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सुप्रीम कोर्ट ने गिलगित-बाल्तिस्तान के लोगों को ज्यादा अधिकार देने का आदेश दिया

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:18 Jan 2019 3:20 PM GMT

सुप्रीम कोर्ट ने गिलगित-बाल्तिस्तान के लोगों को ज्यादा अधिकार देने का आदेश दिया

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इस्लामाबाद, (भाषा)। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने संघीय सरकार को आदेश दिया कि वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान के लोगों को मौलिक मानवाधिकार समेत ज्यादा अधिकार देने के लिए एक पखवाडे में एक नया कानून लागू करे।

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षता में सात न्यायाधीशों की एक पी" ने संवैधानिक मुद्दों और क्षेत्र के पिछले सुधारों के खिलाफ दायर अनेक याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को एक विस्तृत आदेश जारी किया।

पी" ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का न्यायक्षेत्र और शक्तियां गिलगित-बाल्तिस्तान तक विस्तारित है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले साल पाकिस्तान को अपना रूख सूचित किया था कि 1947 में भारत के साथ जम्मू-कश्मीर के विलय के कारण समूचा जम्मू कश्मीर, और साथ ही तथाकथित गिलगित-बाल्तिस्तान भारत का अभिन्न अंग है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि क्षेत्र की अदालतों के पास पाकिस्तान के अंदर के मुद्दों के निपटारे की कोई संवैधानिक शक्ति नहीं है, लेकिन क्षेत्र के लोग अपनी शीर्ष अदालतों के फैसलों को पाकिस्तानक के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने में सक्षम होंगे।

इसने यह भी आदेश दिया कि क्षेत्र के लोगों को संवैधानिक व्यवस्था के तहत प्रदत्त बुनियादी मानवाधिकार के अनुरूप क्षेत्र के लोगों को भी मानवाधिकार दिया जाए।

पी" ने कश्मीर की अंतरराष्ट्रीय हैसियत रेखांकित करते हुए आदेश में कहा, विवाद के पक्षों की ओर से जब भी जनमत-संग्रह कराया जाएगा, यह जम्मू-कश्मीर और गिलगित-बाल्तिस्तान के लोगों पर है कि वे अपने निर्णय करें।

आदेश में यह भी कहा गया है कि जब तक जनमत-संग्रह नहीं होता, निश्चित तौर पर यह भारत और साथ ही पाकिस्तान पर है कि वे सुनिश्चित करें कि इस क्षेत्र के लोग प्रत्यके देश के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में अधिकतम अधिकार पाएं।

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