निजी हित के लिए विराट का इस्तेमाल गलत
यह समाचार अत्यंत क्षोभक है कि श्री राजीव गांधी जी ने जब वे देश के प्रधानमंत्री थे, जल सेना के युद्धपोत आईएनएस विराट को एक टैक्सी की भांति इस्तेमाल किया था। अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया, दिनांक 9 मई 2019 में प्रकाशित समाचार के अनुसार उन प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 1987 के दिसंबर मास में अपने परिजनों एवं मित्रों के साथ दस दिनों की छुट्टी बिताने के लिए लक्ष्यद्वीप स्थित बंगाराम नामक स्थान का चयन किया था और उस भव्य पिकनिक स्थल पर जाने के लिए उन्होंने उपर्युक्त युद्ध पोत का इस्तेमाल एक टैक्सी की भांति किया था।
समाचार के अनुसार सेना के उस युद्ध पोत यात्रा में कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे। वह युद्ध पोत दस दिनों तक वहीं, उस पिकनिक स्थल पर खड़ा रहा और वापसी के लिए भी उसे एक टैक्सी की भांति इस्तेमाल किया गया। यह एक लोकतांत्रिक विधि से चुने गए प्रधानमंत्री के ऊपर भयंकर टिप्पणी है, जो निम्नलिखित प्रश्न खड़े करती हैö
1. क्या यह समाचार सत्य है?
2.क्या भारत सरकार तथ्यों की जानकारी प्रकाशित करेगी? 3. क्या सेना के युद्ध पोत को टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है?
4. क्या भारत के प्रधानमंत्री को यह अधिकार है कि वह युद्ध पोत को टैक्सी की भांति इस्तेनाल करे?
5. यदि उन दस दिनों के दौरान जलमार्ग से कोई आक्रमण होता तो टैक्सी के रूप मे इस्तेमाल उस युद्ध पोत की अनुपस्थिति से देश की सुरक्षा पर क्या कोई प्रभाव पड़ता? 6. क्या उस महान टैक्सी का आने जाने और 10 दिनों तक अति विशिष्ट नागरिकों की सेवा में खड़े रहने का भाड़ा किराया आदि उन से वसूल किया गया था? 7. क्या नेवी और रक्षा मंत्रालय इस संदर्भ में समुचित साक्ष्य/प्रमाण आदि इकट्ठे करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लगाए गए उपर्युक्त आरोप को सिद्ध करने में सहायता करेंगे?
-डॉ. बलराम मिश्र,
लखनऊ।
करो या मरो की स्थिति में राहुल का बड़ा दांव
लोकसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है ऐसे में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने वह पासा चल दिया है जो यकीनन मोदी और अमित शाह के साथ पूरी भाजपा को बड़ी मुसीबत में डाल सकता है दरअसल राहुल गांधी के 72000 रुपए गरीबों के सीधे खाते में डालने के कई मायने हैं कांग्रेस सीधे तौर पर यह कह रही है कि वह यह रकम गरीब परिवारों की महिला सदस्यों के खाते में डालेगी इसका यह मतलब है कि महिलाएं इस योजना से आकर्षित हो और उन्हें लगे कि कांग्रेस पार्टी किसानों की कर्ज माफी करने के बाद अब महिलाओं को भी अपने जहन में रखकर कुछ देने जा रही है दरअसल उसके पीछे महिलाओं की यह सोच भी हो सकती है खासकर गरीब महिलाओं की के यह रकम उनके घरेलू खर्च में उपयोगी साबित होगी दूसरी बात यह है कि मुस्लिम महिला जो कहीं न कहीं तीन तलाक के मुद्दे पर भाजपा के साथ दिखाई देने की स्थिति में नजर आती थी वह भी राहुल गांधी के द्वारा बंधाई आशाओं के बाद पूरी तरह से भाजपा से छिटक सकती हैं और उन्हें भी यह रकम लुभा सकती है 6000 रुपए महीना और 72000 रुपए साल गरीब परिवार की महिला सदस्य के खाते में सीधे ट्रांसफर करने का जो राहुल गांधी का दाव है वह भाजपा को किस कदर परेशान किए हुए हैं इसका अंदाजा सिर्प और सिर्प इस बात से आसानी से लगाया जा सकता है कि न तो भाजपा यह कह रही है कि यह संभव नहीं है न ही भाजपा इसका विरोध कर रही है और न ही भाजपा इसे गलत मान रही है भाजपा कह रही है तो सिर्प इतना कि इससे पहले कांग्रेस और राहुल गांधी के साथ गांधी परिवार के सदस्यों और कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने गरीबी हटाने के लिए जो कुछ भी कहा और किया क्या वह वक्त पर आया लेकिन इस से बात बनती दिखाई नहीं देती अगर भाजपा ने इस 72000 रुपए के काट के संबंध में कोई रणनीति या पैंतरा नहीं खेला तो उसे लोकसभा चुनावों में काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है भारतीय जनता पार्टी के बड़े छोटे नेता चाहे जो कुछ भी कहे लेकिन हालत इस बयान और इस घोषणा के बाद भाजपा की वाकई पतली है जानकार बताते हैं कि यह रकम देना मुमकिन है और इसके कई रास्ते हैं लगभग 3.30 लाख से 4.30 लाख करोड़ रुपए का खर्चा सरकार के ऊपर बढ़ेगा सरकारी बजट का यह 13 प्रतिशत हिस्सा रहेगा और इसे सरकार किसी तरह मैनेज कर सकती है।
-जरनैल सिंह,
पंजाबी बाग, दिल्ली।