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हीट को बीट करने के आसान तरीके

👤 | Updated on:31 May 2010 3:29 PM GMT
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गर्मियां आते ही बाहर ध्tप में निकलने के नाम से ही डर    लगने लगता है। गैर कामकाजी औरतें तो ध्tप में बाहर निकलने से कापफी परहेज रखती हैं। वह अपने घर से बाहर के कामों को सुबह-शाम करना पसंद करती हैं। गर्मियों में थकान, चिड़चिड़ापन ज्यादा होता है। दिन में बार-बार नहाने को दिल करता है। बार-बार शरीर में पसीना आता है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, त्वचा में पसीना आता रहता है और अगर पसीना लम्बे समय तक शरीर में बना रहे तो चिपचिपाहट से दुर्गंध् आने लगती है। पसीने के साथ आने वाली र्दुंगध् से छुटकारा पाने के लिए नहाना भी जरूरी होता है। गर्मियों में टेलकम पाउडर और परफ्रयूम का इस्तेमाल भले ही कुछ समय के लिए ही सही मगर हमें तरोताजा रखता है। गर्मियां आते ही बाहर ध्tप में निकलने के नाम से ही डर लगने लगता है। गैर कामकाजी औरतें तो ध्tप में बाहर निकलने से कापफी परहेज रखती हैं। वह अपने घर से बाहर के कामों को सुबह-शाम करना पसंद करती हैं। गर्मियों में थकान, चिड़चिड़ापन ज्यादा होता है। दिन में बार-बार नहाने को दिल करता है। बार-बार शरीर में पसीना आता है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, त्वचा में पसीना आता रहता है और अगर पसीना लम्बे समय तक शरीर में बना रहे तो चिपचिपाहट से दुर्गंध् आने लगती है। पसीने के साथ आने वाली र्दुंगध् से छुटकारा पाने के लिए नहाना भी जरूरी होता है। गर्मियों में टेलकम पाउडर और परफ्रयूम का इस्तेमाल भले ही कुछ समय के लिए ही सही मगर हमें तरोताजा रखता है। "ंडे-"ंडे पानी से नहाना चाहिए"ंडे-"ंडे पानी से नहाना चाहिए गर्मी के दिनें में दो या तीन बार नहाया जा सकता है। नहाने के समय शरीर पर क्रबर का पयोग करें। क्योंकि शरीर में चिपके कीटाणु और दुर्गंध् दूर करना जरूरी होता है। नहाते समय शरीर के सभी हिस्सों गर्दन, बगलों व पैरों को अच्छे ढंग से सापफ करेंऋ क्योंकि गर्मी के दिनों में खासतौर पर इन्हीं हिस्सों में कीटाणु जमा होकर बदबू पैदा करते हैं। नहाने के पानी में कोलीन मिलाएंं। चंदन, गुलाब और खसयुक्त शावर जेल व बॉडी शैम्पू का इस्तेमाल करें। इनसे घमौरियों से बचने में भी मदद मिलती है।गर्मी के दिनें में दो या तीन बार नहाया जा सकता है। नहाने के समय शरीर पर क्रबर का पयोग करें। क्योंकि शरीर में चिपके कीटाणु और दुर्गंध् दूर करना जरूरी होता है। नहाते समय शरीर के सभी हिस्सों गर्दन, बगलों व पैरों को अच्छे ढंग से सापफ करेंऋ क्योंकि गर्मी के दिनों में खासतौर पर इन्हीं हिस्सों में कीटाणु जमा होकर बदबू पैदा करते हैं। नहाने के पानी में कोलीन मिलाएंं। चंदन, गुलाब और खसयुक्त शावर जेल व बॉडी शैम्पू का इस्तेमाल करें। इनसे घमौरियों से बचने में भी मदद मिलती है। गर्मियों में स्पे की बजाय रॉल ऑन डिओ इस मौसम के अनुकूल होता है। डियोड्रेंट की खुशबू ज्यादा तीखी नहीं होनी