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हिमालय पूरी दुनिया के लिये प्रोरणा का स्रोत: निशंक

👤 manish kumar | Updated on:29 Sep 2019 9:36 AM GMT

हिमालय पूरी दुनिया के लिये प्रोरणा का स्रोत: निशंक

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देहरादून । दून विश्वविद्यालय में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि पूरी दुनिया के निराश लोगों को हिमालय ने नई ऊर्जा दी है। यह धरती सृजन की धरती रही है। नवाचार और अनुसंधान के साथ उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने केन्द्र सरकार की संचालित मानव संसाधन विकास के विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की भी चर्चा की। डाॅ. निशंक शनिवार को 'उत्तराखण्ड राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता उन्नयन तथा नवाचार' विषय पर दून विवि के सीनेट सभागार में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में

यह बातें कहीं। इससे पहले ​डा. निशंक ने का दीप प्रज्जवलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ कर 'उत्तराखण्ड में उच्च शिक्षा की विकास यात्रा' पुस्तक का भी विमोचन किया।

डाॅ. निशंक ने कहा कि हिन्दुस्तान विश्वगुरु रहा है। विचार सिर्फ कागजों तक आमंत्रित न रहें हिमालय पूरी दुनिया के लिये प्रोरणाा का स्रोत रहा है। पूरी दुनिया के निराश लोगों को हिमालय ने नई ऊर्जा दी है। हिमालय ज्ञान, विज्ञान, पर्यावरण और अनुसंधान का केन्द्र रहा है, उत्तराखण्ड की धरती पर वेद, पुराण और उपनिषदों का जन्म हुआ है। यह धरती सृजन की धरती रही है इसके एक-एक शब्द की अपनी ताकत है। उत्तराखण्ड 'एजुकेशन हब' है विभिन्न उच्च शिक्षा शिक्षण संस्थान उत्तराखण्ड में हैं। यहां संजीवनी बूटियों का भण्डार है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद शाश्वत चिकित्सा है, वैकल्पिक चिकित्सा नहीं। अनुंसधान ऐसा हो जो आर्थिकी को मजबूत करे।

नई शिक्षा नीति-नये भारत के निर्माण की ओर बढ़ायेगी। सबल, स्वस्थ, स्वच्छ, सशक्त, श्रेष्ठ, समर्थ भारत की आधारशिला है। 33 वर्षों के बाद नई शिक्षा नीति आ रही है। कहा कि जैव विविधता हमारी बहुत बड़ी सम्पदा है, हिमालय एशिया का 'वाटर हब' है। उत्तराखण्ड राज्य में सर्वाधिक 12500 वन पंचायतें हैं। वन, जन, जल का समन्वय और अनुसंधान और शोध पूरी दुनिया के लिये मिसाल बनेगा। रैगिंग रोकने के लिये-'दीक्षारम्भ' कार्यक्रम चलाया जायेगा।

इस मौके पर पदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धनसिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के अच्छे व गुणात्मक शिक्षण संस्थान उत्तराखण्ड से पलायन को रोकने में सहायक होंगे। उत्तराखण्ड के महाविद्यालयों में छात्रों की अपेक्षा छात्राओं का अनुपात अधिक है। प्रयास है कि महाविद्यालयों में क्वालिटी एजुकेशन के लिए आधारभूत संरचना को सुधारा जाय। भूमि, भवन, फैकल्टी, प्राचार्य आदि के बारे में तेजी से कार्य हो रहा है। पुस्तकदान योजना के अन्र्तगत एक लाख पुस्तकें विभिन्न महाविद्यालयों को उपलब्ध कराई गई हैं। प्राध्यापकों की कमी 'गैस्ट फैकल्टी' के माध्यम से दूर की गयी है। 25 प्रतिशत प्राचार्य सीधी भर्ती से नियुक्त किये जाने हैं। अच्छे कार्य करने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर्स को 'भक्त दर्शन' पुरुस्कार से सम्मानित किया जायेगा। इस मौके पर अपर सचिव प्रो. अहमद इकबाल, दून विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. सीएस नौटियाल आदि उपस्थित रहे।

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