हो जाता है। आम जीवों की तरह उन्हें भी ठंडी, गर्मी, भूख, प्यास सताने लगती है अत: उन्हें आवश्यक चीजों की जरुरत पड़ती है। इसलिए मंदिरों में इन बातों पर ध्यान दिया जाता है।
राममंदिर में रामलला पांच वर्ष के बालक के रूप में विराजमान हैं। इसलिए उनकी सेवा एक बालक की तरह ही की जा रही है। रामजन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार गर्भगृह में कूलर की व्यवस्था ट्रस्ट की ओर से कर दी गई है। एसी भी आ गया है। वह भी लग जाएगा। रामलला को गर्मी से बचाने के लिए उनके राग-भोग में भी बदलाव किया गया है। रामलला को गोटेदार सूत्री वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। भोग में दही व रबड़ी बढ़ा दी गई है। मौसमी फलों का भी भोग लगाया जा रहा है।
रामलला के दरबार में नौ दिनों तक विधि विधान से शक्ति उपासना की जाएगी। चैत्र नवरात्र के शुभारंभ पर नौ अप्रैल को रामलला के दरबार में कलश स्थापना के साथ नौ दिवसीय अनुष्ठान शुरू होंगे। 17 अप्रैल को राममंदिर में रामजन्मोत्सव का पर्व भव्यता पूर्वक मनाया जाएगा। पांच सौ वर्षों के बाद रामलला भव्य महल में रामजन्मोत्सव मनाने जा रहे हैं। इसलिए राममंदिर ट्रस्ट की ओर से उत्सव को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियां जोरों पर की जा रही है।
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि हिंदू नव वर्ष के दिन चांदी की चौकी पर कलश स्थापना की जाएगी। इसके बाद नौ दिनों तक रामलला के साथ ही मां दुर्गा की भी पूजा-अर्चना होगी। नवरात्र में जो पूजन विधि बताई गई है, वैदिक आचार्य उसी विधि से मां शक्ति की पूजा-अर्चना करेंगे। नौ दिनों तक रोजाना दुर्गा सप्तशती का पाठ होगा। वेदमंत्रों से हवन कुंड में आहुतियां अर्पित की जाएंगी।
भव्य मंदिर में रामलला के पहले जन्मोत्सव यानी रामनवमी पर मां दुर्गा सहित सभी देवी-देवताओं को विधि पूर्वक आमंत्रित किया जाएगा। जन्मोत्सव के मौके पर नवमी तिथि को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग रामलला को अर्पित कर सभी श्रद्धालुओं को भोग लगा हुआ प्रसाद वितरित किया जाएगा। दशमी तिथि को भी प्रसाद बांटा जाएगा। ट्रस्ट की ओर से अन्य कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जा रही है।