चाहिए। इन्हें खरीदने से पहले टेस्ट करके देखें कि कहीं इससे शरीर में कोई एलर्जी तो नहीं होती। टेस्ट करने के लिए अपनी बाजू में इसे लगाकर देखें। अगर थोड़ी देर में जलन होने लगे तो इसे इस्तेमाल में न लाएं। बिना नहाए पसीने की गंध को दूर करने के लिए तेज डियोड्रेंट लगाकार पसीने की गंध् रोकने का पयास न करें। डियोड्रेंट और पसीने की गंध् मिलकर एक अजीब किस्म की महक देते हैं। जिससे कापफी परेशानी होती है। अपने बैग में गर्मी के दिनो में टीश्यू, गुलाब या लेवेंडरयुक्त स्किनटॉनिक हमेशा अपने साथ रखें और इसे पयोग में लाएं।गर्मियों में स्पे की बजाय रॉल ऑन डिओ इस मौसम के अनुकूल होता है। डियोड्रेंट की खुशबू ज्यादा तीखी नहीं होनी चाहिए। इन्हें खरीदने से पहले टेस्ट करके देखें कि कहीं इससे शरीर में कोई एलर्जी तो नहीं होती। टेस्ट करने के लिए अपनी बाजू में इसे लगाकर देखें। अगर थोड़ी देर में जलन होने लगे तो इसे इस्तेमाल में न लाएं। बिना नहाए पसीने की गंध को दूर करने के लिए तेज डियोड्रेंट लगाकार पसीने की गंध् रोकने का पयास न करें। डियोड्रेंट और पसीने की गंध् मिलकर एक अजीब किस्म की महक देते हैं। जिससे कापफी परेशानी होती है। अपने बैग में गर्मी के दिनो में टीश्यू, गुलाब या लेवेंडरयुक्त स्किनटॉनिक हमेशा अपने साथ रखें और इसे पयोग में लाएं। गर्मी के दिनों में या उमस भरे मौसम में नींबू की ताजगी भरे परफ्रयूम उपयुक्त होते हैं। परफ्रयूम की महक धमी हो। तेज परफ्रयूम की खुशबू सिर में चढ़ने लगती हैं। कुछ लोगों को परफ्रयूम से एलर्जी होती है। उन्हें परफ्रयूम लगाने वालों के संपर्क में आने पर ही सिरदर्द होने लगता है। "ंडे और ड्राई मौसम में तेज परफ्रयूम का इस्तेमाल किया जाता है। गर्मी के दिनों में नींबू, गुलाब या चंदन वाला परफ्रयूम इस्तेमाल में लाएं। सुबह के समय भीनी और हल्की महक वाले और रात के समय तेज महक वाले परफ्रयूम का इस्तेमाल करें।गर्मी के दिनों में या उमस भरे मौसम में नींबू की ताजगी भरे परफ्रयूम उपयुक्त होते हैं। परफ्रयूम की महक धमी हो। तेज परफ्रयूम की खुशबू सिर में चढ़ने लगती हैं। कुछ लोगों को परफ्रयूम से एलर्जी होती है। उन्हें परफ्रयूम लगाने वालों के संपर्क में आने पर ही सिरदर्द होने लगता है। "ंडे और ड्राई मौसम में तेज परफ्रयूम का इस्तेमाल किया जाता है। गर्मी के दिनों में नींबू, गुलाब या चंदन वाला परफ्रयूम इस्तेमाल में लाएं। सुबह के समय भीनी और हल्की महक वाले और रात के समय तेज महक वाले परफ्रयूम का इस्तेमाल करें। गर्मियों में पहनने के लिए सूती अंडरगार्मेंट पहनें। सूती कपड़े पसीने को जल्दी सोखते हैं। अपने अंडरगार्मेंट्स पतिदिन बदलें। इसके अलावा काटन, ऑरगेंजा, शिपफान के कपड़े पहनें। सर्दियों की तुलना में गर्मियों में ज्वैलरी पहनने से कापफी गर्मी का एहसास होता है इसलिए इन दिनों ज्वैलरी पहननें से बचें। ज्वैलरी का बहुत अध्कि शौक होने पर सिपर्फ एक एक्सेसरी पहने जो अलग सी दिखाई देती हो। गले का नेकलेस ज्यादा कसा हुआ न हो। लम्बी चेन और मोतियों के बने गहने पहनें। गर्मियों में गर्दन पर बाल आने