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मुस्लिम महिला का पूर्व बरतानवी मंत्री पर हमला

👤 | Updated on:19 May 2010 1:31 AM GMT
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लंदन की खबर है कि एक बरतानवी वजीर जो सीनियर लेबर मेम्बर ऑफ पार्लियामेंट था जिसका नाम स्टीफंस टंस बताया जा रहा है। उस पर एक मुस्लिम महिला ने छुरे से वार कर दिया। यह मंत्री उसी इलाके में रहता है जहां यह मुस्लिम महिला रहती है। मुस्लिम महिला का नाम पुलिस ने नहीं बताया। कहा जाता है कि उस महिला ने मंत्री के पेट में छुरे से दो वार किए। यह हमला उस समय हुआ जब मंत्री महाराज पूर्वी लंदन के अपने हलके में लोगों से मिल रहे थे। मिस्टर टंस का साथी एंड्रयू बेजली आपसे मिलने आए थे। केवल इसके कि यह महिला अधिक वार करती, मिस्टर टंस के साथी ने उस महिला को पकड़ लिया। मिस्टर टंस की खुशकिस्मती थी कि यह 22 वर्षीय नौजवान एंड्रयू बेजली जो मिस्टर टंस से मुलाकात करने आया था, ठीक उस वक्त वहां पहुंचा जब उस महिला ने हमला किया। इस तरह मिस्टर टंस ज्यादा घायल होने से बच गए। मिस्टर टंस पिछले लेबर सरकार के मेम्बर थे। जब आपने होश सम्भाला तो आपने उस महिला का बाजू पकड़ लिया। उससे कुश्ती लड़ते-लड़ते उसके हाथ से छुरा छीन लिया। इलाके के एक हिन्दुस्तानी शहरी उमेश देसाई ने हमलावर को निहत्था कर दिया। आपने कहा कि भगवान का शुक्र है कि उसने मिस्टर एंड्रयू को अपनी हिम्मत न हारने दी और महिला को पकड़ रखा जब तक पुलिस ने आकर उसे गिरफ्तार न कर लिया। मिस्टर टंस को को फौरन ही रॉयल लंदन अस्पताल भिजवाया गया। एस्कार्टन यार्ड पुलिस अधिकारी के मुताबिक अब वह नॉर्मल हो रहे हैं ताकि वो अपनी ड्यूटी को अंजाम दे सके। देसाई ने कहा कि मिस्टर टंस अच्छी हालत में थे। वो बहुत जल्द अस्पताल से निकलकर अपने दोस्तों और समर्थकों से मिलेंगे। पुलिस ने कहा कि उसे मालूम नहीं कि इस वक्त मिस्टर टंस कहां हैं। जिस महिला ने आप पर वार किया उसकी उम्र 21 साल बयान की जाती है। चीन में बढ़ती हुई बेरोजगारी बावजूद इस बात के कि चीन आज फौजी और व्यापारिक लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े देशों में शामिल है। उसकी अंदरुनी हालत अच्छी नहीं है। बेरोजगारी बढ़ रही है। उसका नतीजा यह है कि अधिकतर संख्या में बेचैनी के वाकयात आए दिन हो रहे हैं। जहां तक सरकार का संबंध है तो कम्युनिस्ट तरीके से ही ऐसे वाकयात से निपटती है। गरज यह कि उसे इस बात का भी ख्याल नहीं कि एक महिला से कैसा सलूक किया जा रहा है। इसी तरह खबर मिली है कि एक चीनी अदालत ने एक पुरुष को शनिवार के दिन एक दूसरे पुरुष पर हमला करने के जुर्म में मौत की सजा दी। हमले के बाद पुलिस ने आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर दिया। 47 वर्षीय आरोपी ने अदालत में बताया कि वो अपना गुस्सा सोसाइटी के खिलाफ निकाल रहा है। हमलावर के खिलाफ आतंकवाद फैलाने और उसके साथियों के उसके लिए उकसाने की सजा दी गई है। सब लोगों ने पुलिस के आरोप की तरदीद की। लेकिन इस बात का समर्थन किया कि आपको समाज के खिलाफ शिकायत होगी। जब उसे अदालत में पेश किया गया तो अपनी सफाई में उसने जो कुछ कहना था उसे रद्द कर दिया गया और उसके खिलाफ हिंसाजनक सरगर्मियां फैलाने का आरोप था। 47 वर्षीय हमलावर का कहना था कि वो समाज के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार कर रहा है। उसने यह भी कहा कि उसे सजा बहुत सख्त मिली है, हालांकि कोई हलाक न हुआ था। इस तरह साबित हो जाता है कि चीन में जरा-सी बात पर लोग भड़क उठते हैं और जहां तक पुलिस का संबंध है वो उनको समझाने में विश्वास नहीं रखती बल्कि अपने खिलाफ एक साजिश का हिस्सा मानती है। चीनी अधिकारियों को ज्यादा शिकायत इस बात की है कि चीन में रहने वाले मुसलमान अधिकतर तालिबान के जेरे असर आ रहे हैं और इस वजह से वो उनके खिलाफ अपनी नाराजगी का इजहार करती रहती है। इसी तरह थाइलैंड के प्रधानमंत्री भी देश में बढ़ती हुई बेचैनी पर दुखी हैं। थाइलैंड के नौजवान बढ़ती हुई  बेचैनी से तंग हैं लेकिन उनकी बदनसीबी यह है कि पुलिस उन्हें समझाने की बजाय उनसे सख्त रुख अपनाती है जिसका नतीजा है कि मामूली मामलों पर पुलिस भड़क उठती है।  

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