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आतंक का कोई मजहब नहीं, इससे लड़ने के लिए वैश्व्कि सहमति जरूरीः नायडू

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:19 Sep 2018 5:10 PM GMT

आतंक का कोई मजहब नहीं, इससे लड़ने के लिए वैश्व्कि सहमति जरूरीः नायडू

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बुखारेस्ट, (भाषा)। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन करार देते हुए कहा कि इस खतरे से निपटने के लिए आवश्यक वातावरण बनाने और वैश्व्कि आम सहमति की जरूरत है।

भारत रोमानिया के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर नायडू रोमनिया आए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति क्लाउस वेरनेर लोहानिस से मुलाकात कर व्यापार,सूचना प्रोद्योगिकी रक्षा तथा अंतरिक्ष सहित साझा महत्व वाले द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर गहन चर्चा की।

नायडू ने रोमानिया की सीनेट के अध्यक्ष कैलिन पोपेस्कू तारिसिएनू से मुलाकात के बाद कहा, हमें मानवता के लिए खतरा बन चुके आतंकवाद से निपटने के लिए वातावरण तैयार करने और वैश्व्कि आम सहमति बनाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है, आतंक किसी खास जाति से संबंध नहीं रखता, यह मानवता का दुश्मन है। विश्व् से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए हमें मिल कर काम करना चाहिए ताकि विश्व् एक समृद्धशाली भविष्य की राह पर शांतिपूर्वक बढ़ सके।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट करके बताया कि उप राष्ट्रपति और रोमानिया के राष्ट्रपति ने व्यापार, छोटे और मझोले उद्योग, फार्मा,सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा, कृषि, अंतरिक्ष, विज्ञान एवं तकनीक जैसे क्षेत्रों में संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की अगुवाई की।

नायडू ने पैलेस ऑफ पार्लियामेंट में चेंबर ऑफ डेप्यूटिज के अध्यक्ष लिवियू डागने से भी मुलाकात की।

इस दौरान रोमानिया की पेट्रोलियम गैस यूनिवर्सिटी ऑफ पोलेस्टी और गुजरात के पंड]ित दीनदयाल विश्वविद्यालय के बीच क्षमता निर्माण और आपसी प्रशिक्षण के लिए सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए।

उपराष्ट्रपति ने कहा, हमारे 70 साल के प्रगाढ़ राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने पर मुझे इस खूबसूरत देश में आ कर प्रसन्नता हो रही है। मैं भारत के 1.3 अरब लोगों की शुभकामनाएं रोमानिया की जनता को देता हूं।

उन्होंने कहा, भारत और रोमानिया के बीच ऐतिहासिक, गर्मजोशी से भरे और मित्रवत संबंध हैं। मेरी यात्रा हमारे सहयोग को मजबूत करने, मित्रता को बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता और सहयोग के क्षेत्र में विविधता लाने की हमारी इच्छा को दर्शाती है।

नायडू ने कहा, पोपेस्कू-तारिसिएनू के साथ मेरी बातचीत सार्थक और रचनात्मक रही। भारत और रोमानिया के बीच लंबे समय के बेहतरीन रिश्तों ने हमारी उपयोगी मेलजोल की पृष्"भूमि तैयार की।

उन्होंने जनवरी 2019 में प्रेसिडेंसी ऑफ काउंसिल ऑफ यूरोपियन यूनियन के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

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