- कूटनीतिक उम्मीद
- फजीहत
- जबलपुर-इटारसी रेलवे ट्रैक पर ओएचई केबल टूटी, कई घंटों बाधित रहा रूट
- मोदी ने अमीरों के सोलह लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया : प्रियंका गांधी
- रेवन्ना सेक्स स्कैंडल: प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ SIT ने दर्ज की FIR, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी
- मप्रः जबलपुर-इटारसी रेलवे ट्रैक पर ओएचई केबल टूटी, छह घंटे बंद रहा रूट
- मप्रः मुख्यमंत्री ने भोपाल में किया रोड शो, जनता का अभिवादन कर मांगा आशीर्वाद
- धारः भोजशाला में एएसआई सर्वे का 42वां दिन, खुदाई में मिले प्राचीन सिक्के
- दो हजार रुपये के 97.76 फीसदी नोट बैंकिंग सिस्टम में आ गए वापस
- कोल इंडिया का मार्च तिमाही में मुनाफा 26 फीसदी बढ़कर 8,682 करोड़ रुपये
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द्रष्टीकोण
जिन लोगों को इस्लामिक इतिहास का इल्म है वह जानते हैं कि मुस्लिम शाही खानदानों में किस तरह एक-दूसरे के खिलाफ साजिशें हुआ करती थीं। कई बार ऐसी साजिशों का नतीजा खानाजंगी और कत्ले आम में होता था। मैं...
जिन देशों में कम्युनिस्ट हुकूमत बनी है वहां के हुक्मरान तबके ने अपने आपको खासतौर पर बाअख्तियार समझना शुरू कर दिया और इसका नतीजा यह हुआ है कि कम्युनिस्ट निजाम से पहले कम्युनिस्ट नेताओं की अवाम के दिलों...
आज से छह-सात महीने पहले जब कीमतें बढ़नी शुरू हुईं तो सरकार की तरफ से लोगों को निश्चिंत होने के लिए कहा गया और उन्हें समझाया कि भारत की समस्या अंतर्राष्ट्रीय समस्या का एक हिस्सा है और ज्योंहि दुनिया की...
बेइमानी, होशियारी और चालाकी को एक वंश का हिस्सा माना जाता है और इसकी मुजम्मत इस हालत में होती है कि जब इसकी कोशिश करने वाला नाकाम हो जाए। अगर वह कामयाब होता है तो उसकी बेइमानी, बेइमानी कहने वाले लोग...
ऐसा नजर आता है कि जितने इस्लाम के शैदाई हैं उन्होंने इस बात का फैसला कर लिया है कि जिस किसी से उनके ख्यालात नहीं मिलते उसे वह अपना दुश्मन मान लें और दुश्मन मानने के बाद उसका कत्ल करना सबाब का काम समझा...
इस्लामाबाद से जो खबरें आ रही हैं वह इस बात की पुष्टि करती हैं कि आज से तीन-साढ़े तीन साल पहले जब जनरल परवेज मुशर्रफ की हुकूमत थी तो आपने इस्लामाबाद में लाल मस्जिद पर फौजी कार्रवाई कर दी। लाल मस्जिद...
मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे पाठक उपरोक्त शीर्षक के तहत मैं जो कुछ पेश करना चाहता हूं उसे वे गलत न समझेंगे। अमर वाकया यह है कि भारत की राजधानी दिल्ली में इन दिनों कोई कानून नजर नहीं आता। जिसके दिल में...
इस बात से इनकार करना बेमानी है कि कश्मीर के हालात चिन्ताजनक नहीं हैं। अपना दिल खुश करने के लिए हम चाहे जो कह लें, लेकिन इन दिनों जो कुछ हो रहा है और जिस तरह गोलियां चल रही हैं और फौज व पुलिस से...
ऐसा नजर आता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद के बारे में जो भी विचार-विमर्श होता है उससे पहले जितनी भी कोशिश हुई है कोई भी कामयाब नहीं हुई और कामयाब न होने की न केवल पाकिस्ताना हुक्काम की नीयत...
यह हैं वह शब्द जिससे दिल्ली के अशोक विहार इलाका के वजीरपुर गांव के गुज्जर वर्ग के लोग इन्हीं दिनों इलाके के नौजवान लड़की और लड़के के कत्ल को हक बजानिब साबित कर रहे हैं और उनका कहना है कि ’समाज के...
जिस दिन से अमेरिकन राष्ट्रपति बराक ओबामा देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं, आपने निहायत अदब और एहतराम से अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है। सारी दुनिया में इसका एतराफ हो रहा है लेकिन उसी राष्ट्रपति के खिलाफ...
हैरानी की बात है कि जम्मू-कश्मीर पर आज से 20 वर्ष पहले यलगार हुआ था, जिसका नतीजा यह हुआ था कि गरीब पंडितों को अपना घर-बार छोड़कर जान बचाने पर मजबूर होना पड़ा। उस यलगार को अगर विदेशी मुल्क का हमला कहा...