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अब योगी आदित्यनाथ को उनके 'घर' में ही घेरने की तैयारी में जुटी कांग्रेस !

👤 manish kumar | Updated on:6 Nov 2019 11:10 AM GMT

अब योगी आदित्यनाथ को उनके घर में ही घेरने की तैयारी में जुटी कांग्रेस !

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गोरखपुर । पूर्वांचल के कुशीनगर जनपद के तमकुही विधायक अजय कुमार लल्लू के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। पार्टी अपनी सियासी जमीन को सींचने के लिए गुरु गोरक्ष की धरती से जुड़े दो दिग्गजों को आमने-सामने करने की फिराक में है। गोरक्ष पीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके घर में ही घेरने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के नाम का उपयोग कर कांग्रेस अब ट्रंप कार्ड खेलने की तैयारी में है।

अभी हाल ही में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने अजय सिंह लल्लू पूर्वांचल से हैं। इनके नाम और चेहरे का उपयोग कर कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन को तलाश रही है। इनका चेहरा पिछड़ों को एक छत के नीचे करने को उपयोग किया जा रहा है। यही नहीं, इसे भाजपा को जवाब देने का एक अच्छा हथियार भी माना जा रहा है। महानगर कांग्रेस कमेटी की जिला अध्यक्ष श्रीमती निर्मला पासवान एवं निर्वतमान महानगर अध्यक्ष अरुण कुमार अग्रहरि ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर इसका सीधा संदेश भी दिया।

पार्टी नेताओं के मुताबिक 05 से 15 नवम्बर तक भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ शहर में तहसील वॉर्ड स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई जा रही है। दरअसल कांग्रेस के नेता अब केंद्र व प्रदेश सरकारों पर जमकर वार कर रहे हैं। न सिर्फ पूर्ववर्ती कांग्रेस की यूपी सरकारों में हुए कार्यों का गुणगान हो रहा है बल्कि भाजपा सरकारों में होने वाले कार्यों को जनविरोधी भी बताया जा रहा है। केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, रोजगार सहित हर मोर्चे पर विफल बताकर न सिर्फ समाज के हर वर्ग को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है बल्कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, अपराध और चरमरा रही अर्थव्यवस्था की पोल खोली जा रही है।

आंदोलन में वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में आर्थिक विकास की दर 05 प्रतिशत पर आने, निजी निवेश 16 सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने, औद्योगिक एवं मैन्युफैक्चरिंग वृद्धि दर मात्र 1.10 प्रति माइनस होने, बिजली सेक्टर में वृद्धि नेगेटिव होने, बैंकों का एनपीए करोड़ों रुपये तक पहुंचने और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रिजर्व गोल्ड के बेचने की चर्चाएं भी की जा रही हैं। इतना ही नहीं, किसान, दुकानदार, छोटे मझोले व्यवसायियों, किसानों की समस्याओं को भी उठाने की रणनीति बनाई गई है।

उधर, पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक धीरेंद्र विक्रमादित्य गोपाल, राजीवदत्त पांडेय, मिथिलेश द्विवेदी आदि का मानना है कि आंदोलन के तीन रुख देखे जा सकते हैं। कांग्रेस अब गुरु गोरक्ष की धरती के दो दिग्गजों को आमने-सामने लाने की फिराक में है। वीर बहादुर सिंह के भरोसे राजपूतों और सैंथवारों को समेटते हुए योगी आदित्यनाथ की जमीन को खिसकाने का प्रयास हो रहा है। इसके साथ ही अजय कुमार लल्लू की अगुवाई में पिछड़ों के हाथों में कांग्रेस का पंजा पकड़ाने की कवायद से भी नकारा नहीं जा सकता है। हिस

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