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जीना हास्पेल : सख्त फैसले लेने का हौसला रखने वाली सीआईए की पहली महिला प्रमुख

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:20 May 2018 2:58 PM GMT

जीना हास्पेल : सख्त फैसले लेने का हौसला रखने वाली सीआईए की पहली महिला प्रमुख

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नई दिल्ली, (भाषा)। 30 बरस से ज्यादा समय से सीआईए से जुड़ीं और अपने कई सख्त फैसलों के कारण आलोचना का शिकार बनीं जीना हास्पेल को अमेरिका की इस शीर्ष खुफिया एजेंसी का प्रमुख बनाया गया है। यह पहला मौका है, जब इस प्रतिष्"ित पद के लिए एक महिला का चयन किया गया।

एक अक्तूबर 1956 को एशलैंड, केंटुकी में जन्मी जीना चेरी हास्पेल को पिछले साल सात फरवरी को सीआईए का उप-प्रमुख बनाया गया था। वह साल 1985 से सीआईए से जुड़ी हैं और उनके पास विदेशी मामलों का बेहतर अनुभव हैं। खुफिया एजेंसी के साथ काम करते हुए वह अधिकतर समय गुप्त एजेंट रहीं। इस दौरान उन्होंने ख़ुफ]िया सूचनाएं जुटाने, उनका विश्लेषण करने, गुप्त कार्वाई करने और विदेशी संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।शुरूआती शिक्षा की बात करें तो जीना ने ब्रिटेन में अपनी हाईस्कूल शिक्षा ग्रहण की और तीन वर्ष तक यूनिवर्सिटी आफ केंटुकी से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने 1974 में यूनिवर्सिटी ऑफ लुइविल से पढ़ाई की। उन्होंने जनवरी 1985 में सीआईए में रिपोर्ट्स अधिकारी के तौर पर कदम रखा और विभिन्न पड़ावों से गुजरते हुए इसके शीर्ष तक जा पहुंचीं।सीआईए में उनके करियर में कई बार मुश्किल हालात भी पेश आए। अमेरिका में 9ा11 हमले के बाद सीआईए के पूछताछ कार्यक्रम में उनकी भूमिका की विपक्ष और मानवाधिकार संग"नों द्वारा भारी आलोचना की जा रही थी। लेकिन छह डेमोक्रेटिक सीनेटरों के समर्थन के साथ उन्होंने 45 के मुकाबले 54 वोट हासिल कर जीत हासिल की। सीआईए के अगले निदेशक पद के लिए जीना को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नामित किया था। उनकी जीत के तुरंत बाद पर ट्रंप ने ट्वीट करते हुए कहा, हमारी नई सीआईए निदेशक जीना हास्पेल को बधाई। जीना को संदिग्ध चरमपंथियों के प्रति बहुत सख्त रवैया अपनाने के लिए जाना जाता है। द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक़, जीना हास्पेल उन अधिकारियों में शामिल थीं जिनके सामने साल 2002 में दो संदिग्ध चरमपंथियों को पूछताछ के नाम पर बुरी तरह प्रताड]ित किया गया था। इसके अलावा, वह उस आदेश में भी शामिल रहीं जिसमें थाईलैंड के एक गुप्त जेल में क्रूर तरीक़े से पूछताछ के वीडियो नष्ट करने को कहा गया था।द न्यू यॉर्कर के मुताबिक़, साल 2003 से 2005 तक वो सीआईए के एक गुप्त कार्यक्रम की वरिष्" अधिकारी भी थीं और इस पद पर रहते हुए दर्जनों संदिग्ध चरमपंथियों के साथ उनके क्रूर रवैए को लेकर उनकी आलोचना की गई थी। ऐसा कहा गया था कि क्रूर कार्वाई के तहत संदिग्ध चरमपंथियों को सोने नहीं दिया जाता था और उन्हें ताबूत में क़ैद कर दिया जाता था।ऐसा भी नहीं है कि उनके काम की सिर्फ आलोचना ही हुई हो।
आतंकवाद के ख]िलाफ़ कार्वाई करने के लिए जीना हास्पेल को जॉर्ज एस डब्ल्यू बुश सम्मान प्रदान किया गया। उन्हें डोनोवान अवार्ड, द इंटेलिजेंस मेडल ऑफ मेरिट और द प्रेजिडेंशियल रैंक अवार्ड से भी नवाजा गया।
यह 61 वर्षीय जीना का काम और उनके काम करने का अंदाज ही था कि सीआईए की वह पहली महिला निदेशक बनीं। करीब तीन दशक से सीआईए अधिकारी जीना जल्द ही सीआईए प्रमुख के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगी। वह अफीका, यूरोप और विश्व में कई खुफिया जगहों पर काम कर चुकी हैं।
इस समय एशबर्न, वर्जीनिया में रहने वाली हेस्पल ने खुफिया एजेंसी में रहते हुए विभिन्न जिम्मेदारियों को संभाला। उन्हें 1980 में अफीका में गुप्त रुप से भेजा गया था, जहां उन्होंने मदर टेरेसा की मदद की थी। सीआईए की निदेशक नियुक्त होने से पहले वह केस ऑफिसर, चार बार स्टेशन चीफ, नेशनल रिसोर्सेज डिवीजन की डिप्टी चीफ, राष्ट्रीय गुप्त सेवा की डिप्टी डायरेक्टर और सीआईए की डिप्टी डायरेक्टर रहीं।
सीआईए की प्रमुख के तौर पर हास्पेल ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों को इस बात का आश्वासन दिया है कि वह 9ा11 हमले के बाद चलाए गए पूछताछ अभियान की पुनरावृति नहीं करेंगी।

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