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पानी के गुणों वाला कलाकार

👤 manish kumar | Updated on:4 Dec 2019 5:47 PM GMT

पानी के गुणों वाला कलाकार

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क वेबसाइट के हवाले से पता चला कि आदिल हुसैन की बाईसेप 12 इंच की हैं। इसलिए यह फ्रश्न आवश्यक था कि वेबसाइट को कैसे मालूम हुआ? क्या यह बात सही है? लेकिन धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (जो आदिल का देश में सबसे फेवरेट फेस्टिवल है क्योंकि यहां व्यक्ति नहीं बल्कि फिल्में स्टार हैं) के सहज व आरामदायक वातावरण में भी मैं उनसे यह सवाल करने की हिम्मत जुटा न सका। हम पहाड़ों से घिरे हुए हैं, जिनपर इस साल की पहली बर्फबारी हुई है और उस शहर में हैं जहां तिब्बत की निर्वासित सरकार है और इसलिए यही उचित फ्रतीत होता है कि सिर्फ जीवन की बड़ी चीजों पर ही बात की जाये।

आदिल निराश नहीं करते हैं- ऐसी उनसे उम्मीद भी नहीं की जा सकती क्योंकि वे वह व्यक्ति हैं जो कर्नाटक के नदी-द्वीप पर साढ़े तीन साल तक फ्रति सप्ताह एक भाव से फ्रयोग करते हुए और जीवन व अपनी ला से संबंधित फ्रश्नों का उत्तर तलाशते रहे। वह बताते हैं, एक पेड़ का कलात्मक रूप बोंसाई है, और जब जीवन को सिनेमा में फ्रस्तुत किया जाता है तो वह भी उसी तरह होता है- सांद्रित व संघनित।' फिर उन्होंने बताया कि 1992 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के रिसेप्शन से वह केवल इसलिए भाग गये थे कि अपनी तत्कालीन गर्लफ्रेंड को बता सकें कि उन्होंने कला व असल जीवन के अंतर को तलाश लिया है।

53 वर्षीय आदिल अब भी दिल्ली में ही रहते हैं और आप उन्हें `व्हाट विल पीपल से' (जो पिछले साल ऑस्कर में नॉर्वे की एंट्री थी), `इंग्लिश विनग्लिश', `लाइफ ऑफ पाई', `इश्किया' आदि सफल फिल्मों में देख चुके है। अब इस बात को लेकर बहुत अटकलें हैं कि `स्टार ट्रेक ः डिस्कवरी' (सीबीएस का तीसरा सत्र, जो बसंत 2020 में पीन होगा) में उनकी क्या भूमिका है। वह सिर्फ इतना बताते हैं, मेरा किरदार दक्षिण एशियाई व्यक्ति है। मेरे सीन अति तीव्र व अति भावनात्मक हैं और तथ्य यह है कि वह सीरीज में कोई `मात्र अन्य भारतीय' नहीं है।'

लेकिन वह बॉलीवुड व हॉलीवुड के सेट्स पर फिल्मों के अंतर को लेकर अवश्य बोलते हैं, शूट के पहले दिन जब मैंने स्टूडियो में फ्रवेश किया तो देखा कि हर कोई घेरे में खड़ा है। निर्देशक ने कहा `यह आदिल हैं। स्टार ट्रेक परिवार में आपका स्वागत है।' हर कोई मेरी तरफ देखने लगा, इस उम्मीद में कि मैं कुछ बोलूंगा। मैं कम बोलना चाहता था, इसलिए मैंने सिर्फ इतना कहा कि मैं (असम के गोलपारा) कस्बे में पैदा हुआ जहां अखबार फ्रकाशित होने के तीसरे दिन बाद पहुंचते थे और अब मैं यहां स्टार ट्रेक में हूं, गैलेक्सी पार करने के फ्रयास में। यह अदभुद सफर रहा है।'

