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अल सीसी भारत के साथ संबंधों को ऊंचाइयों पर ले जाने के इच्छुक : अकबर

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:22 Oct 2017 3:49 PM GMT

अल सीसी भारत के साथ संबंधों को ऊंचाइयों पर ले जाने के इच्छुक : अकबर

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काहिरा, (भाषा)। विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी मिस्र और भारत के बीच संबंधों को ऊंचाइयों पर ले जाने के इच्छुक हैं।

अकबर ने कल यहां राष्ट्रपति सीसी से मुलाकात की और इसके बाद मिस्र के नेता के साथ अपनी बै"क को शानदार बताया।
उन्होंने बै"क के बाद पीटीआई भाषा से कहा,राष्ट्रपति सीसी की हमारे रिश्तों को काफी ऊंचाइयों पर ले जाने की जबर्दस्त और ईमानदार इच्छा है, जो पहले से ही काफी अच्छे हैं। यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक शक्तिशाली स्तंभ है तथा उम्मीद है कि यह और आगे जाएंगे।
अल आलामीन में बै"क के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों के साथ ही क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। अकबर ने कहा कि दोनों देशन केवल सरकार से सरकार के स्तर पर बल्कि लोगों के स्तर पर भी साझेदारी को कैसे सुधारा जा सकता है जैसे साझेदारी और सहयोग के नए अवसरों की तलाश कर लेते हैं। मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र राष्ट्रपति सीसी को सौंपा है। पत्र में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारतीय उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए मिस्र का शुक्रिया अदा किया गया है।
उन्होंने कहा,यह संबंधों के नवीकरण का पैगाम है और यह बताता है कि हम बहुपक्षीय तथा द्विपक्षीय मुद्दों पर कैसे साथ मिलकर काम कर सकते हैं। अकबर ने रेखांकित किया कि भारत ने यूनिस्को के महासचिव के लिए मिस्र के उम्मीदवार का समर्थन किया था।
मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति सीसी चार बार मिले हैं और उनके बीच गहरी दोस्ती हो गई है।
सीसी सितंबर 2016 में भारत आए थे।
अकबर ने शुक्रवार को गीज़ा गवर्नेट में आतंकी "िकाने पर छापमारी के दौरान हुई मु"भेड़ में मिस्र के पुलिसकर्मियों की मौत की निंदा की।
अकबर ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री आतंकवाद के बारे में जो कह रहे हैं उसे दोहराने का यह एक मौका है और संदेश यह है कि अच्छा आतंकवाद या बुरा आतंकवाद नहीं होता है। साभी आतंकवाद बुरे हैं और राष्ट्रपति सीसी ने इसका पूरी तरह से समर्थन किया है। अकबर ने पश्चिम एशिया में मिस्र की अहम भूमिका के लिए उसकी प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, पश्चिम एशिया को रूप देने में मिस्र ने हमेशा बहुत अहम और महत्वपूर्ण किरदार निभाया है।
मिस्र की अपनी संक्षिप्त यात्रा के दौरान अकबर ने आलामीन में भारतीय सैनिकों के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की और द्वितीय विश्व युद्ध में उनके बलिदान को याद किया।

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