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एससी-एसटी उपयोजना के बजट में 27 फीसद कटौती

👤 admin 4 | Updated on:21 Jun 2017 4:00 PM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

देहरादून, । केंद्र की भाजपा नीत सरकार बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना कर खुद को दलितों का पैरोकार साबित करने में जुटी है, वहीं उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने अनुसूचित जाति उपयोजना (एससीएसपी) और अनुसूचित जनजाति उपयोजना (टीएसपी) के बजट में पिछली यानी हरीश रावत सरकार के बजट फ्रावधान के मुकाबले करीब 27 फीसद की कटौती कर दी है। समाज कल्याण विभाग के एससी-एसटी नियोजन फ्रकोष्" के बजट आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ है कि एससीएसपी के तहत 2016-17 में 1566.34 करोड़ का फ्रावधान था जो कि अब घटाकर 1120.51 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह टीएसपी के तहत 2016-17 में 462.43 करोड़ का फ्रावधान था जो कि 2017-18 के लिए घटाकर 367.06 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हालांकि इस बार सरकार बजट का आकार घटाने के पीछे पिछली सरकार के कम खर्च को भी एक वजह बता रही है लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष की बात करें तो एससीएसपी और टीएसपी के तहत बजट फ्राविधान के विपरीत कुल 1143.60 करोड़ रुपये यानी बजट फ्रावधान की कुल 56.4 फ्रतिशत धनराशि ही जारी हुई और खर्च हुए 873.40 करोड़ रुपये जो कि जारी धनराशि का करीब 76.4 फीसदी है। यहां अलग-अलग देखें तो नई सरकार की ओर से अनुसूचित जाति उपयोजना में 28.46 फीसद तो अनुसूचित जनजाति उपयोजना के बजट में 20.62 फीसद की कटौती की गई है। बता दें कि फ्रदेश में एससीएसपी और टीएसपी का काम 2004-05 से नियोजन विभाग से समाज कल्याण विभाग को दे दिया गया था।

इसके पहले एससीएसपी और टीएसपी के तहत मात्राकरण की धारणा फ्रचलित थी, जिससे जनसंख्या के अनुपात में अधिकांश विभाग अधिकांश मात्राकृत धनराशि को एससीएसपी और टीएसपी केतहत उपलब्धि के रूप में दिखा देते थे जबकि बहुत सी योजनाओं का लाभ एससी व एसटी को नहीं मिल पाता था। पदेश सरकार ने इन उपयोजनाओं के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति बहुल इलाकों में उनके उत्थान के लिए विभिन्न विभागों द्वारा विकास योजनाएं चलाई जाती हैं। एससीएसपी और टीएसपी के तहत पिछली सरकार ने 2016-17 के लिए 2028.77 करोड़ रुपये का फ्राविधान किया था, मगर नई सरकार ने 2017-18 के लिए महज 1487.57 करोड़ रुपये का ही फ्राविधान किया है। यह राशि पिछले बजट फ्राविधान के मुकाबले 26.68 फीसद के करीब कम है। राज्य के 35 विभाग एससी व एसटी जातियों के लिए विभागीय स्तर पर पेयजल, विद्युतीकरण, पुष्टाहार, स्वास्य, शिक्षा, संपर्क मार्ग के साथ साथ आय बढ़ाने वाली कृषि बागवानी, मत्स्य व डेयरी योजनाएं भी चलाते हैं। इसी तरह ग्राम्य विकास, समाज कल्याण, नगरीय विकास विभाग भी एससी एसटी और टीएसपी के तहत विभिन्न योजनाएं चलाते हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के वक्त अनुसूचित जाति उपयोजना के मुकाबले अनुसूचित जनजाति उपयोजना में बेहतर खर्च हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष में तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने एससीएसपी के बजट फ्राविधान का 54.9 फ्रतिशत यानी 859.89 करोड़ रुपये जारी किए जबकि इसके मुकाबले 646.10 करोड़ रुपये यानी 75.14 फीसद खर्च किया। वहीं टीएसपी के तहत 2016-17 में बजट फ्रावधान के मुकाबले 61.35 फ्रतिशत यानी 283.71 करोड़ रुपये जारी किए गए, वहीं 82.12 फीसद यानी 227.30 करोड़ रुपये खर्च हुए है। पदेश सरकार आखिर किस पकार से एस सी, एसटी व पिछडे वर्ग के छात्र छात्राओं व लोगों को लाभ पहुंचायेगी यह भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है।

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