इसके बाद वह कहते हैं, जो कुछ हुआ वह भारत में कभी नहीं हुआ- लीड एक्टर सोनेकुआ मार्टिन-ग्रीन घेरे के केंद्र में आयीं और उनसे मालूम किया कि क्या वह उन्हें हग कर सकती हैं, जिस एक्टर को कोई अमेरिका में जानता नहीं उसे हग करने की इच्छा! फिर आदिल को गले लगाते हुए वह उनके कान में बोलीं कि वह उनके साथ काम करने के लिए बेताब हैं।

आदिल बताते हैं, सीमाएं टूट गईं और हम बराबरी के स्तर पर सिर्फ दो रचनात्मक लोग हो गये। मुझे अपने फिल्म कॅरियर का सबसे अच्छा शूटिंग अनुभव हुआ। कोई ईगो नहीं, कोई बड़े होने का घमंड नहीं।' आदिल चाहते हैं कि लोग उनकी कुछ और फिल्मों को भी देखें - खासी में `लोरनी', जो शिलांग में शूट की गई कम बजट की फिल्म है, पहचान खोने के संदर्भ में और जो एस्टोनिया में चल रहे अवंत-ग्रेड टैलीन ब्लैक नाइट्स फिल्म फेस्टिवल में पीन की जायेगी। वह हंसते हुए बताते हैं, "होटल से शूट के लिए जाने हेतु मेरा वाहन स्कूटर था।'फिर वह फ्रकाश झा की फिल्म `परीक्षा' में भी हैं, जो गोवा के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में 22 नवम्बर को पीन होगी। यह एक रिक्शावाले की कहानी है जो अपने बेटे को अच्छे स्कूल में शिक्षा दिलाना चाहता है, जिसके लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। `निर्वाण इन', जो हाल ही में सम्पन्न हुए बुसान फिल्म फेस्टिवल में पीन हुई, `पैरानोर्मल थ्रिलर' है। गौतम घोष की `राहगीर' तीन व्यक्तियों के बारे में है जो आपस में टकराते हैं और दोस्त बन जाते हैं, यह फिल्म इस साल के अंत में रिलीज होगी।धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के अंतिम दिन लगभग 140 लोग एक तिब्बती बच्चों के गांव के स्कूल के टेरेस पर जमा हुए, उन्होंने आदिल से विभिन्न फ्रकार के फ्रश्न किये।

आदिल ने कहा कि संघर्ष अहंकार के विरुद्ध निरंतर सतर्क रहने का है, जो कैंसर की तरह है। उनका कहना है कि पितृसत्तात्मकता एक अन्य चीज है जिससे बचने के लिए वह निरंतर फ्रयास करते हैं। मसलन, उन्होंने व उनकी पत्नी ािढस्टन जैन ने अपने बेटे, जो अब दस साल का हो गया है, का नाम कबीर ओम अंगन रखा है।आदिल को अपने आपको एक्टर कहना अहंकार फ्रतीत होता है।

वह कहते हैं, मुझे एक्टिंग पसंद है और मैं इस कला की फ्रैक्टिस करता हूं।' एक समय था जब वह अपने 87 वर्षीय पिता के आंसुओं का अपने मन में पोस्टमार्टम करते थे, अपनी कला में निखार लाने के लिए। तब वह सोचते कि क्या वह एक इंसान के रूप में धरातल में जा रहे हैं, सिर्फ बेहतर एक्टर बनने के लिए? लेकिन जब वह स्टेज पर होते हैं तो फिर वह जगह और दर्शक उनके होकर रह जाते हैं। उनके अनुसार एक एक्टर में पानी के तीन गुण होने चाहिए- पारदर्शिता, बर्तन के अनुरूप अपने को ढालने की अदा और प्यास बुझाने की क्षमता।

यह तीनों ही गुण उनमें हैं और इसलिए वह सफल एक्टर हैं। सफलता का पैमाना उनके नजदीक यह है कि कितनी जल्दी आपको बिस्तर में नींद आती है। वह बिस्तर में किसी भी समय फ्रवेश करें, 15 मिनट में सो जाते हैं।

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