Home » उत्तराखंड » राज्य की आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए बनाएं दीर्घकालीन योजना : त्रिवेन्द्र

राज्य की आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए बनाएं दीर्घकालीन योजना : त्रिवेन्द्र

👤 manish kumar | Updated on:16 Sep 2019 3:03 PM GMT

राज्य की आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए बनाएं दीर्घकालीन योजना : त्रिवेन्द्र

Share Post

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में वित्त व नियोजन विभाग की समीक्षा की। उन्होंने राज्य की आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाने के निर्देश दिए। कहा ​कि कर चोरी को रोकने के लिए इनफोर्समेंट को मजबूत किया जाए। समस्त फाइनेंसियल सिस्टम को ऑनलाइन किया जाए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि योजनाओं की समीक्षा आउटकम आधारित हो। फंड की पार्किंग न हो। मार्च माह में खर्च करने की प्रवृत्ति को रोका जाए। टैक्स व जीडीपी के अनुपात को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए इस तरह की योजना बनाई जाए कि आम जनता पर बिना बोझ डाले राज्य की आय को बढ़ाया जा सके। टैक्स सिस्टम में व्याप्त छिद्रों को बंद करने पर फोकस और जमीन संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए रजिस्ट्री के समय ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। हाई वैल्यू स्पॉट का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए।

सचिव अमित नेगी ने बताया कि इस वर्ष अप्रैल से अगस्त की अवधि में जीएसटी व वैट संग्रहण 4415 करोड़ रुपये रहा और एनफोर्समेंट की संख्या 373122 रही। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में जीएसटी व वैट संग्रहण 3697 करोड़ रुपये रहा था और एनफोर्समेंट की संख्या 276881 थी। स्टाम्प रेवेन्यू कलैक्शन इस वर्ष अप्रैल से अगस्त की अवधि में 466 करोड़ रुपये थी व पिछले वर्ष इसी अवधि में 446 करोड़ रुपये थी।

उत्तराखण्ड डीबीटी को लागू करने वाले अग्रणी राज्यों में है। राज्य के डीबीटी पोर्टल को डीबीटी भारत पोर्टल से जोड़ा गया है। 108 केंद्र प्रवर्तित स्कीम के साथ 114 राज्य की स्कीमों को भी डीबीटी भारत पोर्टल पर ऑन बोर्ड किया गया है। ऑनलाइन ऑडिट की व्यवस्था लागू की गई है। फर्मों व सोसाइटियों के रजिस्ट्रीकरण व नवीनीकरण को भी ऑनलाइन किया गया है। 1659 जीउसटी मित्रों को प्रशिक्षित किया गया है। ट्रेजरी, बजटिंग व अकाउंटिंग का समन्वित सिस्टम बनाया गया है। इसे पेपरलैस बना दिया गया है। उत्तराखण्ड पहला राज्य होगा जहां कि जीआईएस आधारित सर्किल रेट सिस्टम बनाया जा रहा है।

नियोजन विभाग की समीक्षा के दौरान सचिव अमित नेगी ने बताया कि बाहय सहायतित योजनाओं पर फोकस किया जा रहा है। एडीबी सहायतित नगर सेक्टर अवस्थापना विकास परियोजना, उत्तराखण्ड विद्युत पारेषण सुदृढ़ीकरण एवं वितरण उन्नयन कार्यक्रम, विश्व बैंक पोषित उत्तराखण्ड आपदा पुनर्निर्माण परियोजना आदि अनुमोदित कर दी गई हैं। जबकि विश्व बैंक पोषित उत्तराखण्ड एकीकृत औद्योनिकी विकास परियोजना, उत्तराखण्ड नगरीय पेयजल परियोजना, एआईआईबी पोषित ऋषिकेश एकीकृत नगर अवस्थापना विकास परियोजना आदि योजनाओं की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। कई परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव राधिका झा, सौजन्या व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। एजेंसी

Share it
Top