Home » रविवारीय » सुपरस्टार बनने की राह में हैं राधा यादव

सुपरस्टार बनने की राह में हैं राधा यादव

👤 manish kumar | Updated on:23 Dec 2019 11:59 AM GMT

सुपरस्टार बनने की राह में हैं राधा यादव

Share Post

ब महिला किकेटरों के संदर्भ में आईसीसी (इंटरनेशनल किकेट काउंसिल) ने अपनी ताजा रैंकिंग घोषित की तो राधा यादव के लिए यह दोहरे जश्न का अवसर था। पहला यह कि हाल में सम्पन्न हुई टी-20 सीरीज में भारत ने वेस्टइंडीज को 5-0 से पराजित किया, जिसमें राधा यादव विकेट लेने के मामले में भारत की ओर से दूसरे नंबर की गेंदबाज रहीं। दूसरा यह कि 19 वर्षीय टीम बड़ोदा की इस हरफनमौला खिलाड़ी को आईसीसी ने टी-20 फॉर्मेट की विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर रखा। यह उपलब्धि इस लिहाज से उल्लेखनीय है कि ािढकेट में राधा यादव का अब तक का सफर किसी परीकथा से कम नहीं रहा है। उन्होंने 2011 के विश्व कप से पहले टीवी पर एक भी ािढकेट मैच नहीं देखा था। उन्हें तो यह भी नहीं मालूम था कि भारत में महिलाएं ािढकेट भी खेलती हैं।

आर्थिक दृष्टि से मामूली पृष्"भूमि वाले परिवार से संबंधित राधा यादव मुंबई के एक उपनगर कांदिवली में रहती थीं और उन्हें अपनी लोकेलिटी के लड़कों के साथ ािढकेट खेलना अच्छा लगता था। उनका जीवन उस समय बदल गया जब जाने माने ािढकेट कोच फ्रफुल नायक ने उनके अंदर फ्रतिभा देखी। वह जल्द ही फ्रोफेशनल ािढकेट खेलने लगीं। वह मुंबई की टीम में थीं, लेकिन जब नायक ने अपनी बेस वडोदरा में बना ली तो राधा यादव भी उस शहर में शिफ्ट हो गईं। मुंबई के नुकसान से वडोदरा को लाभ हुआ, और राधा यादव टीम बड़ोदा की कप्तान बन गईं। उन्होंने फरवरी 2018 में भारत के लिए अपना पहला टी-20 इंटरनेशनल खेला और फिर उसके बाद से पीछे मुड़कर नहीं देखा है।

विश्व में नंबर 2 रैंकिंग फ्राप्त करने पर राधा यादव कैसा महसूस करती हैं? यह फ्रश्न बेकार का है, क्योंकि सफलता सभी को फ्रसन्न करती है, लेकिन यही बात अगर संबंधित व्यक्ति के मुंह से सुनी जाये तो उसका लुत्फ ही कुछ और होता है। राधा यादव बताती हैं, "यह खबर हमारी टीम के मैसेजिंग ग्रुप पर भेजी गयी और मुझे बहुत खुशी हुई। लेकिन मुझे इस बात का अधिक संतोष था कि मैंने वेस्टइंडीज के विरुद्ध अच्छी गेंदबाजी की। इसका अधिक श्रेय नरेंद्र हिरवानी (पूर्व भारतीय ािढकेटर) सर को जाता है, जो स्पिनर्स को कोच कर रहे हैं। हमारी टीम में कुछ गजब के ािढकेटर हैं और हम वास्तव में एक दूसरे की सफलता का आनंद लेती हैं। इसीलिए हम इतना अच्छा खेल रही हैं। हमारे कोच डब्लूवी रमण ने सुनिश्चित किया है कि हम खुलकर खेलें और गेम का आनंद लें। मुझे घरेलू गेम्स की तुलना में अंतर्राष्ट्रीय ािढकेट में कम दबाव का अनुभव हुआ है। घरेलू मैचों में एक या दो खिलाड़ियों पर ही हमेशा अच्छा फ्रदर्शन करने का दबाव रहता है। हालांकि मैं जिम्मेदारी का आनंद लेती हूं, लेकिन भारत के लिए मैं अधिक खुलकर खेलती हूं क्योंकि अब टीम के पास अनेक मैच-विजेता हैं।'

राधा यादव की यह बात एकदम सही है। हमारी महिला टीम में आज एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हैं, जिससे टीम में जगह पाना बहुत क"िन हो गया है, कड़ी फ्रतिस्पर्धा है। इस बारे में राधा यादव का कहना है, "आज हमारे पास बहुत शानदार ािढकेटर हैं, जो संकट के समय टीम को उबारने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं। मैं इस समय अपने खेल का आनंद ले रही हूं, मुझे ज्यादा सोचना नहीं है बाकी चीजों के बारे में। मैं एक दिन ओडीआई में भी देश का फ्रतिनिधित्व करना चाहूंगी, लेकिन फिलहाल मैं वर्तमान में रहना चाहती हूं। हरमनफ्रीत कौर मेरी आदर्श है, उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करके मैंने बहुत कुछ सीखा है। इस समय हमारा सामूहिक सपना भारत को अगले वर्ष टी-20 विश्व चैंपियन बनाना है। दो घंटे की जिम एक्सरसाइज और रोजाना दौड़ना मुझे फिट रहने में मदद करता है।'

आर्थिक रूप से अब राधा यादव का परिवार कुछ बेहतर स्थिति में है, हालांकि उन्हें बचपन में काफी तंगी का सामना करना पड़ा था, जिससे उनमें संघर्ष करने की काफी क्षमता आ गयी है। वह बताती हैं, "हां, अभी (आर्थिक स्थिति) काफी बेटर है और चीजें काफी हद तक हल हो गई हैं। पहले तो मेरे पिता एक अस्थायी दुकान पर सब्जियां बेचा करते थे, अब इसके अतिरिक्त उन्होंने किराये पर एक ग्रोसरी की दुकान भी ले ली है। लेकिन आज तक उन्होंने मुझसे पैसे नहीं लिए। मेरे पैरेंट्स का मुझपर बहुत उपकार है उन सभी कुर्बानियों के लिए जो उन्होंने मेरे लिए दीं और उन्होंने मुझे कभी भी खेलने से नहीं रोका। अब जब मैं "ाrक "ाक पैसा कमाने लगी हूं तो हम पैसा बचाने व निवेश करने की योजना बना रहे हैं। लेकिन मेरी मानसिक टफनेस का हमारी आर्थिक स्थिति से कोई संबंध नहीं है। ािढकेट मेरा जीवन है और जब आप किसी चीज को इतना पसंद करते हैं तो टफनेस अपने आप आ जाती है।'

राधा यादव जब भारत के लिए खेलती हैं तो फैंस उनसे सेल्फी व ऑटोग्राफ का आग्रह करते हैं। लेकिन इससे अलग, उनका कहना है, उन्हें अधिक लोग अभी पहचानते नहीं हैं। लेकिन इसमें उन्हें जल्द बदलाव की आशा है, खासकर इसलिए कि अब महिला ािढकेटरों के लिए स्थितियां काफी बेहतर हो गई हैं। टीवी फ्रसारण ने महिला ािढकेट को भी पॉपुलर कर दिया है।

Share it
Top