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रोटी खाओ , सेहत बनाओ

👤 | Updated on:31 May 2010 3:30 PM GMT
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भारत में किसी भी पांत की बात की जाए, बिना ब्रेड या रोटी के वहां का खाना अध्tरा होता है। भारत के जिन पदेशों में चावल उगाया जाता है वहां चावल की ज्यादा पैदावार होने के बावजूद रोटी भी चावल के साथ खायी जाती हैं। रोटी चाहे चूल्हे में पकायी जाए, स्टोव पर या गैस पर। सब्जी के साथ या मांस के साथ या दाल के साथ चांद के आकार की रोटी हर चीज के साथ स्वाद लगती है। भारत के विभिन्न पांतों में हालांकि गेहूं की कई किस्में मिलती हैं। इसके अलावा भी कई किस्म की दलहनें और मोटे अनाज हैं जिन्हें पीसकर रोटी बनाई जाती है। जौ, बाजरा, चना और मटर के दानों से पिसा आटा और उस आटे से तैयार रोटी सेहत के लिए पफायदेमंद होती है। आजकल तो स्वास्थ्य के पति सजगता लगातार बढ़ रही है तो लोग गेहूं के अलावा कई अन्य किस्म के मोटे अनाजों से बनी रोटियां  भी खायी जाती हैंऋ क्योंकि यह ज्यादा पौष्टिक होती हैं। बाजरे के आटे से तैयार रोटी पफाइबर, आयरन और कैल्सियम से भरपूर होती है। इसके अलावा इसमें खनिज लवण और विटामिन भी पाये जाते हैं। बाजरे में मौजूद पफाइबर पानी में घुलनशील होता है जो शरीर में पथरी बनने से रोकता है। बाजरे के अलावा रागी की रोटी भी कर्नाटक और आंध्र खखपदेश में शौक से खायी जाती है। रागी से बने आटे से डोसा और रोटी बनायी जाती है। इसके अलावा रागी के दाने पीसकर इसे दूध्, उबले पानी या दही के साथ खाया जाता है। रागी में 9.8 पतिशत पोटीन होता है। इसमें मौजूद एमिनो एसिड और विटामिन ए इसे पौष्टिक बनाते हैं। रागी के बिस्किट और केक बढ़ने वाले बच्चों और गर्भवती स्त्रिायों व बूढ़ों के लिए होते हैं। क्योंकि इसमें आयरन और कैल्सियम भरपूर मात्राा में पाया जाता है। रागी मध्gमेह के रोगियों के लिए भी पफायदेमंद होती है। इसमें मौजूद पफाइबर कब्ज, उच्च रक्तचाप और आंत के कैंसर से बचाता है। राजस्थानी भोजन में बाजरा कापफी इस्तेमाल होता है। इसमें आयरन भरपूर मात्राा में होता है। यह शरीर में कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रात करता है। इसके अलावा इसमें मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, विटामिन ए और विटामिन बी कॉम्प्लैक्स मिलता है। इसे पूरी दुनिया में पक्षियों का भोजन कहा जाता है। भारत में इसकी पैदावार राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, उत्तर पदेश और महाराष्ट्र में खूब होती है। बाजरा हड्डियों के लिए भी पफायदेमंद होता है। इसमें कैल्सियम अनसैचुरेटेड पफैट होती है जो शरीर के लिए पफायदेमंद होती है। बाजरे की रोटी सर्दियों में खायी जानी चाहिए। क्योंकि यह जल्दी पचती नहीं है। ज्वार, बाजरे के अलावा मक्का की रोटी उत्तरी भारत में विशेष तौर पर पंजाब में अध्कि खायी जाती है। इसे पंजाब में सरसों के साग के साथ या मूली और मेथी की पत्तियों के साग के साथ खायी जाती है। इसमें विटामिन बी-1, बी-5 पफाइबर, विटामिन सी, पफास्पफोरस और मैग्नीज पाया जाता है। इसमें बीटा, कैरोटीन और विटामिन ए होता है जिसके कारण इसका रंग पीला होता है। यह दिल की सेहत के लिए पफायदेमंद होती है। इसमें मौजूद पफोलेड जन्मजात विकारों को दूर करने में सहायक होता है। पफोलेड युक्त खाद्य पदार्थ से आंत के कैंसर होने के खतरे कम होते हैं। जिन लोगों को गेहूं से एलर्जी होती है वह इसे आराम से खा सकते हैं। इसमें मौजूद ग्लूटन के कारण यह आसानी से पच जाता है। मक्का के अलावा जौ की रोटी भारत में कई सौ सालों से खायी जाती रही है। इसमें बीटा कैरोटीन, ग्लूकोन कंटेन्ट होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। साप्ताह में छः बार जौ की रोटी खाना पफायदेमंद होता है। मोनोपॉज के बाद हाई कोलेस्ट्रॉल या कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से बचाव के लिए इसे खाना जरूरी है। जौ में कैंसर से बचाव करने वाले तत्व होते हैं। इसमें मैग्नीशियम होता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए पफायदेमंद होता है। जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं। उन्हें दिन में एक बार जौ की रोटी खानी चाहिए। जौ के अलावा ज्वार की रोटी भी कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा में खायी जाती है। आज कल सुपर मार्केट में इसके पफार्मूले पर बने पोडक्ट लोगों द्वारा खूब खाये जाते है। इसमें पोटैशियम, पफास्पफोरस, आयरन, कैल्सियम और सोडियम कापफी मात्राा में होता है। यह दिल के रोगियों के लिए भी पफायदेमंद होती है। इन तमाम तरह की रोटियों के अलावा काले चने और मटर के आटे से बनी रोटियां भी सेहत के लिए पफायदेमंद होती हैं। 100 ग्राम काले चने में 17.1 ग्राम पोटीन होता है। इसके अलावा बेसन के आटे में पति 100 ग्राम में 20.8 ग्राम पोटीन होता है। इन दोनों तरह के आटों से परंपरागत मिस्सी रोटी बनायी जाती है जो गुजरात में खास तौर पर खायी जाती है। काले चने में विटामिन बी कॉम्प्लैक्स और दूसरे विटामिन पाये जाते हैं। यह मध्gमेह के रोगियों के लिए भी पफायदेमंद होता है। क्योंकि यह शरीर में ग्लूकोज को नियंत्रात करता है। यह आयरन का बड़ा स्रोत होता है जिसके कारण यह एनीमिया के रोगियों के लिए पफायदेमंद होता है। रोटियों में सबसे अच्छी रोटी गेहूं की रोटी होती है। चिकित्सक आजकल विभिन्न तरह के मोटे अनाजों को पिसवाकर उसकी रोटी खाने की सलाह देते हैं। क्योंकि उनके अनुसार एक अनाज से बने आटे की रोटी में कई पोषक तत्वों की कमी रह जाती है। गेहूं में पफोलिक एसिड कापफी मात्राा में पाया जाता है। इसलिए गेहूं के आटे की रोटी हमारी सेहत के लिए  बेहद पफायदेमंद होती है। करमचंद  

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