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परिवार बनें इको फ्रेंडली
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राजकुमार 'दिनकर'
बच्चों में रिसाइकिल चीजों का इस्तेमाल करने की भावना जागृत करके उनमें अपने पर्यावरण को बचाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कोई भी परिवार इस काम को बखूबी कर सकता है। पेपर के दोनो तरफ लिखना, पेपर क्लिप का बार-बार इस्तेमाल करना, बच्चों द्वारा रिसाइकिल्ड चीजों का इस्तेमाल यानी बहुत कुछ हो सकता है।
पुराने कपड़ों का इस्तेमाल
घर में पुराने कपड़े काफी होते हैं, उन्हें किसी को देने से पहले उनका घर में ही बेहतर इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है इस पर विचार किया जाना चाहिए। जैसे पुरानी शर्ट को टी-शर्ट के ऊपर पहना जा सकता है। पेंट्स की शॉट्स बनायी जा सकती हैं या पुराने कपड़ों को किसी जरूरतमंद लोगों के लिए बनी संस्थाओं को दान दिया जा सकता है। हो सकता है पुरानी टी-शर्ट से बच्चे का भावनात्मक लगाव हो, उसके दोस्त ने उसे वह गिफ्ट में दी हो, जिसे वह किसी को देना न चाहता हो। इसके लिए अगर उसे टी-शर्ट का लोगो पसंद है तो उन्हें कट करके एक साथ जोड़कर रखा जा सकता है। घर में जुराबों के जोड़े अकसर खराब हो जाते हैं, एक जुराब खो जाए तो दूसरी भी बेकार हो जाती है। पुरानी जुराबों में एम्ब्रायड्री करके उसे पपेट बनाया जा सकता है या उन्हें गीला करके घर की कई चीजों की सफाई की जा सकती है।
पानी बचाना
पानी का पा गतिशील रहता है। हमारे दादा-दादी द्वारा जो पानी इस्तेमाल में लाया गया था, आज हम भी उसी का इस्तेमाल करते हैं। घर में बच्चा टूथब्रश करने के लिए जिस पानी का इस्तेमाल करता है, वो भी 4 करोड़ साल पुराना हो सकता है, तो फिर पानी का सम्मान करो ना! भले ही जमीन के 97 प्रतिशत हिस्से पर पानी है लेकिन है तो खारा। केवल 3 प्रतिशत पानी ताजा है और उसमें भी उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर वह बर्फ के रूप में जमा है। तो इस तरह पृथ्वी के भूभाग पर मौजूद केवल एक प्रतिशत पानी का ही इस्तेमाल हम कर सकते हैं। जिस तरह हम नयी जमीन नहीं बना सकते, "ाrक उसी तरह हम नया पानी भी नहीं बना सकते। अगर हम पानी का दुरुपयोग करते हैं, तो हम उससे कुछ नया नहीं कर सकते। पानी का सदुपयोग कैसे करें -
‡ टूथब्रश करने के दौरान नल बंद रखें। औसतन बच्चे एक मिनट 20 सेकेंड में ब्रश करते हैं और वह ब्रश पर पेस्ट लगाकर ही नल खोल देते हैं। जिसे वह कुल्ला करने के बाद बंद करते हैं। इस तरह दिन में एक बार ब्रश करने पर वह औसतन 9 लीटर पानी बरबाद करते हैं। तीन लोगों के परिवार में प्रतिवर्ष 18000 लीटर पानी केवल ब्रश करने में ही जाया हो जाता है। इस तरह परिवार का हर सदस्य अगर इसी तरह पानी का अपव्यय करता है तो सोचें जरा, कितना साफ और स्वच्छ पानी गंदे नालों में बह जाता है।
रसोई में नल बार-बार न खोलें
रसोई में काम करने के दौरान अकसर गृहिणियां बार-बार हाथ धोने के लिए कई बार नल खोलती हैं। जिससे काफी पानी बह जाता है। ऐसी स्थिति में सिंक के पास एक बड़े बर्तन में पानी भरकर रखें ताकि हाथ धोने के लिए बार-बार नल न खोलना पड़े। घर के बड़े सदस्य यदि इस नियम का पालन करते हैं तो शर्तिया बच्चे भी ऐसा ही करते हैं।
फ्लश के नीचे पानी की बाल्टी भरकर रखें
बाथरूम में पानी को वेस्ट होने से बचाने के लिए फ्लश टैंक में एक ईंट रखें ताकि बाथरूम में पानी का अपव्यय न हो या फ्लश की बजाय बाथरूम में रखी बाल्टी से पानी डालें।
पैकेजिंग का बोझ कम करें
आजकल चीजों की पैकेजिंग में काफी पेपर का इस्तेमाल होता है। रेजर, ब्लेड, बेट्री, साबुन, टूथपेस्ट इन सबकी पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले पेपर से भी पर्यावरण प्रदूषित होता है। यह बात भी सही है कि हम चिप्स और दाल, आटा, चावल खरीदकर हाथों में नहीं ले जा सकते। लेकिन कई ऐसी चीजें हैं जिनके लिए प्लास्टिक की थैली या बड़ी पैकिंग की जरूरत नहीं होती। इसलिए इससे बचने के लिए घर से अपना थैला या बैग लेकर जाएं। हर बार अलग-अलग चीज खरीदने पर उन्हें रखने के लिए अलग-अलग प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग करने की बजाय उन्हें बैग में रखें। इससे काफी सहुलियत होती है। पूरे दिन की शॉपिंग के बाद आपको पता चलता है कि इससे आप प्लास्टिक की थैली के उपयोग से बच सकते हैं। इसलिए परिवार के सभी सदस्य बै"कर यह विचार करें कि प्लास्टिक की थैली के ज्यादा इस्तेमाल को रोकने के लिए प्रयास करें ताकि बच्चे भी उन नियमों का पालन करें।
बॉक्स- बच्चों को दें स्वच्छ पर्यावरण
बच्चे में अपने पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिए। बच्चे चिकनी मिट्टी की तरह होते हैं, इन्हें आप जो आकार देना चाहें दे सकते हैं। उन्हें सिखाने का सबसे अच्छा तरीका है बच्चों के लिए उदाहरण बनें। बच्चों को किताबों, फिल्मों, स्लाइड शो, के द्वारा जागरूक किया जा सकता है। हमें इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि अगर हम उन्हें जागरूक बनाते हैं तो हम अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं। क्योंकि बच्चे आने वाले कल का भविष्य हैं। आज के छात्र कल माता-पिता बनने के बाद हमारे पर्यावरण के प्रहरी हैं। उन्हें अपने पर्यावरण को बचाने के लिए सही सूचना और तकनीक की जरूरत है। जिस तरह आपके पूर्वजों ने हमें साफ सुथरा पर्यावरण दिया है, हम भी उन्हें वैसा ही दें। पर्यावरण को अपनी आदतों से बचाएं। इसकी शुरुआत घर से करें। बच्चों को अपने प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए संवेदनशील बनाएं यह पूरे परिवार का दायित्व है और बच्चे का भी कर्तव्य है कि वह अपने पर्यावरण की स्वच्छता के लिए सजग रहे। जब बिजली का इस्तेमाल न हो तो लाइट बंद रखें। अपने आसपास कूड़ा न फैलाएं। पेपर का दुरुपयोग न करें और अपने आसपास के बच्चों को भी जागरूक बनाएंं। किसी पेड़ को गोद लें, एक बढ़ते बच्चे के लिए इससे उत्तम गिफ्ट भला और क्या हो सकता है?
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