भारत के एसैट परीक्षण से बढ़ सकती है चीन से प्रतिस्पर्धा
वाशिंगटन, (भाषा)। भारत के द्वारा गत महीने किया गया उपग्रह रोधी प्रक्षेपास्त्र परीक्षण स्पष्ट रूप से चीन के ओर लक्षित है और इससे नई दिल्ली की बीजिंग से प्रतिद्वंद्विता में इजाफा हो सकता है। एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने यह आकलन करते हुये कहा है कि भारत को अब खुद विस्तृत अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना चाहिये।
गौरतलब है कि 27 मार्च को भारत ने इतिहास रचते हुये निचली कक्षा के एक उपग्रह को जमीन से आकाश में मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र के माध्यम से मार गिराया था। इससे देश को वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में पहचान मिली और भारत ऐसी क्षमता हासिल करने वाला विश्व का चौथा देश बन गया। इससे पहले यह क्षमता केवल रूस, अमेरिका और चीन के ही पास थी। कार्नेगी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के वरिष्" शोधकर्ता और टाटा चेयर फॉर स्ट्रैटजिक अफेयर्स के एश्ले जे टेलिस ने कहा, भारतीय एसैट परीक्षण वास्तव में चीन की ओर लगाया गया निशाना है। अगर यह चुपचाप भी चले, तो भी इससे बीजिंग के साथ केवल प्रतिद्वंद्विता में बढ़ोतरी होगी,। उन्होंने कहा कि इससे यह बात अब छिपी नहीं है कि अब नई दिल्ली विश्व स्तर पर बड़ी भूमिका निभाना चाहता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब भारत को दीर्घावधि वाली अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत को अब बढ़ते चीनी खतरों के बावजूद अपनी अंतरिक्ष क्षमता को अवश्य ही बढ़ाना चाहिये।