मुख्यमंत्री चौहान को गरीबों का भगवान मानते हैं मिश्रा जी
हमारे देश में अमीरों की अपेक्षा गरीबों की संख्या बहुत ज्यादा है। कुछ तो गरीब हैं लेकिन कुछ बेहद गरीब लाखों लोग ऐसे मिल जाएंगे जिनका दो वक्त की रोटी तक का जुगाड़ नहीं हो पाता। लाखों गरीब लोग ऐसे होंगे जिनके पास कोई आशियाना तक नहीं होगा। हालांकि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गरीब लोगों की कुछ सूध तो ली है लेकिन उनकी योजनाओं का जो लाभ गरीबों को मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि हमारे देश में भ्रष्टाचार की चादर बहुत लम्बी है। बहुत से भ्रष्टाचारी लोग गरीब आदमी के अधिकार (हक) पर भी अपना अधिकार पहले समझते हैं न जाने कितने कर्मचारी, अधिकारी और नेता बड़े-बड़े घोटाले कर जाते हैं। उत्तर प्रदेश के यादव सिंह जैसे बहुत से भ्रष्टाचारी हमारे देश में ऐश ले रहे हैं। गरीबों के दर्द को वही जानता है जिसने गरीबी को करीब से देखा होगा। बहुत से बेहद गरीब लोग किलो आधा किलो चावल लाकर हांडी में पकाते हैं फिर भी पूरे परिवार का पेट उनसे नहीं भरता। बाद में हांडी में थोड़े जले हुए खुरचन चावल के लिए भी परिवार के दो सदस्यों की निगाह होती है कि इसे खुरचन के चावल को खाकर पेट भरेगा तो दिल दहल जाता है ऐसे सीन देखकर मध्यप्रदेश के रीवा जिला निवासी जनार्दन मिश्रा आज सांसद है लेकिन करीब 15-16 साल पहले ऐसा ही सीन अपने पड़ोस में रह रहे एक आदिवासी परिवार के यहां देखा था कि थोड़े से जले हुए चावलों के लिए साथ बहू का झगड़ा सास से हो रहा था। मिश्रा जी की माताजी से यह देखा नहीं गया उन्हें फिर से घर से लेजाकर कुछ खाने को दिया और दोनों को शान्त करवाया। जनार्दन मिश्रा ने जब यह सीन देखा तो उनके दिल को भी बहुत "sस पहुंची परन्तु आज मिश्रा जी इसलिए खुश हैं कि शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद ऐसे गरीब लोगें को एक रूपया किलो चावल, एक रूपया किलो अनाज व नमक दिया जा रहा है। अब शायद मध्यप्रदेश में कोई ऐसा परिवार नहीं होगा जो कि रात को भूखा सोता होगा। मिश्रा जी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गरीबों का भगवान मानते हैं। इनका कहना है कि प्रधानमंत्री की योजनाओं को भी प्रदेश में अच्छे से लागू किया जा रहा है।