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विवाह सम्मेलनों में किये गये औचक निरीक्षण

👤 Veer Arjun Desk 3 | Updated on:7 May 2019 1:03 PM GMT
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ललितपुर। अक्षय तृतीया के अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार पटेल के निर्देशानुसार जिला बाल संरक्षण इकाई, 181 महिला हेल्प लाइन एवं महिला शक्ति केन्द्र द्वारा ललितपुर के तुवन मन्दिर मैदान में हो रहे सहरिया समाज एवं राठौर समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलनो में बाल विवाह की जांच की गयीं जिसमें सेवा समर्पण संस्थान द्वारा 25 सहरिया वर वधु के सामूहिक विवाह का आयोजन किया जा रहा था तथा नवयुवक संघ जिला राठौर क्षत्रिय समाज द्वारा राठौर समाज के 23 वर वधु जोड़ो की विवाह का आयोजन किया जा रहा था। संरक्षण अधिकारी पंकज कुमार, महिला कल्याण अधिकारी ममता श्रीवास, 181 महिला हेल्प लाइन की सुगमकर्ता कु.रचना सहगल एवं जयराम संरक्षण अधिकारी द्वारा सम्मेलनो में वर वधुओं के आयु प्रमाण पत्रों की जांच की गयी, वर वधुओ से बातचीत की गयी तथा उनसे यह भी पूछा गया कि किसी का जबरन विवाह तो नही कराया जा रहा है। सम्मेलन में उपस्थित लोगो को मंच के माध्यम से संरक्षण अधिकारी पंकज कुमार द्वारा बताया गया गया कि बाल विवाह क्या है, कैसे रोका जा सकता है, किस पर लागू किया जाता है, बाल विवाह के कारणो पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि सामान्यतया लड़कियों को बोझ के रूप में देखा जाता है और समाज की रूढिवादी परम्परा के कारण उनकी शादी जितनी जल्दी हो सके करा दी जाती है। शिक्षा की कमी के कारण कानूनी जानकारी का अभाव। महिला कल्याण अधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह कराने वाले और उसमें शामिल होने वाले व्यक्तियों जैसे-पंडित, मौलवी, पादरी, माता-पिता, रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि के विरूद्ध दण्ड के रूप में 02 साल का कठोर कारावास/रू0 1 लाख जुर्माना या दोनो का प्रावधान है। इस तरह के विवाह का दुष्परिणाम यह होता है कि कम उम्र में विवाह करने से लड़किया परिपक्व न होने के कारण बच्चे कुपोषित पैदा होते है। 181 महिला हेल्पलाइन की सुगमकर्ता रचना सहगल द्वारा बताया गया कि बाल विवाह एक ज्वलंत मुद्दा है, इस प्रकार का मामला आने पर उसे पुलिस विभाग, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाल कल्याण समिति, चाइल्डलाईन-1098, पुलिस हेल्पलाईन नं0 100, 181 महिला हेल्पलाइन एवं जिलाधिकारी को लिखित या मौखिक रूप से सूचना दे सकते है। बाल विवाह निवारण के प्रावधान क्या है, आरोपियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जाती है, दण्ड का प्रावधान क्या है आदि की जानकारी दी गयी, सम्मेलनो में लगभग 2000 उपस्थित थे। बाल विवाह का कोई भी प्रकरण संज्ञान में नही आया। जांच के दौरान जयराम, विनीत कुमार, रूपेश कुमार, सुरेन्द्र कुमार, प्रविज्ञ जैन, सुरेश श्रीवास्तव, राकेश कुमार झा, पुष्पेन्द्र सिंह परमार, राघवेन्द्र सिंह उपस्थित रहे।

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