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ईमानदार व कर्म" पधानाध्यापक का मोर्चा नहीं होने देगा शोषण ः मोर्चा
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वीर अर्जुन संवाददाता
विकासनगर/देहरादून, । जनसंघर्श मोर्चा के जिला मीडिया पभारी पवीण षर्मा पिन्नी ने कहा कि विकासनगर विकासखण्ड के मटकमाजरी के राजकीय पाथमिक आदर्ष विद्यालय के पधानाध्यापक फिरोज अली खान ने अपनी ईमानदारी व कर्म"ता के दम पर पदेष में मिसाल कायम की है। इसी ईमानदारी व कर्म"ता की सजा आज पधानाध्यापक को कई पकार से भुगतनी पड़ रही है।
यहां एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में पीन्नी ने कहा कि वर्श 2015 में कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात् से लगातार विद्यालय में छात्र संख्या में वृद्वि होना पधानाध्यापक की कर्म"ता को दर्षाता है। आज पदेष के विद्यालयों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है तथा लगातार छात्र संख्या घटने व उचित अध्यापन कार्य न होने के कारण सरकारी स्कूल बन्द होने के कगार पर है। वर्श 2012-13 विद्यालय की चाहरदिवारी हेतु 2.89 लाख रू0 अवमुक्त किये गये थे, लेकिन विभाग द्वारा उक्त में सुरक्षा दीवार व चाहरदिवारी बनाना दर्षायी गयी है, जिसमें चाहरदिवारी में मु0 50,000/-रू0 से अधिक का काम नहीं हुआ है तथा इसके साथ-साथ ज्ञात हुआ है कि सुरक्षा दीवार किसी अन्य विभाग द्वारा बनायी गयी है। विभाग पधानाध्यापक पर जबरन उपयोगिता पमाणपत्र जारी करने हेतु दबाव बना रहे है। उक्त पधानाध्यापक की कर्म"ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सता है कि अध्यापक-अध्यापिकाओं की उपस्थिति षत्-पतिषत् दर्षायी जाती है तथा फेंच लिव (विद्यालय से छुट्टी मारना) का चलन विद्यालय में पूरी तरह से पचलन से बाहर है, जिसकी कीमत पधानाध्यापक को भुगतनी पड़ती है, क्योंकि कोई भी अध्यापिका सरकारी कामकाज व विद्यालय पबन्धन व प"न-पा"न में सहयोग नहीं करती, यानि इनके द्वारा असहयोगात्मक रवैया अपनाया गया है। उपस्थिति पंजिका का मुआयना करने से पता चलता है कि पूरा रजिस्टर (अनुपस्थिति) के कारण लाल हो गया है। पधानाध्यापक द्वारा अपनी तन्ख्वाह में से कुछ पैसा विद्यालय के हितों के लिए खर्च किया जाता है। पीन्नी ने कहा इसी कड़ी में मिड-डे-मिल की गुणवत्ता तथा वास्तविक छात्र संख्या के आधार पर भोजन का बनाया जाता है तथा उच्च कोटि का सामान खरीदा जाता है। अभी कुछ दिन पहले पधानाध्यापक ने उच्चाधिकारियों के भ्रश्टाचार के खिलाफ आवाज उ"ायी थी कि विद्यालय में फर्जी निर्माण कार्य व कम्प्यूटर तथा अन्य कीमती सामान की खरीद पर अधिकारियों की मिलीभगत में षामिल होने से इंकार करने को लेकर मोर्चा खोला था, लेकिन विभाग के उच्चाधिकारियों को यह नागवार गुजरा तथा साजिषन/पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर पधानाध्यापक के खिलाफ ही जॉंच बै"ा दी। इसी कड़ी में पधानाध्यापक को कई-कई जॉचों का सामना करना पड़ रहा है। पधानाध्यापक द्वारा अध्यापिकाओं व उच्चाधिकारियों के खिलाफ पेशित षिकायत पर आज तक विभाग ने संज्ञान नहीं लिया। हैरानी की बात यह है कि विभाग पधानाध्यापक को अपनी बात रखने के लिए एक दिन से अधिक का समय देना नहीं चाहता यानि इसका षिकार करना चाहता है।
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