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आगरा का पेठा बहुत भाता है राम शंकर जी को

👤 | Updated on:24 May 2010 4:06 PM GMT
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  w     यमुना बेल्ट क्षेत्र में खारा पानी होने से पेयजल का संकट w     नेशनल हाइवे शहर के बीचो-बीच होने से जनता दुखी, `ताज' का रास्ता भी अलग होना चाहिए w     अलग से हाईकोर्ट बनाने और कुछ गाड़ियों के ठहराव की मांग w     आलू का उचित मूल्य मिले, आलू पर आधारित उद्योग भी स्थापित होने चाहिए w     शाकाहारी भोजन पसंद, रात को दूध जरूर पीते हैं बाजार में आजकल अनेक पकार की बहुत महंगी-महंगी मिठाइयां उपलबध हैं और ऐसी मिठाइयों के नाम भी बड़े अजीब-अजीब से हैं लेकिन बाजार में भले ही कितने पकार की मिठाइयां मिलती हों परंतु पेठे की मिठाई ऐसी मिठाई है जो सस्ती भी है और बढ़िया भी। किसी भी मिठाई में कोई मिलावट हो सकती है लेकिन पेठे की मिठाई में किसी पकार की कोई मिलावट नहीं हो सकती। यह ही नहीं बल्कि पेठे की मिठाई पाचन शक्ति के लिए भी अच्छी मानी जाती है। पेठे की मिठाई सस्ती भी है और यह जल्दी खराब होने वाली भी नहीं लेकिन मिठाई सस्ती है इसलिए बहुत कम लोग ही इसके शौकीन हैं क्योंकि आजकल लोगों को महंगी मिठाइयां खाने का ज्यादा शौक है। सांसद डॉक्टर राम शंकर को सबसे ज्यादा अच्छी पेठे की मिठाई लगती है। इसलिए वे पतिदिन पेठे की मिठाई का सेवन जरूर करते हैं। सबसे बड़ी बात यह भी है कि जो व्यक्ति आगरा का ताजमहल देखने जाएगा वह आगरे का पेठा खाएगा भी और घर के लिए लाएगा भी। उत्तर पदेश के आगरा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के सांसद डॉ. राम शंकर ने वीर अर्जुन को बताया कि उनके क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या खारे-पानी की है। उन्होंने बताया कि जहां-जहां यमुना बेल्ट का पानी है वहां सब खारा पानी है ऐसे स्थानों पर लोगों को पीने के पानी के लिए भी परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर दो शहर के बीचों-बीच से निकलता है जहां भीड़-भाड़ होने से कई बार जाम लग जाता है। उन्होंने कहा कि यहां एलीवेटर रोड होना चाहिए। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट से ताजमहल तक करीब 13 किलोमीटर का रास्ता है और इस मार्ग पर करीब 14 चौराहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां आए दिन कोई न कोई वीआईपी आता रहता है जिसके कारण जनजीवन पभावित होता है लोग वहां दफ्तरों में जाने से लेट हो जाते हैं। वहीं स्कूली बच्चे भी परेशान रहते हैं। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट से `ताज' तक अलग से बाईपास होना चाहिए। सांसद राम शंकर ने बताया कि बहुत दिनों से आगरा में अलग हाईकोर्ट बनाने की मांग चल रही है जिसकी जसवंत सिंह आयोग ने रिपोर्ट में भी सिफारिश की है। उन्होंने बताया कि `ताज' सुन्दरता को आंच न पहुंचे इसके कारण यहां उद्योग बंद हो गए हैं जिसके कारण लोग बेरोजगार होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकृतिक गैस पर आधारित उद्योग धंधे यहां स्थापित होने चाहिए। डॉ. राम शंकर ने बताया कि देश का 25 फीसदी आलू आगरा क्षेत्र में ही होता है लेकिन किसानों को इसका उचित दाम नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि यहां आलू से बनने वाली आइटमों के उद्योग स्थापित होने चाहिए। सांसद डॉ. राम शंकर ने कहा कि आगरा में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होना चाहिए और ताज के लिए रास्ता अलग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आगरा ऐतिहासिक स्थान है जहां राजधानी जैसी गाड़ियों का भी ठहराव होना चाहिए। उन्होंने बताया कि यहां एक केन्द्राrय विश्वविद्यालय भी खोलने की मांग की है। दिल्ली में जब राष्ट्रमण्डल खेल होंगे तो विदेशी मेहमान आगरा में ताज देखने भी जरूर आएंगे इसलिए इस दौरान विदेशी मेहमानो को ठहराने और उनके स्वास्थ्य जांच का भी उचित सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सांसद निधि की जो राशि मिलती है वह बहुत कम है।  इससे तो जरूरत के थोड़े बहुत ही विकास कार्य हो पाते हैं लेकिन राज्य सरकार भी विकास कार्यों पर कोई सहयोग नहीं दे रही। डॉक्टर राम शंकर सांसद तो पहली बार बने हैं इससे पूर्व ये कई वर्षों तक संघ के पचारक रहे हैं। राम शंकर जी पीएचडी डॉक्टर है। कई पुस्तकें इन्होंने लिखी हैं और कई सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि एक बार जब वे अपने खेतों में काम कर रहे थे तो जब एक हवाई जहाज को आसमान में उड़ते देखा तो आश्चर्य हुआ कि बड़े लोगों के लिए भी क्या चीज बनी है हवाई जहाज। उन्होंने छात्र जीवन की बात बताते हुए कहा कि जब वे बस में यात्रा करते थे तो खड़े रहकर ही यात्रा करते थे क्योंकि वे महिलाओं और बुजुर्गों को सीटों पर पहले बैठाते थे। सांसद राम शंकर का जन्मदिन 21 सितम्बर को होता है लेकिन जन्मदिन मनाने का इनको कोई शौक नहीं। जनहित कार्यों में काफी ज्यादा दिलचस्पी है। राम शंकर जी भले ही पीएचडी डॉक्टर बन गए हें परंतु खेतों में काम करना और हल चलाना आज भी नहीं भूले हैं। अब तो हल चलाने की बात तो दूर हल देखने को भी जल्दी से नहीं मिलता। डॉक्टर राम शंकर जी का विवाह मृदुला जी के साथ 12 फरवरी 2001 को सम्पन्न हुआ। श्रीमती मृदुला भी पीएचडी डॉक्टर हैं। डॉक्टर साहब को शाकाहारी भोजन ही पसंद है लेकिन रात को दूध जरूर पीते हैं और आलू क्योंकि घर की खेती है इसलिए आलू का सेवन भी ज्यादा करते हैं। खेलों में कबड्डी और बैडमिंटन के भी ये शौकीन रहे हैं। रमेश राजपूत  

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