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नागौर जिले के तीन किसान भाइयों ने रच डाला इतिहास, भांजी को भरा 3.21 करोड़ का मायरा

👤 Veer Arjun | Updated on:16 March 2023 9:08 AM GMT

नागौर जिले के तीन किसान भाइयों ने रच डाला इतिहास, भांजी को भरा 3.21 करोड़ का मायरा

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जयपुर। राजस्थान के नागौर जिले में तीन किसान भाइयों ने इतिहास रच डाला। भांजी की शादी में 3 करोड़ 21 लाख का भात लेकर पहुंचे। जिसमें 16 बीघा खेत और 30 लाख रुपये का भूखंड शामिल है। परिवार खेती करता है।

राजस्थान के नागौर जिले में तीन किसान भाइयों ने इतिहास रच डाला। भांजी की शादी में 3 करोड़ 21 लाख का भात लेकर पहुंचे। इसकी पूरे प्रदेश भर में चर्चा हो रही है। मामले के मुताबिक झाड़ेली में बुरड़ी निवासी भंवरलाल गरवा की दोहिती अनुष्का की शादी ढींगसरी निवासी कैलाश के साथ होनी है। बुधवार को भंवरलाल गरवा और उनके तीन पुत्र हरेन्द्र, रामेश्वर और राजेंद्र ने ये मायरा भरा. भंवरलाल का परिवार खेती करता है। समृद्ध खेतिहर परिवार के पास करीब साढ़े 300 बीघा जमीन है। मायरे में 81 लाख रुपए कैश, 16 बीघा खेत, 30 लाख का भूखंड, 41 तोला सोना, 3 किलो चांदी दी गई। साथ ही एक नया ट्रैक्टर, धान से भरी ट्रॉली और एक स्कूटी भी भेंट की. इतना ही नहीं गांव के प्रत्येक परिवार को एक चांदी का सिक्का भी दिया। जमीन-जेवर और वाहन की कीमत व नकदी मिलाकर करीब 3 करोड़ 21 लाख बैठी है।

500-500 रुपए के नोट से सजी चुनरी

मायरा में ननिहाल पक्ष की ओर से जमीन से जुड़े सारे डाक्यूमेंट्स बेटी के परिवार को सौंपे गए. पूरे गांव के लिए चांदी के सिक्के थाल में सजाकर रखे गए थे. इसके साथ ही भाइयों ने अपनी बहन को 500-500 के नोटों से सजी चुनरी भी ओढ़ाई है। नागौर जिले में हर साल कोई ना कोई ऐसा मायरा भरा जाता है जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है. पिछले एक महीने में आधा दर्जन मायरे ऐसे भरे गए हैं, जो एक-एक करोड़ तक के रहे. फरवरी में ही राजोद गांव के दो भाइयों सतीश गोदारा और मुकेश गोदारा ने सोनेली गांव में अपनी बहन संतोष का मायरा भरा था. भाइयों ने 71 लाख का कैश, डॉलर की चुनरी और 41 तोला सोना भेंट किया था।

मायरा आखिर क्या?

राजस्थान में बहन के बच्चों की शादी पर ननिहाल पक्ष की ओर से मायरा भरने की प्रथा है। इसे हिंदी पट्टी में सामान्य तौर पर भात भरना भी कहा जाता है. इस रस्म में ननिहाल पक्ष की ओर बहन के बच्चों के लिए कपड़े, गहने, रुपए और कई तरह के सामान सौंपे जाते हैं. अपनी श्रद्धा और शक्ति के मुताबिक मामा पक्ष बहन के ससुराल पक्ष के लोगों के लिए भी कपड़े, जेवरात आदि भेंट स्वरूप देते हैं।

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