से गर्मी लगती है। बालों को छोटा कटवांए। अगर बाल लम्बे हैं तो उन्हें हेयर क्लिप के सहारे पीछे की ओर पिनअप करके या बैक क्लिप लगाकर बांध्कर रखें। गर्मी के दिनों में शरीर में पानी कम हो जाता है ऐसी स्थिति में पानी की भरपाई करना जरूरी हो जाता है। इन दिनों प्यास ज्यादा लगती है इसलिए पतिदिन 6-10 गिलास पानी रोज पीना चाहिए। नींबू का पयोग गर्मी के दिनों में ज्यादा करें। कोलड्रिंक, ताजे पफलों का जूस पियें। डिब्बाबंद ड्रिंक्स की बजाय ताजे पफलों का जूस लें। जूस ताजा निकालकर पियें। जूस के अलावा हर्बल ड्रिंक्स लें। गर्म चाय-कॉपफी की बजाय आइस टी लें। जलजीरा बनाकर उसे पिफजर में रखें और उसमें बपर्फ डालकर पियें। यह गर्मियों के लिए सेहतमंद ड्रिंक है। इसके अलावा, स्पाउट, लस्सी, दही वगैरह अपनी डाइट में रोजाना शामिल करें। रसेदार, मौसमी, ताजे पफल खाएं। खीरा, ककड़ी, टमाटर खाएं। इससे शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है। क्येंकि इनमें पर्याप्त मात्राा में पानी होता है और यह पसीने में बहने वाले पानी की क्षतिपूर्ति आसानी से कर सकते हैं। दही में शहद या ताजे पफल डालकर खाएं। दही की     लस्सी पियें। यह बेहद पाचक होती है। गर्मियों में पहनने के लिए सूती अंडरगार्मेंट पहनें। सूती कपड़े पसीने को जल्दी सोखते हैं। अपने अंडरगार्मेंट्स पतिदिन बदलें। इसके अलावा काटन, ऑरगेंजा, शिपफान के कपड़े पहनें। सर्दियों की तुलना में गर्मियों में ज्वैलरी पहनने से कापफी गर्मी का एहसास होता है इसलिए इन दिनों ज्वैलरी पहननें से बचें। ज्वैलरी का बहुत अध्कि शौक होने पर सिपर्फ एक एक्सेसरी पहने जो अलग सी दिखाई देती हो। गले का नेकलेस ज्यादा कसा हुआ न हो। लम्बी चेन और मोतियों के बने गहने पहनें। गर्मियों में गर्दन पर बाल आने से गर्मी लगती है। बालों को छोटा कटवांए। अगर बाल लम्बे हैं तो उन्हें हेयर क्लिप के सहारे पीछे की ओर पिनअप करके या बैक क्लिप लगाकर बांध्कर रखें। गर्मी के दिनों में शरीर में पानी कम हो जाता है ऐसी स्थिति में पानी की भरपाई करना जरूरी हो जाता है। इन दिनों प्यास ज्यादा लगती है इसलिए पतिदिन 6-10 गिलास पानी रोज पीना चाहिए। नींबू का पयोग गर्मी के दिनों में ज्यादा करें। कोलड्रिंक, ताजे पफलों का जूस पियें। डिब्बाबंद ड्रिंक्स की बजाय ताजे पफलों का जूस लें। जूस ताजा निकालकर पियें। जूस के अलावा हर्बल ड्रिंक्स लें। गर्म चाय-कॉपफी की बजाय आइस टी लें। जलजीरा बनाकर उसे पिफजर में रखें और उसमें बपर्फ डालकर पियें। यह गर्मियों के लिए सेहतमंद ड्रिंक है। इसके अलावा, स्पाउट, लस्सी, दही वगैरह अपनी डाइट में रोजाना शामिल करें। रसेदार, मौसमी, ताजे पफल खाएं। खीरा, ककड़ी, टमाटर खाएं। इससे शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है। क्येंकि इनमें पर्याप्त मात्राा में पानी होता है और यह पसीने में बहने वाले पानी की क्षतिपूर्ति आसानी से कर सकते हैं। दही में शहद या ताजे पफल डालकर खाएं। दही की लस्सी पियें। यह बेहद पाचक होती है। अनु आर.  

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