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समस्या हैं या सहूलियत एक से ज्यादा बैंक खाते

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:20 May 2018 3:11 PM GMT

समस्या हैं या सहूलियत  एक से ज्यादा बैंक खाते

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मधु सिंह

आज हमारी जीवनशैली में बैंकों की एक स्थायी जगह बन चुकी है। एक जमाना था जब सैकड़ों लोगों में से महज कुछ के ही बैंक खाते होते थे और उसके पहले तो हजारों में से ही महज कुछ के बैंक में एकाउंट होते थे। लेकिन तब इतने कम लोगों के बैंक में खाते होने के बावजूद सबका काम सुचारू रूप से चलता रहता था। मगर आज बिना बैंक में खाता रोजमर्रा के तमाम लेनदेन संभव नहीं हैं। क्योंकि आज की तारीख में ज्यादा से ज्यादा लेनदेन या तो ऑनलाइन होते हैं या चैक के जरिये। जिस कारण अब बिना बैंक में खाता हुए लेनदेन की दुनिया को मेनटेन कर पाना संभव नहीं है। शायद यही कारण है कि अब देश में जहां लगभग हर वयस्क व्यक्ति का करीब-करीब बैंक खाता है, वहीं एक अच्छी खासी तादाद में ऐसे लोग भी हैं जिनके एक से ज्यादा बैंक खाते हैं।
एक से ज्यादा बैंक खाते क्या हमारी सहूलियतों में इजाफा करते हैं या हमारा सिरदर्द बढ़ाते हैं? इस सवाल का जवाब है कि एक से ज्यादा बैंक खाते ये दोनो ही काम करते हैं। जी, हां! कुछ लोगों के लिए एक से ज्यादा बैंक खाते सहूलियतों का सबब है तो वहीं कुछ लोगों के लिए ये सिरदर्द भी हैं। अगर आप कुछ ऐसा काम करते हैं, जिसमें हर दिन एक से ज्यादा बार लेनदेन करना पड़ता है तो बेहतर है कि आपके एक से ज्यादा बैंक खाते हों। क्योंकि बैंकों ने एक दिन में एक बार से ज्यादा पैसा निकालने और जमा करने पर एक तयशुदा शुल्क लगा दिया है। इस वजह से अगर एक से ज्यादा बैंकों में खाते होते हैं तो आप इस तरह के शुल्क से बच सकते हैं।
एक से ज्यादा बैंक खाते का फायदा ऑनलाइन बैंकिंग में भी मिलता है। क्योंकि लगभग हर बैंक में जो इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा अपने ग्राहकों को मुहैय्या करायी है उसमें हर दिन कुछ लेनदेन निःशुल्क होते हैं। लेकिन बैंकों द्वारा मुहैय्या कराये गए निःशुल्क लेनदेनों की तयशुदा संख्या के बाद के लेनदेन के लिए बकायदा चार्ज लिया जाता है। ऐसे में अगर एक से ज्यादा बैंक में एकाउंट हैं तो इस तरह के चार्ज से बचा जा सकता है। साथ ही जिस तरह आजकल आये दिन बैंकों में सर्वर डाउन रहता है, उस स्थिति में अगर एक से ज्यादा बैंकों में खाता होता है तो ऐसी समस्या से बचा जा सकता है। क्योंकि जरूरी नहीं है कि सभी बैंकों में एक साथ सर्वर डाउन हो। ऐसे ही एक से ज्यादा बैंक एकाउंट होने पर एटीएम से पैसा निकालने की सुविधा भी ज्यादा हासिल हो जाती है; क्योंकि बैंकों ने अब न केवल एक तयशुदा संख्या के बाद पैसा निकालने पर शुल्क लगा दिया है बल्कि एक समय में एक तय रकम से ज्यादा रकम भी बैंक से नहीं निकाली जा सकती। इसलिए एक से ज्यादा बैंक एकाउंट होने पर यह फायदा होता है कि अलग-अलग खातों से पैसा निकाला जा सकता है।
लेकिन एक से ज्यादा बैंक खातों के होने से कई नुकसान भी हैं। मसलन बैंकों ने अब खाते में न्यूनतम बैंलेंस की सीमा निर्धारित कर दी है, जिसे मेनटेन करना जरूरी हो गया है। अगर हमारे खाते में बैंक द्वारा निर्धारित बैलेंस सीमा से कम रकम होती है तो उसका एक निश्चित चार्ज देना होता है। इसलिए एक से ज्यादा बैंक खाते होने पर एक से ज्यादा जगह न्यूनतम बैलेंस बनाये रखने की चुनौती होती है। अगर बैंलेंस मेनटेन न हुआ तो हमें इसके लिए पेनाल्टी देनी होती है। एक से ज्यादा बैंक खाते होने का मतलब यह है कि हमें कई बैंक खातों और डेबिट व ाढsडिट कार्ड के पासवर्ड, पिन इत्यादि याद रखने होते हैं। जो कई बार सिरदर्द बन जाते हैं। अगर एक से ज्यादा बैंक खाते हैं तो हमें इस बात के लिए भी सजग रहना होता है कि सभी खातों का पूरा ब्योरा, आयकर रिटर्न में शामिल किया जाए। अगर धोखे से भी कोई ब्योरा छूट गया तो खाताधारक के रिटर्न की जांच हो सकती है और पेनाल्टी भी लगाई जा सकती है।
लब्बोलुआब यह है कि जहां एक से ज्यादा बैंक खाता होने के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। लेकिन अगर हम सजग हैं तो नुकसानों से बचा जा सकता है। इसके लिए हमें सही से प्लानिंग करनी होती है और खातों से संबंधित तमाम कार्यवाहियों को दुरुस्त रखना होता है। अगर हम यह कर पाते हैं तो फिर समस्या नहीं सहूलियत है एक से ज्यादा बैंक खाते।

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