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वाराणसी में बने 'स्वर्वेद महामंदिर' को बनने में लगे 20 साल, जानें आखिर ऐसा क्या है इसमें खास

👤 Veer Arjun | Updated on:19 Dec 2023 8:49 AM GMT

वाराणसी में बने स्वर्वेद महामंदिर को बनने में लगे 20 साल, जानें आखिर ऐसा क्या है इसमें खास

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन सोमवार को उमरहा में 180 फीट ऊंचे सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर के प्रथम तल का रिमोट से बटन दबाकर उद्घाटन कर श्रद्धालुओं एवं देशवासियों को समर्पित किया। यह मंदिर दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर है। स्वर्वेद महामंदिर की संगमरमरी दीवारों पर स्वर्वेद के चार हजार दोहे लिखे हैं। 19 साल तक लगातार छह सौ कारीगर, दो सौ मजदूर और 15 इंजीनियर की मेहनत आज महामंदिर के पूर्ण स्वरूप में साकार हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश में इन दिनों विकास कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है। जहां एक तरफ देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने की तैयारी यूपी में हो रही है, तो वहीं दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े मेडीटेशन सेंटर का भी उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कर दिया गया है।

वाराणसी में स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया और दर्शन किये। यह मंदिर कोई छोटा-मोटा मंदिर नहीं है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर में एक साथ 20 हजार लोग बैठ कर ध्यान कर सकते हैं। लेकिन सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर को बनने में करीब 20 साल का समय लग गया है।

अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इस मंदिर में ऐसा क्या है कि इसे बनने में इतना समय लग गया। आज के इस आर्टिकल में हम आपको वाराणसी में बनने वाले इस मंदिर की सभी खास जानकारी देंगे।

मंदिर का निर्माण कब शुरू हुआ- मंदिर का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था। इस मंदिर की दीवारों पर 4000 वेदों से जुड़े दोहे भी लिखे गए हैं। अब आप समझ सकते हैं कि इसे बनने में इतने सालों का समय कैसे लग गया।

क्या हैं स्वर्वेद महामंदिर

स्वर्वेद महामंदिर को विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र बनाया गया है। यह महामंदिर 7 मंजिला तैयार किया गया है. इसमें 20,000 से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं। स्वर्वेद मंदिर को 'विहंगम योग' यानि कि योग साधकों के लिए बनाया गया है. इस मंदिर में 3000 लोगों के एक साथ बैठ कर प्राणायाम, ध्यान और योग करने की सुविधा होगी. साथ ही इस महामंदिर में 125 पंखुड़ी वाला कमल गुंबद तैयार किया गया है। इस महामंदिर में सामाजिक कुरीतियों और सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन शामिल है। इसको ग्रामीण भारत की भलाई के लिए अनेक सामाजिक-सांस्कृतिक परियोजनाओं का केंद्र भी बनाया गया है।

मंदिर को बनाने में बड़ी बारीकी से ध्यान रखा गया है।

यह मंदिर एक 7 मंजिला इमारत है। जिसके गुंबद पर 125 कमल बनाए गए हैं। मंदिर के बीच में नजर आ रहे कमल के आकार की पंखुड़ी की संख्या 125 है। स्वर्वेद महामंदिर को कमल के फूल जैसा स्वरूप दिया गया है।

कितना बड़ा है मंदिर- सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर 68,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है।

मंदिर के बाहर की दीवारों पर आपको रामायण, गीता, उपनिषद, महाभारत, आदि से जुड़े चित्र बने हुए नजर आएंगे।

क्यों बनाया गया है यह मंदिर- स्वर्वेद मंदिर को 'विहंगम योग' यानी कि योग साधकों के लिए बनाया गया है। मंदिर की दीवारों के चारों तरफ आप गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट देख सकते हैं।

मंदिर के बाहर नीचे की तरफ आपको, ऋषि मुनि की मूर्ति नजर आएगी, जो साधना कर रहे हैं। इसके साथ ही हाथियों का भी झुंड आप मिट्टी से बना हुआ देख सकते हैं।

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