पाकिस्तान नम्बर-1 दुश्मन
आर. सूर्य कुमारी
भारतीय आम चुनाव पास हैं। जैसे-जैसे आम चुनाव पास आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी पार्टियां झण्डे लेकर घूम रही हैं व रोड-शो कर रही हैं।
ज्ञातव्य है कि गत महीनों पाकिस्तान में आम चुनाव संपन्न हुए थे। उस समय तहरीक-ए-पाकिस्तान के नेता इमरान खान ने चुनावों में मोदी के नाम पर वोट मांगे थे। पाकिस्तान की जनता भारत जैसा आर्थिक सुधार चाहती है, वह नरेन्द मोदी जैसे नायक चाहती है। इसी भावना के चलते पाकिस्तान में इमरान खान को पधानमंत्रित्व पाप्त हुआ। मगर इसका मतलब कदापि यह नहीं है कि पाकिस्तानी सरकार पाक अधिकृत कश्मीर पर से अपना हक छोड़ देगी, और भारत में आतंकवादी घुसपैठ और अन्दरूनी आतंकवाद की आलोचना करेगी व इसके समापन के लिये एकजुट होगी। पाकिस्तान तो हमारा नम्बर-एक दुश्मन है ही। अगर पाकिस्तान हमारा मित्र बन जाता है तो भी हमें पूंक-पूंक कर ही कदम रखना पड़ेगा। पाकिस्तान को सेना के वर्चस्व से मुक्प करना वास्तव में बहुत टेढ़ी खीर है। जो भी पधानमंत्री बनता है, खुद को फौज के हाथों में सौंप देता है और पाक की जनता भी वोट देकर, सरकार चुनकर खुद को मार्शल के हाथों सौंप देती है। यह कुछ तो उनकी बदनसीबी है और कुछ उनकी सहमति। वहां मुंह खोलने का अर्थ है- खुद को आतंकवादियों के सुपुर्द कर देना।
पाकिस्तान में मोदी का जादू चलने के बावजूद पाकिस्तान की सबसे बड़ी दुश्मन भाजपा है। पाकिस्तान हो या उसके पीएम इमरान खान, यह कभी नहीं चाहेंगे कि भारत में हिन्दुत्व सर चढ़कर बोले और भाजपा, शिवसेना, विश्व हिन्दू परिषद, आर.एस.एस., बजरंग दल चुनावों में आगे आयें।
पाकिस्तान का जर्रा-जर्रा चाहता है कि भारत में सरकार बने तो गैर भाजपा सरकार बने। जब कभी किसी राज्य में कांग्रेस, सपा व बसपा की सरकार बनी, पाकिस्तान में इतने लड्डू बाँटे गये कि भारत में भी नहीं। जब-जब राज्यों में गैर भाजपा या कांग्रेस की सरकार बनीं, तब-तब राहुल गांधी की बांछें खिल गईं। उन्होंने भाजपा को साम्पदायिक पार्टी बताकर, थोड़ा घुमा-फिराकर खुद को मुसलमानों का रहनुमा साबित किया। सिर्प राहुल गांधी ही नहीं, केजरीवाल, लालू पसाद यादव, मुलायम सिंह यादव, मायावती, अखिलेश यादव- सबके सब हिन्दुओं के खिलाफ बोलते हैं तो पाकिस्तान को खुशी मिलती है।
पाकिस्तान व समर्थित आतंकवादी चाहते यही हैं कि पाकिस्तान के अन्तर्गत में आ जाए भारत। पाकिस्तान-भारत मिलकर एक विशाल राष्ट्र बन जाए, जहां इस्लाम का झण्डा फहराएं, मुसलमान राष्ट्र बने- यह पाकिस्तान की दिली ख्वाहिश है और सारी की सारी आतंकवादी हरकतें इसी मंसूबे के इर्द-गिर्द चलती रहती हैं।
आतंकवादियों ने पाकिस्तान अधिकृत राष्ट्र का एक खाका भी बनाया है और भारत के समस्त राज्यों व केन्द शासित पदेशों का नामकरण भी कर लिया। मगर उसे सफलता नहीं मिल पा रही है।