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मोंटेक सिंह ने हरियाणा सरकार के प्रयासों की सराहना की

👤 | Updated on:12 May 2010 1:03 AM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता नई दिल्ली। योजना आयोग ने विकास गति को तेज करने के हरियाणा सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए वित्त वर्ष 2010-11 के लिए हरियाणा का 18,260 करोड़ रुपये का वार्षिक योजनागत परिव्यय अनुमोदित किया है जो कि वर्ष 2009-10 के दस हजार करोड़ रुपये की योजना से 82.6 प्रतिशत अधिक है। इस परिव्यय में 11,100 करोड़ रुपये राज्य बजट, 6800 करोड़ रुपये राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के लिए तथा 360 करोड़ रुपये स्थानीय निकायों के लिए हैं, जिसे उनके अपने संसाधनों द्वारा पूरा किया जाएगा। योजना आयोग के उपाध्यक्ष डा0 मोनटेक सिंह आहलुवालिया तथा हरियाणा के मुख्य मंत्री श्री भूपेन्द सिंह हुड्डा की आज नई दिल्ली में हुई एक बैठक में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित योजना परिव्यय को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में वित्त एवं आयोजना मंत्री कैफ्टन अजय सिंह यादव, मुख्य सचिव श्रीमती ऊर्वशी गुलाटी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री छत्तर सिंह, वित्त एवं आयोजना के प्रधान सचिव श्री अजीत एम शरण तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। योजना पैनल ने विकास गति को तेज करने और उसे और अधिक समावेशी बनाने के हरियाणा सरकार के प्रयासों की सराहना की। डा0 आहलुवालिया ने इस बात के लिए हरियाणा के प्रयासों की प्रशंसा की कि राज्य सरकार ने मुख्य परियोजनाओं में सार्वजनिक निजी भागीदारी के कल्पनाशील प्रयोग से संसाधनों की कमी को विकास के मार्ग में आड़े नहीं आने दिया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए योजना आयोग से मदद की मांग की है। वित्तीय प्रबंधन के मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के वित्तीय प्रबंधन की गणना देश के श्रेष्ठ प्रबंधनों में की जाती है। वर्ष 2009-10 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 8.1 प्रतिशत की वृद्घि होने की सम्भावना है, जो कि वर्ष 2008-09 की विकास दर से 0.2 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2009-10 में राजस्व प्राफ्तियों में गत वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत की वृद्घि हुई और वैट संग्रहण 18.8 प्रतिशत बढ़ा। वित्तीय घाटा वर्ष 1998-99 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 5.13 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2010-11 में 3.59 प्रतिशत रह गया। मुख्यमंत्री ने योजना पैनल को बताया कि वर्तमान मूल्यों पर हरियाणा में प्रति व्यक्ति आय 106.67 प्रतिशत की वृद्घि के साथ वर्ष 2004-05 में 37,681 रुपये से बढ़कर वर्ष 2009-10 में 77,878 रुपये हो गई है। योजना प्रदर्शन के मामले में श्री हुड्डा ने बताया कि जब वर्तमान सरकार ने कार्यभार सम्भाला, 2004-05 में योजना का आकार 2,236 करोड़ रुपये था, जबकि वर्ष 2010-11 के लिए 18,260 करोड़ रुपये का योजना आकार प्रस्तावित है, जोकि वर्ष 2004-05 की योजना से लगभग आठ गुणा अधिक है।  

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