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भारत ने म्यामां की राष्ट्रीय शांति प्रक्रिया का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:11 Dec 2018 3:46 PM GMT

भारत ने म्यामां की राष्ट्रीय शांति प्रक्रिया का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई

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ने पी ताव,(भाषा)। भारत ने मंगलवार को स्वीकार किया कि म्यामां एक चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है और उसने उसकी राष्ट्रीय शांति प्रक्रिया को पूरा समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने म्यामां के अपने समकक्ष यू विन मिंत और स्टेट काउंसेलन आंग सान सू की से बातचीत के दौरान यह प्रतिबद्धता जाहिर की।

पांच दिवसीय दौरे पर सोमवार को यहां पहुंचे कोविंद ने अपने समकक्ष के साथ व्यापक विचार विमर्श किया।

राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट किया, राष्ट्रपति कोविंद के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल की राष्ट्रपति यू विन मिंत के साथ वार्ता हुई। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत म्यामां के साथ अपने संबंधों को विशेष प्राथमिकता देता है। म्यामां भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार है।

दोनों नेताओं ने न्यायिक प्रशिक्षण और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दो देशों के बीच सहयोग के दो समझौता ज्ञापनाकार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए।

भारत ने 50 आवासीय इकाइयां भी म्यामां को सौंपी।

भारत विकास परियोजना के तहत म्यामां के रखाइन प्रांत में 250 मकान बना रहा है। 50 मकानों को मंगलवार को आधिकारिक रूप से म्यामां के अधिकारियों को सौंपा गया।

कोविंद ने म्यामां की स्टेट काउंसेलर सू की से भी वार्ता की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, राष्ट्रपति कोविंद ने म्यामां की स्टेट काउंसेलर आंग सान सू की से मुलाकात की और म्यामां के आधुनिक इतिहास में उनकी भूमिका की प्रशंसा की और आम समृद्धि तथा बेहतर कनेक्टिविटी के लिए भारत की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।

राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत म्यामां में चल रहे सुधारों की प्रशंसा करता है। हम समझते हैं कि यह म्यामां के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। भारत राष्ट्रीय शांति प्रक्रिया के उद्देश्यों के पूर्ण समर्थन में है।

कार्यालय ने कहा कि म्यामां ने, ने पी ताव, यांगून और मांडले के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डो के माध्यम से देश में प्रवेश करने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा-आन- अराइवल सुविधा की भी घोषणा की।

राष्ट्रपति कोविंद का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दक्षिणपूर्वी एशियाई देश की तरफ चीन के कदम बढ़ रहे हैं। चीन ने म्यामां के साथ बंदरगाह को लेकर बड़ा सौदा किया है।

विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि राष्ट्रपति 12 दिसंबर को कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा के उन्नत केंद्र और राइस बायो पार्क जाएंगे। ये दोनों भारत की वित्तीय मदद से बने हैं।

उन्होंने बताया कि उसी दिन कोविंद यांगून जाएंगे और शहीदों की कब्र पर पुष्पचक्र अर्पित करेंगे। इसके अलावा वह श्वेडागोन पगोड़ा का भी दौरा करेंगे।

राष्ट्रपति इंडियन नेशनल आर्मी (आईdएनए) के जीवित बचे पूर्व सैनिकों से भी बातचीत करेंगे।

कोविंद 13 दिसंबर को श्री काली मंदिर और बहादुर शाह जफर के मजार पर भी जाएंगे।

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